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भारत में बढ़ रही Xiaomi की टेंशन, अब ED ने भी थमा दिया नोटिस
गलवान घाटी हिंसा के बाद से चीनी कंपनियां भारतीय एजेंसियों के रडार पर हैं. मोबाइल कंपनी शाओमी पर ED का शिकंजा कसता जा रहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
सस्ते स्मार्टफोन के लिए फेमस चीनी कंपनी शाओमी (Xiaomi) की भारत में मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक तरफ जहां घटता मार्केट शेयर उसकी परेशानी बना हुआ है. वहीं, एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने एक नोटिस भेजकर उसकी चिंता और बढ़ा दी है. ED ने शाओमी, उसके चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) समीर राव, पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर मनु जैन और तीन विदेशी बैंकों को भी कारण बताओ नोटिस भेजा है.
इसलिए भेजा नोटिस
ED ने यह नोटिस 5,551 करोड़ रुपए के कथित फॉरेन एक्सचेंज उल्लंघन को लेकर जारी किया है. प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से बताया गया है कि फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, उसके दो अधिकारियों, सिटी बैंक, HSBC बैंक और ड्यूश बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. शाओमी ने साल 2014 में भारत में एंट्री ली थी. Xiaomi India चीन की प्रमुख स्मार्टफोन कंपनी शाओमी के पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है.
पहले जब्त किए थे करोड़ों
एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने इससे पहले भारत में कमाया पैसा विदेशी कंपनियों को भेजने के मामले में शाओमी (Xiaomi) पर शिकंजा कसा था. ED ने अपनी जांच में पाया था कि शाओमी इंडिया ने साल 2015 से अपनी पैरेंट कंपनी को पैसे भेजना शुरू किया. कंपनी ने विदेशी कंपनियों को कुल 5,551.27 करोड़ रुपए भेजे. इसके बाद ED ने पिछले साल FEMA के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करते हुए शाओमी इंडिया के खातों में जमा 5,551.27 करोड़ रुपए जब्त कर लिए थे. चीनी कंपनी ने ED की इस कार्रवाई को कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका को रद्द कर दिया था.
क्या कहता है नियम?
ED ने शाओमी इंडिया पर FEMA के उल्लंघनों को लेकर अपनी जांच पूरी कर ली है. फेमा मामले की जांच पूरी होने के बाद संबंधित पक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है. इसके बाद जब मामले का निपटान होता है तो आरोपी को उल्लंघन राशि का 3 गुना तक जुर्माना चुकाना पड़ सकता है. कारण बताओ नोटिस के जवाब में संबंधित पक्षों को स्पष्टीकरण देना होता है, उन्हें बताना होता है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए. संतोषजनक न मिलने की स्थिति में उन्हें नियमों के अनुसार जुर्माने का भुगतान करना होता है.
बाजार पर ढीली हो रही पकड़
गलवान संघर्ष के बाद से भारत सरकार चीनी कंपनियों पर सख्त हो गई है. भारतीय एजेंसियां देश में मौजूद चीनी कंपनियों पर बारीकी से नजर रख रही हैं. इसमें कोई दोराय नहीं है कि सस्ते फोन बनाकर शाओमी ने भारतीय बाजार पर कब्जा कर लिया है, लेकिन अब उसकी पकड़ ढीली पड़ रही है. मार्केट एनालिस्ट फर्म काउंटरपॉइंट और कैनालिस की रिपोर्ट बताती है कि Xiaomi जनवरी 2023 तक भारत के स्मार्टफोन बाजार में तीसरे स्थान पर आ गई है. पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में कंपनी के शिपमेंट में गिरावट आई है. इसी तरह, Q4 2022 में भी इसका शिपमेंट घटकर 17% आ गया था, जो Q1 2022 में करीब 21% था.
शाओमी ने अब चला ये दांव
शाओमी लंबे वक्त से भारत में स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग करती आ रही है. लेकिन चूंकि उसकी जड़ें चीन में हैं, इसलिए उस पर से चीनी कंपनी का ठप्पा कभी हटा ही नहीं. शाओमी को उसका अहसास है और वो यह भी जानती है कि मौजूदा हालातों में उसकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. इसलिए अब उसने खुद को 'मेक इन इंडिया' के दायरे में लाने के लिए एक दांव चला है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि Xiaomi अब एक भारतीय कंपनी Dixon के मिलकर भारत में स्मार्टफोन बनाएगी. साथ ही कंपनी इन स्मार्टफोन को एक्सपोर्ट भी करेगी.
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