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क्या अमीरों से ज्यादा टैक्स वसूलने वाली है मोदी सरकार? मिल गया इसका जवाब
कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मोदी सरकार डायरेक्ट टैक्स कानून में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
क्या मोदी सरकार अमीरों से ज्यादा कैपिटल गेन टैक्स वसूलने की तैयारी कर रही है? इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस सवाल का जवाब दे दिया है. विभाग की तरफ से बताया गया है कि सरकार के पास इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है. दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ब्लूमबर्ग के हवाले से बताया गया था कि यदि भाजपा पुन: केंद्र की सत्ता में लौटती है, तो बढ़ती आय असमानता को कम करने के लिए यह कदम उठा सकती है. बता दें कि अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं.
बड़े बदलाव की तैयारी?
आयकर विभाग ने इस तरह की खबरों पर ट्वीट करके सफाई दी है. IT विभाग ने कहा है, 'यह स्पष्ट किया जा रहा है कि सरकार का कैपिटल गेन टैक्स पर इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है'. ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मोदी सरकार डायरेक्ट टैक्स कानून (Direct Tax Laws) में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी कर रही है. इस बदलाव का मकसद आर्थिक असामनता में कमी लाना है. यदि नरेंद्र मोदी अगले साल सत्ता में वापस लौटते हैं, तो आर्थिक असमानता में कमी लाने पर फोकस बढ़ा सकते हैं. इसके तहत अमीरों पर Capital Gains Tax बढ़ाया जा सकता है.
It is clarified that there is no such proposal before the Government on capital gains tax.@nsitharamanoffc@officeofPCM@FinMinIndia@PIB_India https://t.co/jVP6Vs4bVT
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) April 18, 2023
क्या है मौजूदा व्यवस्था?
मौजूदा व्यवस्था के तहत देश में ज्यादा कमाई वालों पर टैक्स की दर 30 फीसदी है, लेकिन कुछ परिसंपत्ति वर्गों जैसे कि इक्विटी फंड और शेयर से कमाई पर टैक्स की दरें काफी कम हैं. कई एक्सपर्ट्स इसे प्रगतिशील नहीं मानते और उनकी नजर में यह इक्विटी के सिद्धांत के खिलाफ हैं. इस सिद्धांत को 2024 में लागू करने के लिए 2019 में वित्त मंत्रालय को दिए गए प्रस्तावों के निर्माण के लिए एक पैनल की भी नियुक्ति हो सकती है. हालांकि, इस पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
दुनियाभर में सुधार
कई इकोनॉमिस्ट्स मानते हैं कि भारत में सरकार की निर्भरता डायरेक्ट टैक्स की जगह इनडायरेक्ट टैक्सेज पर रही है. इनडायरेक्ट टैक्सेज कंजम्प्शन पर लगाया जाता है. यह देश में गरीबों के और ज्यादा गरीब होने की मुख्य वजह है. बता दें कि देश में 2018 और 2022 के बीच प्रत्येक दिन 70 नए करोड़पति बने हैं. वहीं, ऑक्सफैम इंटरनेशनल का अनुमान है भारत की टॉप 10 फीसदी आबादी के पास 77 फीसदी संपत्ति है. लगभग छह फीसदी लोग आयकर का भुगतान करते हैं. गौरतलब है कि दुनियाभर में सरकारें आय असमानता दूर करने की कोशिश कर रही हैं. चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कॉमन प्रॉस्पेरिटी प्रोग्राम शुरू किया है. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमीरों पर ज्यादा टैक्स लगाने का प्रस्ताव पेश किया है.
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