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BW Class: क्या होता है EBITDA? आपके लिए इसे जानने का क्या फायदा, आसान भाषा में समझिए
EBITDA वो प्रॉफिट होता है जो कंपनी Interest, Tax, Depreciation और Amortization को घटाने से पहले कमाती हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
EBITDA की जरूरत
शेयर बाजार में किसी कंपनी के बारे में जानने के लिए जब रिसर्च करते हैं तो कई तरह के मीट्रिक हमारे सामने आते हैं, उन्हीं में से एक है EBITDA. आमतौर पर जब कोई कंपनी अपने तिमाही नतीजे घोषित करती है तो वहां पर EBITDA का जिक्र प्रमुखता से होता है. तो क्या होता है EBITDA और इसे समझना क्यों इतना जरूरी होता है. तो चलिए समझते हैं EBITDA को आसान भाषा में.
देखिए अगर आपको लॉन्ग टर्म के लिए किसी कंपनी का फंडामेंटली मजबूत चुनाव करना है तो आपको उसका EBITDA के आधार पर वैल्यूएशन करना बहुत जरूरी हो जाता है. सबसे पहले तो EBITDA का फुल फॉर्म समझ लीजिए, आधा कॉन्सेप्ट तो वहीं साफ हो जाएगा.
E - Earning
B - Before
I - Interest
T - Taxes
D - Depreciation
A - Amortization
EBITDA क्या होता है
इस प्रकार EBITDA वो प्रॉफिट होता है जो कंपनी Interest, Tax, Depreciation और Amortization को घटाने से पहले कमाती हैं. अगर आसान भाषा में समझे तो EBITDA किसी कंपनी का ऑपरेशनल प्रॉफिट होता है यानी कि इंटरेस्ट, टैक्स, डेप्रिसिएशन और अमोरटाइजेशन ना हो तो EBITDA कंपनी का वास्तविक प्रॉफिट माना जा सकता है. अब चलिए इनको एक-एक करके समझते हैं.
Interest- अगर कंपनी ने कोई लोन ले रखा है तो उस पर वो ब्याज भी चुकाती होगी. अगर आप निवेशक हैं तो आप इस हिस्से को जरूर देखें, आपको ये पता चलेगा कि कंपनी ने कहीं बहुत ज्यादा कर्ज तो नहीं ले रखा, वो कितना ब्याज चुका रही है.
Taxes- कंपनी ने कितना प्रॉफिट कमाया है, उस पर जो टैक्स चुकाया गया है वो इसमें आता है, इसमें कंपनी की ओर से केंद्र या राज्य सरकारों को चुकाया जाने वाला टैक्स शामिल होता है.
Depreciation- इसका हिंदी में मतलब होता है मूल्यह्रास, यानी जिसकी कीमत या वैल्यू समय के साथ गिरती जाए. जैसे किसी कंपनी के पास कई तरह के असेट होते हैं, ऑफिस, मशीनें, कंप्यूटर, गाड़ियां, फर्नीचर और कई तमाम तरह की दूसरी चीजें, ये सब कंपनी के असेट्स होते हैं जिसकी वैल्यू समय साथ कम होती जाती है. इन असेट की वैल्यू हर साल कम होती जाती है.
Amortisation – इसमें intangible asset को गिना जाता है, यानी जिनको फिजिकल तरीके से छुआ और महसूस नहीं किया जा सकता है, और देखा नहीं जा सकता है, लेकिन वो कंपनी के लिए असेट्स होते हैं और उनकी भी समय के साथ वैल्यू घटती है. ये Depreciation की तरह ही होता है, लेकिन थोड़ा सा अलग. Amortisation में कोई फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स नहीं होते हैं, जैसे शेयर, निवेश, स्टॉक सर्टिफिकेट वगैरह. तो सवाल उठता है कि Amortisation में आखिर क्या आएगा. इसमें किसी कंपनी के कॉपीराइट्स, ट्रेडमार्क्स और पेटेंट शामिल होते हैं. इनको आप देख या महसूस नहीं कर सकते हैं लेकिन ये कंपनी की वैल्यू बढ़ाने में योगदान देते हैं.
EBITDA की कैलकुलेशन
अगर आप किसी कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को देखेंगे तो वहां पर EBITDA देखने को मिल जाएगा. मोटे तौर पर आपको EBITDA समझ आ गया होगा, अब जरा उदाहरण से समझते हैं कि इसको निकालते कैसे हैं.
मान लीजिए किसी कंपनी XYZ लिमिटेड का सालाना प्रॉफिट ₹1000 है
इंटरेस्ट = ₹100
टैक्स = ₹200
डेप्रिसिएशन और अमोरटाइजेशन = ₹200
EBITDA = ₹1000 + ₹100 + ₹200 + ₹200 = ₹1500
EBITDA = ₹1500
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