होम / बिजनेस / Reliance Capital के लिए कौन होगा सही दावेदार IIHL या Torrent?
Reliance Capital के लिए कौन होगा सही दावेदार IIHL या Torrent?
रिलायंस कैपिटल के लिए IIHL और टोरेंट ग्रुप में कड़ी टक्कर चल रही है, लेकिन IIHL यानी हिंदुजा समूह के पास उसे चलाने का ज्यादा अच्छा अनुभव है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
- रुहेल अमीन
अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) को अपना बनाने के लिए IIHL (हिंदुजा समूह) और टोरेंट ग्रुप (Torrent Group) आमने-सामने हैं. IIHL 10,000 करोड़ रुपए की बोली के साथ सबसे बड़े बोलीदाता के रूप में सामने आया है. इसमें 9,000 करोड़ रुपए का अग्रिम नकद प्रस्ताव भी शामिल है. वहीं, टोरेंट ने 8640 करोड़ रुपए की बोली लगाई है. यह मामला फिलहाल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NLCT) में चल रहा है, क्योंकि Torrent Group ने प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है. आज यानी 16 जनवरी को NLCT में सुनवाई होनी है.
इन क्षेत्रों में है IIHL की मौजूदगी
यदि दोनों कंपनियों के बैकग्राउंड को देखा जाए, तो हिंदुजा समूह की फाइनेंस, ऑटोमोबाइल, तेल और रसायन, आईटी, मीडिया, पावर, हेल्थकेयर, ट्रेडिंग, आदि सहित अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में उपस्थिति, रिलायंस कैपिटल पर उसकी दावेदारी को ज्यादा मजबूत बनाती है. समूह का ग्रॉस रिवेन्यु 58,000 करोड़ से अधिक है और PAT 7600 करोड़ रुपए है. समूह की कुल संपत्ति 4.62 लाख करोड़ रुपए है. हिंदुजा समूह की सूचीबद्ध संस्थाओं का बाजार पूंजीकरण 1.46 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है.
धन की व्यवस्था नहीं होगी मुश्किल
हिंदुजा समूह के स्वामित्व वाला इंडसइंड बैंक, भारत में अग्रणी बैंकों में से एक है, जिसकी देश भर में उपस्थिति है और 28 मिलियन से अधिक कस्टमर बेस है. इंडसइंड बैंक के अलावा, हिंदुजा समूह के पास हिंदुजा लीलैंड फाइनेंस और हिंदुजा बैंक (स्विट्जरलैंड) भी हैं. Hinduja Leyland Finance भारत की लीडिंग व्हीकल फाइनेंस कंपनी है. वित्तीय क्षेत्र में हिंदुजा समूह की मजबूत उपस्थिति रिलायंस कैपिटल के लिए सही स्ट्रेटेजी प्रदान करती है. साथ ही, मजबूत वित्तीय स्थिति के चलते समूह के लिए रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए धन की व्यवस्था करना मुश्किल नहीं होगा.
ऐसा है टोरेंट ग्रुप का हाल
दूसरी ओर, टोरेंट ग्रुप के पास वित्तीय क्षेत्र में कोई अनुभव या उपस्थिति नहीं है. अहमदाबाद स्थित यह ग्रुप मुख्य रूप से दवा, बिजली और सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन के व्यवसाय में है. टोरेंट ग्रुप का ग्रॉस रिवेन्यु 24,000 करोड़ रुपए है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एक ग्रुप, जिसका कुल राजस्व 24,000 करोड़ रुपए है, वो लगभग 10,000 करोड़ रुपए के अधिग्रहण के लिए धन की व्यवस्था कैसे करेगा? टोरेंट पर पहले से ही 14,514 करोड़ रुपए का कर्ज है, जो उसके समूह के राजस्व का 50% से अधिक है.
टैग्स