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Diwali से पहले आई अच्छी खबर, इतना बढ़ गया Bharat का विदेशी मुद्रा भंडार
तीन नंवबर को समाप्त सप्ताह के दौरान Bharat के विदेशी मुद्रा भंडार में USD 4.7 बिलियन की भारी बढ़ोतरी हुई है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
दिवाली से पहले विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर भारत को अच्छी खबर मिली है. मडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते तीन नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान हमारे विदेशी मुद्रा भंडार में 4.7 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. इसी के साथ Bharat का ये भंडार 590.78 बिलियन डॉलर पहुंच गया है. यह बीते पांच सप्ताह का उच्चतम स्तर है.
सर्वकालिक उच्च स्तर से है कम
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के आंकड़े बताते हैं कि तीन नंवबर को समाप्त सप्ताह के दौरान अपने विदेशी मुद्रा भंडार में USD 4.7 बिलियन की भारी बढ़ोतरी हुई है. इससे पहले 27 अक्टूबर 2023 को समाप्त सप्ताह के दौरान इसमें 2.6 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है. अब हमारा विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 590.78 बिलियन डॉलर पहुंच गया है. हालांकि, यह अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से कम है. अक्टूबर 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर था.
विदेशी मुद्रा आस्तियां भी बढ़ीं
RBI के साप्ताहिक आंकड़े बताते हैं कि आलोच्य सप्ताह के दौरान भारत की विदेशी मुद्रा आस्तियां (Foreign Currency Asset- FCAs) भी बढ़ी हैं. बीते तीन नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान FCAs में 4.39 बिलियन डॉलर की भारी बढ़ोतरी हुई है. अब हमारी विदेशी मुद्रा आस्तियों का भंडार 521.9 बिलियन डॉलर का हो गया है. बता दें कि कुल विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वालीं विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में आई घट-बढ़ के प्रभावों को भी शामिल किया जाता है.
गोल्ड रिजर्व में भी हुआ इजाफा
उधर, भारत के स्वर्ण भंडार (Gold reserves) में भी इजाफा हुआ है. इस सप्ताह Gold Reserves में 20 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. अब यह बढ़कर 46.12 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. इसी तरह, बीते सप्ताह भारत के स्पेशल ड्रॉइंग राइट या विशेष आहरण अधिकार (SDR) में भी बढ़ोतरी दर्ज हुई है. समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एसडीआर 46 मिलियन डॉलर बढ़ कर 17.98 बिलियन डॉलर तक चला गया है.
क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार का पर्याप्त संख्या में होना हर देश के लिए महत्वपूर्ण है. इसे देश की हेल्थ का मीटर कहा जाए तो गलत नहीं होगा. इसमें विदेशी करेंसीज, गोल्ड रिजर्व, ट्रेजरी बिल्स आदि आते हैं और इन्हें केंद्रीय बैंक या अन्य मौद्रिक संस्थाएं संभालती हैं. इन संस्थाओं का काम पेमेंट बैलेंस की निगरानी करना, मुद्रा की विदेशी विनिमय दर पर नजर रखना और वित्तीय बाजार स्थिरता बनाए रखना है.
क्या है इसका उद्देश्य?
विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे पहला उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यदि रुपया तेजी से नीचे गिरता है या पूरी तरह से दिवालिया हो जाता है तो RBI के पास बैकअप फंड मौजूद हो. इसके साथ ही गिरते रुपए को संभालने के लिए आरबीआई भारतीय मुद्रा बाजार में डॉलर को बेच सकता है. जैसा कि पिछले साल जुलाई में RBI ने 39 अरब डॉलर की बिक्री की थी. हालांकि, इससे विदेशी मुद्रा भंडार में भी कमी आई थी. यदि किसी देश का विदेशी मुद्रा भंडार अच्छी स्थिति में है, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि भी निखरती है, क्योंकि उस स्थिति में व्यापारिक देश अपने भुगतान के बारे में सुनिश्चित हो सकते हैं.
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