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तेजी से भाग रही अपनी अर्थव्यवस्था, फिर क्यों भारत छोड़ रहे अमीर?
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल कम से कम 6500 हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल भारत छोड़कर जा सकते हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
भारत तेजी से भागती अर्थव्यवस्था वाला देश है. मोदी सरकार का दावा है कि देश की आर्थिक रफ्तार बढ़ाने के लिए वो कर संभव प्रयास कर रही है. भारत में बिजनेस करना आसान बनाया गया है और कारोबारियों को तमाम तरह की रियायतें मिल रही हैं. इसके बावजूद बड़ी संख्या में अमीरों का देश छोड़कर जाना चौंकाने वाला है. दुनियाभर में वेल्थ और इवेंस्टमेंट माइग्रेशन पर नजर रखने वाली कंपनी 'हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन की 2023 की रिपोर्ट (Henley Private Wealth Migration Report, 2023) में बताया गया है कि इस साल लगभ 6500 हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (High Networth Individuals-HNWIs) भारत छोड़कर विदेश जा सकते हैं.
पहले नंबर पर China
भारत इस मामले में दूसरे नंबर पर है, पहले नंबर पर पड़ोसी चीन है. करीब 13500 हाई-नेटवर्थ इंडिविजुअल चीन छोड़कर जा सकते हैं. तीसरे स्थान पर यूनाइटेड किंग्डम यानी UK है, वहां से 3200 HNWIs किसी दूसरे देश में बसने की योजना बना रहे हैं. इस लिस्ट में चौथे नंबर पर रूस है. इस साल रूस से 3000 दौलतमंद अपना बोरिया बिस्तर समेटकर किसी दूसरे देश का रुख कर सकते हैं. पिछले साल 8500 हाई-नेटवर्थ इंडिविजुअल रूस छोड़कर चले गए थे. वहीं, भारत में 2022 में यह आंकड़ा 7500 था. इस लिहाज से देखें तो इस साल देश छोड़ने वाले अमीरों की संख्या में गिरावट आई है.
कौन हैं हाई-नेटवर्थ इंडिविजुअल?
इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंसी फर्म हेनले एंड पार्टनर्स के मुताबिक, हाई-नेटवर्थ इंडिविजुअल वे शख्स हैं, जिनके पास 1 मिलियन डॉलर या 8.22 करोड़ रुपए की निवेश योग्य संपत्ति है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हालिया और लगातार उथल-पुथल बदलाव का कारण बनी है. अधिकांश निवेशक अपने परिवारों की सुरक्षा से लेकर शिक्षा, हेल्थ सर्विस, जलवायु परिवर्तन और यहां तक कि क्रिप्टो फ्रेंडली माहौल जैसे कारणों को लेकर किसी दूसरे देश में बसने के बारे में सोच रहे हैं. इसके अलावा, भारत के टैक्स कानून और उसकी जटिलताओं को चलते भी करोड़पति भारतीय यहां से पलायन कर रहे हैं.
कौनसे देश हैं पहली पसंद?
रिपोर्ट के अनुसार, दुबई और सिंगापुर अमीर भारतीय परिवारों के लिए पसंदीदा स्थान बने हुए हैं. गोल्डन वीजा प्रोग्राम (Golden Visa Programme) जैसे इंसेंटिव, अनुकूल टैक्स का माहौल, मजबूत व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र और सुरक्षित, शांतिपूर्ण वातावरण जैसी सुविधाएं भारतीयों को इन देशों में बसने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. वहीं, 10 देश में 9 देश जहां इस साल HNWIs का सबसे ज्यादा इंफ्लो देखने को मिलेगा, वे इंवेस्टमेंट को प्रोत्साहन के साथ नागरिकता प्रदान करते हैं. उधर, इंफोसिस के बोर्ड के पूर्व सदस्य टी.वी मोहनदास पाई ने ट्वीट करके भारतीय अमीरों के पलायन के लिए सरकार की नीतियों को दोषी बताया है. उन्होंने लिखा है वित्त मंत्रालय ने हाई-नेटवर्थ इंडिविजुअल का जीना मुश्किल कर दिया है.
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