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क्या वास्तव में बढ़ रहा है AI का बाजार, या बिजनेस आजमाने की लगी है होड़?
AI के बढ़ते क्षेेत्र को लेकर लगातार कई कपंनियां इस सेक्टर में आकर अपनी किस्मत को आजमा रही है, लेकिन क्या वास्तव में इस बाजार में स्कोप है या आने वाले दिनों में पैदा होने वाला है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
AI आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बारे में तो आप जानते ही होंगे पिछले कुछ सालों में इसे लेकर लगभग हर जगह चर्चा हो रही है. बाजार में जिस तरह से इसे लेकर तेजी दिख रही है उसमें सभी ये कहते नजर आ रहे हैं कि इसका भविष्य उज्जवल है. गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जहां अपने AI लॉन्च भी कर चुके हैं वहीं दूसरी ओर अब कई नामी कंपनियां भी इसमें आने की तैयारी कर रहे हैं. आज अपनी इस स्टोरी में हम यही समझने की कोशिश करेंगे कि क्या वास्तव में AI का बाजार तेजी से ग्रो कर रहा है या इस नए कारोबार में बस आने की होड़ मची हुई है.
गूगल और माइक्रोसॉफ्ट लॉन्च कर चुके हैं AI
अब तक हमारे सामने दुनिया की दो बड़ी कंपनियां बाजार में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के चैटबोट लॉन्च कर चुकी हैं. माइक्रोसॉफ्ट के ओपनएआई OPENAI ने जहां अपने चैटबोट ChatGPT नाम से अपना चैटबोट लॉन्च किया है तो वहीं गूगल ने AI आधारित चैटबोट लॉन्च किया है, जिसे उसने बॉर्ड (BARD) नाम दिया गया है. ये दोनों पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित हैं और इंसानों की तरह सवालों का जवाब देते हैं. माना जा रहा है कि दुनिया में इस तकनीक का इस्तेमाल हर क्षेत्र में होने वाला है. लेकिन ऐसी मार्केटिंग की खबरों के बीच क्या वास्तव में AI का बाजार तेजी से उभर रहा है. क्या वास्तव में AI में इतना स्कोप और अफोर्डेबिलिटी है कि आने वाले सालों में ये पूरे बाजार पर कब्जा कर लेगा.
कितने करोड़ का है AI का बाजार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में इस बिजनेस के बाजार की वैल्यू 25 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना जताई गई थी. इसी तरह 2022 में इसमें 18 प्रतिशत की ग्रोथ की आशंका जताई गई थी और 2024 तक इसके 500 बिलियन डॉलर की इकोनॉमी होने की संभावना जताई गई है. कई एजेंसियों का भी मानना है कि इसके विस्तार से दुनियाभर में 30 करोड़ नौकरियों पर भी संकट आ सकता है. रिपोर्ट ये भी कहती हैं कि एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्टर पर इसका 46 प्रतिशत असर पड़ सकता है जबकि 44 प्रतिशत लीगल काम ऑटोमेटिव हो सकता है.
ईलॉन मस्क भी आ सकते हैं इस कारोबार में
अभी तक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस कारोबार में गूगल और माइक्रोसॉफट जैसी कंपनियां ही आई है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ट्विटर के मालिक ईलॉन मस्क भी इस कारोबार में आने की तैयारी कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट कहती हैं कि ईलॉन मस्क इस कारोबार में स्टार्टअप के जरिए आने की तैयारी कर रहे हैं. सबसे दिलचस्प बात ये है कि वो इसके लिए इंजीनियरों की टीम की हाईरिंग को लेकर भी विचार कर रहे हैं और स्टार्टअप के लिए निवेशकों की भी तलाश कर रहे हैं.
बदलने वाला है काम करने का तरीका
साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल कहते हैं कि मुझे लगता है कि एआई का बहुत जबर्दस्त स्कोप है. क्योंकि ये तेजी से बढ़ती टेक्नोलॉजी है इसलिए कारोबार में सभी लोग आ रहे हैं. अब तो बाजार में नए-नए प्रकार के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मॉडल आ रहे हैं तो उनके अंदर पॉवर बहुत है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों के काम करने का तरीका इससे बदलने वाला है. इससे हमारा जीवन पूरी तरह से बदलने वाला है. देखिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एक सामान्य कारोबार नहीं है. इसमें बहुत से शोध या कहें रिसर्च की जरूरत होती है. क्योकि इसमें आपको पैसे बहुत लगाने पड़ते हैं. इसलिए बड़ी कंपनियां ही सामने आ रही हैं. अब ओपन एआई जैसी कपंनी है, जो अपना एक्यूआई को मुफत उपलब्ध करा रही है। इंडिया में भी इसे लेकर काम शुरू हो गया है. जल्द ही मुझे लगता है इसमें तेजी आएगी.
AI का असर हमारी मैनपॉवर पर भी पड़ेगा
वहीं दूसरी ओर आईटी एक्सपर्ट रक्षित टंडन कहते हैं कि भारत सरकार एआई को बढ़ावा देने के लिए बहुत काम किया है. भारत सरकार ने अभी हाल ही में एक एआई हब लैब बनाया है. लेकिन आने वाले समय में AI पर और तेजी से काम होगा. सुरक्षा, बैकिंग सुरक्षा और कंप्यूटर को इतना इंटेलीजेंस बना देंगे तो उसका असर हमारी मैन पॉवर पर भी पड़ेगा. इसका असर हमारी रेग्यूलर तरह की जॉब पर पड़ेगा. वो कंप्यूटर जगह ले लेगा. लेकिन अंतत: एआई ह्यूमन इंटेलीजेंस पर ही निभर करेगा तो ऐसा उनकी जरुरत भी बनी रहेगी. एआई को आप कितना ही एडवांस बना लो वो हमारे इमोशन की जगह नहीं ले सकता है.
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