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अब ग्रीन हाइड्रोजन के लिए इतनी रकम जुटाने की तैयारी कर रहा है देश का ये प्रमुख समूह
दरअसल कंपनी मानकर चल रही है कि ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में वो दिन दूर नहीं है जब ग्रीन हाइड्रोजन 1 डॉलर से कम कीमत पर उपलब्ध हो पाएगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
पोर्ट टू पॉवर सहित कई अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले अडानी समूह की अगली तैयारी अब ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर हो रही है. ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य का पेट्रोल डीजल माना जा रहा है. ऐसे में समूह अब इसके लिए फंड जुटाने की तैयारी कर रहा है. समूह इसके लिए 4 बिलियन डॉलर जुटाने की तैयारी कर रहा है. समूह के लिए ये काम अडानी न्यू एनर्जी करेगा.
सस्ती ग्रीन हाइड्रोजन जुटाने की है योजना
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में सस्ती ग्रीन हाइड्रोजन देने के लिए अडानी समूह की सहायक कंपनी अडानी न्यू एनर्जी विदेशी बैंकों से इस प्रोजेक्ट के लिए पैसा जुटाने का काम करेगी. कंपनी ने इसके लिए प्रारंभिक चरण की बातचीत शुरू भी कर दी है. हालांकि इस बारे में जब कंपनी के प्रतिनिधियों से बात की गई तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया है.
इस कंपनी के साथ हो सकती है अहम साझेदारी
इस क्षेत्र में काम करने के लिए कंपनी फ्रांस की एनर्जी कंपनी टोटल एनर्जी के साथ हाथ मिला सकती है. दोनों हरित ऊर्जा की दिशा में पहले ही 5 बिलियन डॉलर तक निवेश करने की योजना पर काम कर रहे हैं. दरअसल भारत तेजी से डीकार्बनाइजेशन को लेकर काम कर रहा है. वहीं गौतम अडानी पहले ही कह चुके हैं कि समूह अपने 75 प्रतिशत व्यय को ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में लगाना चाहता है. उनकी कंपनियां ग्रीन एनर्जी प्रोडक्ट पर 20 बिलियन डॉलर निवेश करने की तैयारी कर रही हैं.
क्या 1 डॉलर से कम पर मिलेगी ग्रीन हाइड्रोजन?
दरअसल ग्रीन एनर्जी को लेकर पीएम मोदी भारत के संकल्प को कई मंचों से दुनिया के सामने रख चुके हैं. ऐसे में एक ओर जहां गौतम अडानी की कंपनियां इस दिशा में काम कर रही हैं वहीं दूसरी ओर मुकेश अंबानी की कंपनियां भी ग्रीन एनर्जी को लेकर काम कर रही हैं. अडानी समूह अपनी वेबसाइट में कहता है कि ऐसे परिदृश्य की परिकल्पना करना बहुत मुश्किल नहीं है जब देश में ग्रीन हाइड्रोजन 1 डॉलर प्रति किलोग्राम से कम कीमत पर मिलेगी. इससे भारत की कच्चे तेल के लिए दुनिया पर निर्भरता भी कम होगी. लेकिन अब अडानी समूह टोटल से अलग निवेश जुटाने की तैयारी कर रहा है.
2027 तक तैयार हो जाएगा पहला प्लांट
अडानी समूह गुजरात में बनाई जा रही पहली यूनिट पर पैसा लगाने की योजना बना रही है. इस यूनिट का टॉरगेट 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष तक है.इस संयंत्र से ग्रीन हाइड्रोजन बनाने का लक्ष्य 2027 तक शुरू होने का लक्ष्य है. जनवरी में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी समूह को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब समूह लगातार निवेश जुटाने के लिए कोशिश कर रहा है. जो बताता है कि समूह एक बार फिर बाजार का विश्वास जीत रहा है.
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