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रामनाथ गोयनका पुरस्कार जीतकर इन्होंने बढ़ाया आगरा का गौरव, जानिए कौन हैं ये शख्स ?
भारत के संविधान के प्रथम संशोधन की कहानी पर आधारित जिस पुस्तक 'सिक्सटीन स्टॉर्मी डेज' को रामनाथ गोयंका पुरस्कार मिला है, उसे आगरा के डॉ. त्रिपुरदमन सिंह ने लिखा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
ताज नगरी का आगरा को एक बार फिर बड़े सम्मान से नवाजा गया है. आगरा के रहने वाले डॉ. त्रिपुरदमन सिंह को देश के प्रतिष्ठित पुरस्कारों में एक रामनाथ गोयनका पुरस्कार से नवाजा गया है. उनकी इस उपलब्धि ने आगरा का गौरव बढ़ा दिया है. डॉ. त्रिपुरदमन सिंह पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदमन सिंह और बाह की विधायक रानी पक्षालिका सिंह के सुपुत्र हैं. दिल्ली में डॉ. त्रिपुरदमन सिंह को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा एक लाख रुपए राशि के चेक, ट्रॉफी और प्रमाण पत्र प्रदान कर रामनाथ गोयंका पुरस्कार से सम्मानित किया गया. डॉ. त्रिपुरदमन सिंह को ये पुरस्कार भारत के संविधान में प्रथम संशोधन की कहानी पर आधारित लिखी गई और पेंगुइन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘सिक्सटीन स्टॉर्मी डेज’ के लिए दिया गया. ये पुरस्कार इंडियन एक्सप्रेस समूह की जूरी द्वारा रामनाथ गोयनका पुरस्कार के लिए नॉनफिक्शन श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ कृति के रूप में चयनित किया गया था.
कई और पुस्तकों का भी लेखन कर चुके हैं त्रिपुरदमन
डॉ. त्रिपुरदमन ‘सिक्सटीन स्टॉर्मी डेज’ के अलावा भी कई और पुस्तकों को लिख चुके हैं. वो इससे पहले ‘इंपीरियल सोवरिन्टी एंड लोकल पॉलिटिक्स’ और ‘नेहरू: द डिबेट्स दैट डिफाइंड इंडिया’ शीर्षक से दो पुस्तकें और लिख चुके हैं, जिन्हें खासी ख्याति मिली है. इनमें ‘इंपीरियल सोवरिन्टी एंड लोकल पॉलिटिक्स’ को कैंब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस यूनाइटेड किंगडम द्वारा और ‘नेहरू: द डिबेट्स दैट डिफाइंड इंडिया’ को हार्पर कॉलिंस यूनाइटेड किंगडम द्वारा प्रकाशित किया गया है.
क्या करते हैं डॉ. त्रिपुरदमन सिंह
डॉ. त्रिपुरदमन सिंह 33 वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त युवा लेखक हैं जो वर्तमान में लंदन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ कॉमन वेल्थ स्टडीज में ब्रिटिश एकेडमी पोस्ट डॉक्टोरल फेलो हैं. साथ ही आपको रॉयल एशियाटिक सोसाइटी की फेलोशिप भी प्रदान की गई है. रामनाथ गोयंका पुरस्कार से पुरस्कृत पुस्तक सिक्सटीन स्टॉर्मी डेज का ‘वे सोलह दिन’ शीर्षक से हिंदी में अनुवाद भी आ चुका है जिसे हिंदी के पाठकों द्वारा हाथों हाथ लिया गया है. लेखन के अलावा त्रिपुरदमन सिंह पोलो और क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी भी हैं. वारविक और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की टीम से आप कई देशों में पोलो खेल चुके हैं. उनकी स्कूली शिक्षा आगरा में फर्स्ट स्टेप, सेंट पॉल्स और सेंट पीटर्स में हुई है. डॉ. त्रिपुरदमन सिंह यूनिवर्सिटी आफ वारविक से पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल रिलेशंस की पढ़ाई की है और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से इतिहास विषय में पी-एच.डी की उपाधि अर्जित की है.
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