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क्या कर्ज का बोझ कम करने के लिए Vedanta में हिस्सेदारी बेच रहे हैं अनिल अग्रवाल?
अडानी समूह के हाल के चलते अधिकांश कंपनियां कर्ज चुकाने पर केंद्रित हो गई हैं. अनिल अग्रवाल भी कर्ज के बोझ को जल्द से जल्द कम करना चाहते हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
कर्ज के बोझ को कम करने के लिए क्या वेदांता (Vedanta) के मालिक अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) कंपनी में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेच रहे हैं? मीडिया में चल रहीं इन खबरों पर खुद अग्रवाल ने सफाई पेश की है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनकी ऐसी कोई भी योजना नहीं है और ये खबरें पूरी तरह से गलत हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अनिल अग्रवाल कर्ज को कम करने के लिए वेदांता में अपनी माइनॉरिटी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहे हैं.
कर्ज चुकाने पर केंद्रित
अडानी समूह के हाल के चलते अधिकांश कंपनियां कर्ज चुकाने पर केंद्रित हो गई हैं. अनिल अग्रवाल भी वेदांता के कर्ज के बोझ को जल्द से जल्द कम करना चाहते हैं. इसके लिए वह कई विकल्प तलाश रहे हैं. इस बीच, यह खबर भी चल निकली थी कि अग्रवाल वेदांता में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचकर ऐसा कर सकते हैं. हालांकि, अनिल अग्रवाल ने इससे साफ इनकार किया है.
शेयरों में गिरावट
हिस्सेदारी बेचने की खबर का वेदांता के शेयरों पर नेगेटिव असर हुआ है. कंपनी के शेयर 5.06% टूटकर 270.90 रुपए पर बंद हुए हैं. पिछले एक महीने की बात करें, तो Vedanta के शेयरों में 8.00% की गिरावट आ चुकी है. वहीं, कंपनी का दावा है कि उसके पास आने वाली तिमाहियों में देनदारियों को चुकाने के लिए पर्याप्त साधन हैं. कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर निवेशकों की चिंताओं को दूर करने पर काम कर रही है. पिछले हफ्ते वेदांता रिसोर्सेज ने Barclays Bank और Standard Chartered Bank से लिए गए कर्ज में से 25 करोड़ डॉलर (करीब 2054.19 करोड़ रुपए) चुका दिए हैं.
1 अरब डॉलर मूंगफली
Vedanta को इस साल जून तक 900 मिलियन डॉलर के कर्ज का भुगतान करना है. इससे जुड़े सवाल पर अनिल अग्रवाल ने हाल ही में कहा था कि कंपनी के पास पर्याप्त नकदी है और किसी भी तरह की चिंता की कोई बात नहीं है. हमारा कमोडिटी बिजनेस अच्छी ग्रोथ दर्ज कर रहा है. आने वाले वर्ष के लिए हमें पूरे समूह में 9 अरब डॉलर का लाभ होने की उम्मीद है. हमारे लिए 1 अरब डॉलर मूंगफली के समान हैं. अग्रवाल ने यह भी कहा था कि वेदांता को हर कोई लोन देने को तैयार है. 8% -10% की ब्याज दर के साथ 1 अरब डॉलर के लोन के लिए जेपी मॉर्गन और अन्य बैंकों के साथ बातचीत चल रही है. वेदांता के लिए Zero Debt कंपनी बनना कोई सपना नहीं है, हम यह कर सकते हैं.
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