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IDBI बैंक में जापान और अमेरिका की इन कंपनियों ने भी दिखाई दिलचस्पी!
मोदी सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) दोनों के पास आईडीबीआई बैंक में 94.71 फीसदी की हिस्सेदारी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
IDBI Bank को निजी हाथों में सौंपने की दिशा में मोदी सरकार तेजी से काम कर रही है. माना जा रहा है कि FY 2023-24 में सरकार बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेच देगी. सरकार ने 7 अक्टूबर को आईडीबीआई बैंक के एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं. घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों ने इस बैंक को अपना बनाने में रुचि दिखाई है. मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि EoI सबमिट करने वालों में जापान का एक बैंक और अमेरिका की एक कंपनी शामिल हैं.
किसकी, कितनी हिस्सेदारी?
रिपोर्ट्स के अनुसार, जापान के Sumitomo Mitsui Banking Corporation Group (SMBC Bank) और अमेरिका की एसेट मैनेजमेंट कंपनी Oaktree Capital Management ने IDBI बैंक में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. Oaktree के फाउंडर मशहूर निवेशक Howard Marks हैं. सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) दोनों के पास आईडीबीआई बैंक में 94.71 फीसदी की हिस्सेदारी है. इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 45.48% और एलआईसी की 49.24 फीसदी है. कुल मिलाकर सरकार और LIC मिलकर IDBI बैंक में 60.72 फीसदी की हिस्सेदारी बेचेंगे.
मिल रहा अच्छा रिस्पांस
हाल ही में डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने बताया था कि IDBI बैंक को लेकर काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों ने इस बैंक को अपना बनाने में रुचि दिखाई है. हालांकि, हम अभी किसी का नाम उजागर नहीं कर सकते. उन्होंने यह भी कहा था कि बिडर्स को भारतीय रिजर्व बैंक के उपयुक्त और उचित मानदंड से गुजारा, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
सेबी ने शर्त के साथ दी मंजूरी
इससे पहले, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने IDBI से जुड़े एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. जिसमें कहा गया है कि Bank के निजीकरण के बाद भारत सरकार की बैंक में बची हिस्सेदारी को 'पब्लिक शेयरहोल्डिंग' के तौर पर माना जाएगा. प्रस्ताव के अनुसार, निजीकरण के बाद आईडीबीआई बैंक में भारत सरकार की हिस्सेदारी को पुनवर्गीकृत कर उसे 'पब्लिक शेयरहोल्डिंग' के रूप में परिभाषित किया जाएगा. सेबी ने यह मंजूरी इस शर्त पर दी है कि निजीकरण के बाद बैंक में सरकार का वोटिंग राइट 15% से अधिक नहीं होगा.
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