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सरकार TCS में अब इनके लिए भी छूट का कर सकती है ऐलान, मिलेगी बड़ी राहत
सरकार ने मई में TCS को लेकर नए नियमों को जारी किया था, अब खबर आ रही है कि सरकार इसमें से कुछ असिस्टेंट कैटेगिरी को राहत दे सकती है. अगर ऐसा हुआ तो एक बड़ी राहत मिलेगी.
ललित नारायण कांडपाल 10 months ago
केन्द्र सरकार ने 18 मई को विदेशों में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर सोर्स पर 20 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रावधान लागू कर दिया था. केन्द्र सरकार ने अपने इस नियम के तहत विदेशों में इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्च को एलआरएस के दायरे में लाने का प्रावधान किया था. लेकिन उसके बाद कई संगठनों की ओर से सरकार से इस मामले में कुछ सेक्शन को छूट देने के लिए भी कहा गया था. इस पर अब खबर आ रही है कि इस महीने के आखिरी तक सरकार मेडिकल असिस्टेंस और एजुकेशन के लिए किसी के साथ रहने वाले परिवार के सदस्य के अतिरिक्त खर्च पर भी इसमें छूट दे सकती है. इन नियमों का महीने के अंत तक ऐलान होने की संभावना है.
किसे मिल सकती है राहत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जो जानकारी सामने आई है वो कहती है कि सरकार स्रोत दरों पर नए टैक्स कलेक्शन से चिकित्सा सहायता (मेडिकल असिस्टेंस) को छूट दे सकती है. शिक्षा पर होने वाले अतिरिक्त खर्च को भी नए नियम से बाहर रखा जा सकता है. इस महीने एक विस्तृत स्पष्टीकरण जारी होने की उम्मीद है. स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) की नई दरें उन लोगों पर लागू नहीं हो सकती हैं जो व्यक्तियों की सहायता कर रहे हैं या उनके साथ हैं. मीडिया रिपोर्ट ये भी कहती है कि इलाज के लिए विदेशों में और शिक्षा के लिए अतिरिक्त खर्च को भी इससे छूट मिल सकती है. इस संबंध में स्पष्टीकरण इसी महीने निकाला जा सकता है.अभी तक सरकार की ओर से मेडिकल और एजुकेशन के खर्च को ही इससे छूट दी गई थी। लेकिन अब मेडिकल इलाज के लिए उसके साथ जाने वाले और शिक्षा के लिए विदेश में अपने किसी परिजन को साथ रख रहे शख्स के खर्च को उससे राहत मिल सकती है.
मई में सरकार की ओर से निकाली गया था नया नोटिफिकेशन
सरकार की ओर से 16 मई को एक नया नोटिफिकेशन निकाला गया था जिसमें विदेशों में क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्च पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त टीसीएस लगा दिया गया था. सरकार ने अपने नोटिफिकेशन में कहा था कि विदेशों के बाहर क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्च को भी एलआरएस के दायरे में आएगा. सबसे दिलचस्प बात ये है कि सरकार ने ये कदम आरबीआई से परामर्श लेने के बाद लागू किया है. इन नए नियमों को एक जुलाई से लागू होना है. लेकिन अगर सरकार मेडिकल असिस्टेंस और एजुकेशन पर अतिरिक्त खर्च को इसमें ले आती है तो विदेशों में पढ़ाई कर रहे और मेडिकल उपचार के लिए जाने वालों को इससे बड़ी राहत मिल सकती है.
इन नियमों का हुआ था चौतरफा विरोध
सरकार ने 16 मई को जब इन नियमों को नोटिफिकेशन के जरिए जारी किया था उस वक्त इसका बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था. कई लोगों ने कहा था कि इससे बिजनेस प्रभावित हो सकता है जबकि कई लोगों का कहना था सरकार को अपने इस आइडिया को यहीं बंद रोक देना चाहिए. यही नहीं इसके बाद वित्त मंत्रालय की ओर से भी सफाई जारी करते हुए कहा था कि LRS Liberalized Remittance Scheme (LRS) की अनदेखी करने वालों पर रोक लगाने के लिए उसने ये कदम उठाया है. डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के बीच के अंतर को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से ये कदम उठाया गया है. सरकार का ये भी कहना था कि क्रेडिट कार्ड के खर्च का एलआरएस में शामिल न होने के कारण लोग इस लिमिट को पार कर जाते थे.
क्या होता है एलआरएस LRS
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की Liberalized Remittance Scheme (LRS) विदेशों में निवासी व्यक्तियों को एक वित्तीय वर्ष के दौरान निवेश और व्यय के लिए किसी अन्य देश में एक निश्चित राशि भेजने की अनुमति देती है. उसे ही एलआरएस कहा जाता है.
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