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Notebandi 2.0 ने पेट्रोल डीलर्स की बढ़ाई टेंशन, RBI से लगाई ये गुहार
ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन को इस बात की भी चिंता है कि उन्हें इनकम टैक्स के नोटिस या छापे जैसी कार्रवाई का फिर से सामना न करना पड़े.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
नोटबंदी 2.0 की घोषणा के साथ ही 2016 जैसी चिंताएं भी लौट आई हैं. खासकर कारोबारियों को डर सता रहा है कि कहीं उन्हें नोटबंदी 1.0 जैसी परेशानियों से दो-चार न होना पड़े. इस बीच, ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का ध्यान अपनी समस्याओं की तरफ आकर्षित किया है. एसोसिएशन का कहना है कि नोटबंदी 2.0 की घोषणा के साथ ही दो हजार रुपए के साथ पेट्रोल भरवाने पहुंच रहे लोगों की संख्या में एकदम से तेजी आ गई है.
इतनी बढ़ गई हिस्सेदारी
एसोसिएशन का कहना है कि वाहन चालक 100-200 रुपए के पेट्रोल के लिए भी 2000 का नोट दे रहे हैं. ऐसे में देशभर के पेट्रोल पंपों के पास दूसरे नोट्स की कमी हो गई है. लिहाजा, RBI सभी बैंकों के लिए दिशानिर्देश जारी करे कि पेट्रोल पंपों को 2000 रुपए के बदले पर्याप्त छोटे नोट दिए जाएं. ताकि उनका कामकाज सुचारू रूप से चल सके. एसोसिएशन की तरफ से बताया गया है कि नोटबंदी 2.0 की घोषणा से पहले तक पेट्रोल पंपों की कैश सेल्स में 2000 नोटों की हिस्सेदारी केवल 10% थी, जो अब सीधे 90% हो गई है.
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इस बात का भी है डर
ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन को इस बात की भी चिंता है कि उन्हें इनकम टैक्स के नोटिस या छापे जैसी कार्रवाई का फिर से सामना न करना पड़े. 2016 की नोटबंदी के बाद कई डीलर्स को बिना किसी गलती के इस तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ा था. एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा कि उस दौरान पेट्रोल पंपों पर कैश में होने वाली सेल एकदम से बढ़ गई थी. लोग 500 और 1000 रुपए में ही पेमेंट कर रहे थे, जिन्हें RBI ने अमान्य घोषित कर दिया था. आयकर विभाग की तरफ से ज्यादा भुगतान प्राप्त करने को लेकर नोटिस दिए गए थे, जबकि इसकी सीधी वजह बिक्री बढ़ना थी.
डिजिटल पेमेंट में आई कमी
एसोसिएशन का यह भी कहना है कि डिजिटल पेमेंट में RBI की घोषणा के बाद से कमी आई है. पेट्रोल पंपों की दैनिक बिक्री में डिजिटल पेमेंट की हिस्सेदारी बीते शुक्रवार से पहले 40% थी, जो अब 10 प्रतिशत रह गई है. जबकि नकद में होने वाली बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है, क्योंकि वाहन मालिक जानबूझकर 2000 रुपए के नोट से भुगतान कर रहे हैं. इसके साथ ही एसोसिएशन ने लोगों से भी अपील करते हुए कहा है कि उन्हें डीलर्स की परेशानी को भी समझना चाहिए कि उनके लिए भी हर व्यक्ति को 2000 के छुट्टे देना संभव नहीं है.
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