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IBLF: राइटर और CMO उत्कर्ष अमिताभ ने यूं बताया पसंद और पैशन में अंतर
‘इंडिया बिजनेस लिटरेचर फेस्टिवल’ (IBLF) के दूसरे एडिशन का आयोजन गुरुग्राम में किया जा रहा है. इस दौरान विख्यात लेखक अपने विचार रख रहे हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
#IBLF: देश के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान ‘BW Business World’ द्वारा ‘इंडिया बिजनेस लिटरेचर फेस्टिवल’ (IBLF) के दूसरे एडिशन का आयोजन गुरुग्राम स्थित The Leela होटल में किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में देश-विदेश के शीर्ष लेखक, शिक्षाविद, विद्वान और प्रकाशक शामिल हो रहे हैं. फेस्टिवल की शुरुआत BW Business World के चेयरमैन एवं एडिटर इन चीफ डॉक्टर अनुराग बत्रा के ओपनिंग एड्रेस के साथ हुई. इसके बाद लेखकों ने अपने विचार रखे और अपनी किताबों के बारे में बताया.
पैशन फॉलो करना आसान
कार्यक्रम में Passion Economy & Side Hustle Revolution किताब के लेखक उत्कर्ष अमिताभ ने बदलते जॉब कल्चर और वाइड रेंज प्रोफेशन के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि किस तरह आज लोगों के लिए अपने पैशन को फॉलो करना आसान हो गया है. उत्कर्ष अमिताभ 5ire के Chief Marketing Officer (CMO) हैं और उनकी दो किताबें कोरोना महामारी के दौरान प्रकाशित हुई थीं. उत्कर्ष से उनकी किताब के बारे में IMT Ghazibad में फाइनेंस मैनेजमेंट के प्रोफेसर और PGDM BFS Program के हेड डॉक्टर आनंद कृष्णमूर्ति ने बात की.
सबसे पहले इंजीनियरिंग
सबसे पहले, उत्कर्ष अमिताभ ने बताया कि उन्हें लेखन की प्रेरणा कहां से मिली. उन्होंने कहा, 'हर किसी को कहीं न कहीं से प्रेरणा मिलती है और मुझे राइटिंग की प्रेरणा मेरी मां से मिली. कोरोना के दौरान उन्होंने मुझे केवल ऑनलाइन प्रोग्राम अटेंड करते देखा है, लेकिन आज वो मुझे यहां लाइव देख रही हैं'. उन्होंने आगे कहा - अक्सर लोग यह सवाल पूछते हैं कि क्या लेखन में करियर बनाया जा सकता है? मुझे लगता है कि जब बात करियर की आती है, तो भारत में ज़्यादातर लोग पहले इंजीनियरिंग करते हैं फिर सोचते हैं कि क्या करना है. मैंने भी ऐसा ही किया. मैंने पहले इंजीनियरिंग की, लिबरल आर्ट की पढ़ाई की, फिर MBA किया और उसके बाद फिलॉसफी में PHD.
युवाओं पर रहता है दबाव
मैंने टीच फॉर इंडिया के साथ शुरुआत की, फिर माइक्रोसॉफ्ट में 7 साल काम किया. लेकिन मैं यह भी जानता था कि मुझे कुछ लिखना है. माइक्रोसॉफ्ट में मुझे एक ऐसा प्रोजेक्ट मिला जहां काफी कुछ जानने-समझने का मौका मिला. हमारे देश में युवाओं पर सूटेबल बॉय या गर्ल बनने का दबाव रहता है. लेकिन मुझे लगता है कि अपने पैशन को डिस्कवर करना एक यात्रा है और हमें इस यात्रा पर निकलना चाहिए. पैशन अपने आप नहीं आता, यह प्रयोगों से आता है. इसलिए प्रयोग करते रहने चाहिए. मुझे क्या पसंद है और मेरा पैशन क्या है, ये दो अलग बात हैं.
ग्रेट रेजिग्नेशन न्यू नॉर्मल
उत्कर्ष अमिताभ ने आगे कहा - मुझे क्रिकेट पसंद है. मुझे एक्टिंग से भी प्यार है, मैंने कुछ प्ले भी किए हैं. इसके बावजूद न मैं क्रिकेटर बना, न एक्टर. मैं खुद में बार-बार इन्वेस्ट करता रहा. मैंने वाइड रेंज प्रोफेशन चुना, मैं एक कंपनी में बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहा हूं और लेखक भी हूं. डॉक्टर आनंद कृष्णमूर्ति के सवाल पर उत्कर्ष ने कहा कि वर्क आज एम्प्लॉयमेंट से अलग हो रहा है और ग्रेट रेजिग्नेशन न्यू नॉर्मल बन गया है. जैसे-जैसे पैशन इकोनॉमी मुख्यधारा में आती है, लोग ऐसे प्रोफेशन का पोर्टफोलियो तैयार करेंगे, जो एक से ज्यादा इनकम स्ट्रीम्स बनाते हैं. वे अपने पैशन को monetize करेंगे और अपनी शर्तों पर करियर बनाएंगे. आज यह संभव है कि आप दिल से जो करना चाहते हैं, उसमें भविष्य बना सकें.
लोगों से जुड़ाव जरूरी
उत्कर्ष अमिताभ ने कहा कि लोगों से जुड़ाव बहुत मायने रखता है और यह हर व्यक्ति के लिए जरूरी है. सच्चे फॉलोअर्स की जरूरत हर किसी को होती है. उन्होंने आगे कहा कि आज इंटरनेट ने समाजशास्त्र और अर्थशास्त्र को बदल दिया है. आने वाला समय और ज्यादा टेक्नोलॉजी केंद्रित होगा. इस सवाल के जवाब में कि कोरोना के बाद इंगेजमेंट लेवल कैसा रहेगा? उत्कर्ष ने कहा, 'इंगेजमेंट लेवल में तो कमी आई है. खासकर टेक इंडस्ट्री इस कमी को अच्छे से महसूस कर रही है. एडटेक कंपनियों ने लिए कोरोना के दौरान और बाद की स्थिति में काफी बदलाव आया है. मुझे लगता है कि यहां से ऑनलाइन और ऑफलाइन का कॉम्बिनेशन काम करेगा. आने वाले समय में हाइब्रिड एनवायरनमेंट पर ज्यादा जोर रहेगा.
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