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BW Class: Biodiversity Heritage Site आखिर क्या है? भारत में इनकी संख्या कितनी हैं?
अरिट्टापट्टी में पक्षियों की लगभग 250 प्रजातियां हैं. इसके अलावा प्राकृतिक झरने और झीलें भी हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: तमिलनाडु सरकार ने मदुरै जिले के अरिट्टापट्टी और मिनाक्षीपुरम गांव के लगभग 193 हेक्टेयर क्षेत्र को Biodiversity Heritage Site घोषित किया है. इसमें 139.63 हेक्टेयर एरिया अरिट्टापट्टी गांव का है और 53.8 हेक्टेयर एरिया मिनाक्षीपुरम गांव का है. तमिलनाडु की राज्य सरकार ने इसके लिए एक अध्यादेश भी जारी किया है, जिसमें Biodiversity Heritage Site का ऐलान किया गया है.
Biodiversity Heritage Site होता क्या है?
Biodiversity Heritage Site उसे कहते हैं, जहां एक सीमित क्षेत्र के अंदर जंगली और पालतू प्रजातियां दोनों रहती हैं. साथ ही इन क्षेत्रों में कीड़ों और जीवों की दुर्लभ प्रजातियां भी पाई जाती हैं. इसके अलावा पक्षियों की कई प्रजातियां भी इस क्षेत्र में प्रवास करती हैं. कई खतरे वाली प्रजातियां भी इन क्षेत्रों में ही रहती हैं. इसके अलावा इन क्षेत्रों में हजारों साल पुरानी ऐतिहासिक विरासतें भी होती हैं, जिसका संरक्षण पुरातत्व विभाग द्वारा किया जाता है.
भारत में कितने Biodiversity Heritage Site हैं?
अरिट्टापट्टी को मिलाकर भारत में अब कुल 35 Biodiversity Heritage Site हैं. अरिट्टापट्टी तमिलनाडु का पहला Biodiversity Heritage Site है. वहीं, भारत का पहला Biodiversity Heritage Site 2007 में नल्लूर इमली ग्रोव बेंगलुरु, कर्नाटक को घोषित किया गया था. पिछले 5 घोषित Biodiversity Heritage Site की बात करें तो इनके नाम हैं: त्रिपुरा में देबारी या छबिमुरा (सितंबर 2022), त्रिपुरा में बेटलिंगशिब और इसके आसपास (सितंबर 2022), असम में हेजोंग कछुआ झील (अगस्त 2022), असम में बोरजुली वाइल्ड राइस साइट (अगस्त 2022) और मध्य प्रदेश में अमरकंटक (जुलाई 2022).
अरिट्टापट्टी और मिनाक्षीपुरम गांव को ही क्यों घोषित किया गया Biodiversity Heritage Site?
अरिट्टापट्टी गांव का पारिस्थितिक और ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्त्व है. यहां पक्षियों की लगभग 250 प्रजातियां पाई जाती हैं. तीन रैप्टर भी इस गांव में हैं. लैगर फाल्कन, शाहीन बाज और बोनेली ईगल भी इस एरिया में पाए जाते हैं, जिन्हें शिकारी पक्षी कहा जाता है. अजगर, स्लेंडर लोरिस और पैंगोलिन भी इस एरिया में ही रहते हैं. इस एरिया में 72 झीलें और 200 नेचुरल झरने भी हैं. इसके अलावा इस क्षेत्र में कई ऐतिहासिक विरासतें भी हैं, जिनमें महापाषाण संरचनाएं, शैलकृत मंदिर, तमिल ब्राह्मी शिलालेख और जैन धर्म से जुड़ी संरचनाएं शामिल हैं. यही कारण है कि इसे तमिलनाडु की राज्य सरकार ने Biodiversity Heritage Site घोषित किया है.
भारत में कहां-कहां हैं Biodiversity Heritage Site?
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