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2000 के नोट स्वीकार कर रहे हैं Jewellers, लेकिन इन शर्तों के साथ
रिजर्व बैंक ने 2000 रुपए के नोट बंद करने की घोषणा की है. 30 सितंबर तक इन नोटों से बैंकों से बदला जा सकेगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
नोटबंदी 1.0 के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करने वाले ज्वैलर्स (Jewellers) अब नोटबंदी 2.0 के दौरान काफी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं. 2000 रुपए के नोट से पेमेंट करने वाले ग्राहकों के लिए उन्होंने Pan Card या आधार कार्ड की कॉपी सबमिट करना अनिवार्य कर दिया है. ताकि भविष्य में उन्हें किसी तरह की दिक्कत से दो-चार न होने पड़े.
2016 वाली स्थिति
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बीते शुक्रवार को 2000 के नोट वापस लेने की घोषणा की. हालांकि, जिन लोगों के पास दो हजार के नोट हैं, वो 30 सितंबर तक उसे बैंक से बदल सकते हैं या डिपॉजिट कर सकते हैं. एक बार में केवल 20,000 यानी दो हजार से 10 नोट ही बदले जा सकते हैं. ये स्थिति बिल्कुल 2016 की नोटबंदी जैसी है, जब ज्वैलर्स को 500 और 1000 के अमान्य करार दिए गए नोटों को स्वीकार करने के लिए टैक्स स्क्रूटनी का सामना करना पड़ा था. इसलिए ज्वैलर्स एहतियात के तौर पर ऐसे खरीदारों से Pan Card या आधार कार्ड की कॉपी भी ले रहे हैं, जो 2000 के नोट में भुगतान कर रहे हैं.
ग्राहकों की हो रही KYC
अधिकांश ज्वैलर्स का कहना है कि 2000 रुपए के नोट से पेमेंट करने वाले ग्राहकों की KYC की जा रही है, ताकि जब वो बंद हो चुके 2 हजार के नोटों को बैंक में जमा कराएं तो उनके पास भी पूरा रिकॉर्ड हो. उन्होंने इस तरह की खबरों को पूरी तरह गलत बताया कि दो हजार के नोट स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं. बता दें कि KYC का मतलब Know Your Customer है और इस प्रक्रिया में सम्बंधित व्यक्ति को Pan और Aadhaar card की कॉपी जमा करनी होती हैं.
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पहले से बरत रहे सतर्कता
पुणे स्थित एक फेमस ज्वैलर ने कहा कि उनके सभी स्टोर्स पर 2 हजार के नोट स्वीकार किए जा रहे हैं. हालांकि, इस हाईएस्ट डिनॉमिनेशन करेंसी से पेमेंट करने वालों से एक हस्ताक्षरित घोषणा पत्र, पैन और आधार कार्ड की कॉपी ली जा रही है. वहीं, एक अन्य आभूषण विक्रेता ने कहा कि उनके स्टोर्स पर पहले से ही 50 हजार से ऊपर की खरीदारी पर PAN और Aadhaar card की कॉपी देना अनिवार्य किया गया है. दो हजार के नोट भी उसी सूरत में स्वीकार किए जा रहे हैं, यदि ग्राहक पैन या आधार कार्ड देने के लिए राजी है.
क्या कहता है कानून?
बता दें कि Prevention of Money Laundering Act या PMLA के तहत प्रति व्यक्ति ₹50,000 तक की बिक्री KYC फ्री है. यानी इसके लिए KYC की जरूरत नहीं है. लेकिन 50 हजार से लेकर 2 लाख तक की बिक्री के लिए आधार कार्ड जैसे व्यक्तिगत पहचान प्रमाण की आवश्यकता होती है, और इस मूल्य से अधिक की खरीद या बिक्री के लिए पैन कार्ड अनिवार्य है. ज्वैलर्स को 2016 की नोटबंदी के बाद टैक्स संबंधी जांच का सामना करना पड़ा था, इसलिए वो अब कोई जोखिम लेने के मूड में नहीं हैं.
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