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सरकार का 'वन नेशन वन फर्टिलाइजर' का आदेश, फर्टिलाइजर कंपनियों को क्यों नहीं आया रास?
सिंगल ब्रैंड नाम और प्रधानमंत्री भारतीय जनउर्वरक परियोजना (PMBJP) का Logo, जिसके तहत केंद्र सरकार फर्टिलाइजर कंपनियों को सालाना सब्सिडी देदी है, उसे बैग्स पर दिखाना होगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: देश भर में फर्टिलाइजर को एक ही ब्रांड 'Bharat' के तहत बेचा जाएगा. केंद्र सरकार ने फर्टिलाइजर ब्रैंड्स में एकरूपता लाने के लिए ये निर्देश जारी किया है. केंद्र सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुातबिक सरकार ने फैसला किया है कि फर्टिलाइजर सब्सिडी योजना को प्रधानमंत्री की योजना के नाम से ब्रांड किया जाएगा और इसका नाम 'प्रधानमंत्री भारतीय जनउर्वरक परियोजना' होगा.
क्या है 'वन नेशन वन फर्टिलाइजर'
आदेश के बाद यूरिया, फर्टिलाइजर की बोरियों पर एक ही Logo और एक ही डिजाइन होगा. मतलब सभी फर्टिलाइजर बैग्स, चाहे यूरिया या डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) या म्यूरेट ऑफ ऊटश (MOP) या NPK हों, ब्रांड नाम ‘Bharat Urea’, ‘Bharat DAP’, ‘Bharat MOP’ और ‘Bharat NPK’ लिखना होगा, न कि मैन्यूफैक्चरर्स का नाम, चाहे वो निजी कंपनी हो या फिर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हो.
'सब्सिडी योजना' का प्रचार
इतना ही नहीं इस आदेश में ये भी कहा गया है कि सिंगल ब्रैंड नाम और प्रधानमंत्री भारतीय जनउर्वरक परियोजना (PMBJP) का Logo, जिसके तहत केंद्र सरकार फर्टिलाइजर कंपनियों को सालाना सब्सिडी देदी है, उसे बैग्स पर दिखाना होगा. सब्सिडी योजना के तहत केंद्र सरकार उर्वरक कंपनियों को अपने उत्पादों को बाजार से कम कीमतों पर किसानों को बेचने के लिए सब्सिडी देती है. साल 2021-22 में ये सब्सिडी 1.62 लाख करोड़ रुपये थी, जिसके साल 2022-23 में 2.50 लाख करोड़ होने की उम्मीद है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़े हैं. सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए फर्टिलाइज सब्सिडी को दो बार बढ़ाया है. भारत DAP जैसे प्रमुख फसल पोषक तत्वों की घरेलू पूर्ति के लिए इंपोर्ट पर निर्भर है.
फर्टिलाइजर कंपनियां नाराज
केंद्र सरकार के इस आदेश से फर्टिलाइजर कंपनियों में नाराजगी है. इंडस्ट्री से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि इससे फर्टिलाइजर कंपनियों के ब्रैंड पर असर पड़ेगा, उनका प्रोडक्ट कैसे अलग है, ये भी कंपनी की इमेज को बनाने में मदद करता है, जब वो किसानों से मिलने के लिए खेतों में जाते हैं. अधिकारी के कहना है कि फर्टिलाइजर कंपनियां बहुत सारी विस्तार गतिविधियां करती हैं जैसे कि क्षेत्र-स्तरीय प्रदर्शन, फसल सर्वेक्षण वगैरह. जहां उनके ब्रांड प्रमुखता से दिखाए जाते हैं और यह किसानों तक पहुंचने में भी मदद करता है, इस आदेश के बाद तो ये सब रुक जाएगा.
कंपनियों की मुश्किल
नोटिफिकेशन के मुताबिक दो तिहाई हिस्से पर कंपनियों को Bharat की ब्रैंडिंग और लोगो को दिखना होगा, बाकी एक तिहाई हिस्से पर अपनी कंपनी का नाम लिखने की इजाजत होगी. आदेश में ये भी कहा गया है कि उर्वरक कंपनियों को 15 सितंबर से पुराने डिजाइन के बोरे खरीदने की अनुमति नहीं होगी और नई प्रणाली 2 अक्टूबर, 2022 से लागू होगी. कंपनियों को मार्केट से अपने सभी पुराने डिजाइन वाले बैग को खत्म करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है.
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