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क्या US बैंकिंग संकट का असर भारत के IT सेक्टर पड़ेगा, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
इस बात को कई एक्सपर्ट मान रहे हैं कि BFSI का भारत के आईटी सेक्टर में बड़ा योगदान है लेकिन सभी एक्सपर्ट ये मानते हैं कि इससे बड़ा असर नहीं पड़ेगा. असर आंशिक ही रहेगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
अमेरिका में आए बैंक संकट को लेकर वहां की सरकार तेजी से काम कर रही है. सवाल ये है कि क्या अमेरिका के बैंकिंग सेक्टर के संकट का असर भारत की किसी इंडस्ट्री पर पड़ने जा रहा है. आईटी कंपनियों की आय के आंकड़े बताते हैं कि उनकी 40 प्रतिशत बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई) कंपनियों से आती है. ऐसे में जब अमेरिका के तीन बड़े बैंकों पर संकट आया है तो क्या पिछले लंबे समय से BFSI आईटी कंपनियों के राजस्व में एक बड़ी भूमिका निभाता आया है. खुद एक्सपर्ट मानते हैं कि इससे भारत का आईटी सेक्टर प्रभावित हो सकता है, लेकिन वो इंडस्ट्री के नजरिए के बारे में अभी भी आशावादी हैं.आईटी सेक्टर की ग्रोथ या उसके रेवेन्यू पर कोई असर पड़ने वाला है. कई लोगों का मानना है कि सिलिकॉन वैली बैंक, क्रेडिट सुइस, सिल्वरगेट और फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के संकट के कारण शॉर्ट टर्म में आईटी फर्मों के नए सौदों पर इसका असर दिख सकता है.
क्या मानती है सरकार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वास्तव में, भारतीय केंद्रीय आईटी राज्य मंत्री, राजीव चंद्रशेखर, चिंताओं को भली भांति समझ रहे हैं. वह इस बात से सहमत हैं कि बीएफएसआई से आईटी कंपनियों के रेवेन्यू पर इसका असर पड़ सकता है, लेकिन वह इंडस्ट्री के इसे लेकर नजरिए के बार में काफी आशावादी हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनका कहना है कि मैं समझता हूं कि भारतीय आईटी कंपनियों में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र (BFSI) का बड़ा योगदान है. हमें इसे चलने देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह भारतीय आईटी के लिए कोई ऐसी समस्या सामने आ रही है जिससे उसके अस्तित्व पर संकट पड़े, लेकिन निश्चित रूप से, एक क्षेत्र में गिरावट दिख सकती है, लेकिन अन्य क्षेत्रों में वृद्धि हो सकती है.
क्या मानते हैं एक्सपर्ट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक एक्सपर्ट ने बताया कि अमेरिकी बैंकों पर आए इस संकट को लेकर अलग-अलग एक्सपर्ट की अपनी राय है. इस बीच, इंडस्ट्री के एक्सपर्ट मानते हैं कि भारतीय आईटी क्षेत्र पर अमेरिका के बैंकिंग संकट का सीधा असर नए सौदों की संख्या में कमी और मौजूदा अनुबंधों की आगे की बातचीत के रूप में दिखाई दे सकता है. सबसे पहले, अनिश्चित वातावरण नए प्रोजेक्ट को प्रभावित करता है. इसलिए, हम ऑर्डर में इसकी कमी का असर देख सकते हैं. दूसरा, यह लागत पर दबाव डालता है. इस प्रकार, हम मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट के लिए आउटसोर्सिंग और आगे की बातचीत पर इसका असर देख सकते हैं. साथ ही, कुछ एजेंसियां ये भी कह रही हैं कि भारतीय आईटी क्षेत्र BFSI कंपनियों के सौदों में मंदी का गवाह बन सकता है. वहीं एक नामी संस्था का मानना है कि टीसीएस, इंफोसिस और एलटीआई माइंडट्री का मौजूदा संकट के प्रति सबसे अधिक रिस्क है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हाल ही में ढह चुके सिलिकॉन वैली बैंक में उनका एक्सपोजर 10-20 आधार अंक हो सकता है.
कुछ ज्यादा असर न पड़ने की है उम्मीद
बाजार को ठीक से समझने वाले मान रहे हैं कि भारतीय आईटी क्षेत्र पर बैंकिंग संकट का नेगेटिव असर का अनुमान है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक कंपनी के प्रमुख ने कहा कि फिलहाल भारतीय आईटी सेक्टर कमजोर है. आईटी कंपनियों के रेवेन्यू में BFSI का बड़ा योगदान है. अभी आउटलुक बहुत रूढ़िवादी है, मैं अभी आईटी खरीदने की सलाह नहीं दूंगा क्योंकि वे पहले से ही विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं. एक बाजार के एक्सपर्ट कहते हैं कि आईटी सेक्टर में 2-3 फीसदी कटौती से इंकार नहीं किया जा सकता है. विश्लेषकों और उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि अल्पकालिक आशंकाओं के बावजूद, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के हस्तक्षेप से संकट समाप्त हो सकता है.
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