होम / BW क्लास / क्या होता है बोनस शेयर, इससे निवेशकों को क्या फायदा? समझिए आसान भाषा में
क्या होता है बोनस शेयर, इससे निवेशकों को क्या फायदा? समझिए आसान भाषा में
जब किसी कंपनी का शेयर प्राइस बहुत ज्यादा हो जाता है और आम निवेशकों की पहुंच से बाहर होने लगता है तो कंपनियां या तो शेयर स्प्लिट करती हैं या बोनस शेयर देती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
मुंबई: शेयर बाजार में कई बार कंपनियां अपने शेयरधारकों के लिए बोनस शेयर जारी करती हैं. ये बोनस शेयर क्या होते हैं, कभी आपने सोचा है. आखिर क्यों कंपनियां बोनस शेयर जारी करती हैं और इससे आपकी सेहत पर क्या असर पड़ता है. अगर आपके दिमाग में भी ये सब आते हैं तो चलिए हम आपको इनके जवाब देते हैं, वो भी बिल्कुल आसान भाषा में.
क्या होता है बोनस शेयर
मुफ्त की चीज किसे अच्छी नहीं लगती, एक बदले अगर कोई दूसरी चीज फ्री में मिले तो क्या कहने. ऐसा ही कुछ बोनस शेयर भी होता है. कई बार कंपनियां शेयर मार्केट में अपने शेयरधारकों को फ्री में ही शेयर बांटती है, उसे ही बोनस शेयर कहते हैं. हमने आपको BW क्लास में ही बताया था कि जब कंपनियां अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा अपने शेयरधारकों को जारी करती है तो उसे डिविडेंड कहते हैं, और बचा हुआ मुनाफा अपने पास रख लेती है. इसे बचे हुए मुनाफे को ही बाजार की भाषा में Retained Earning कहा जाता है. कई सालों तक मुनाफा कमाने के बाद जब किसी कंपनी की Retained Earning बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो उसमें से कुछ हिस्से को कंपनी शेयर में तब्दील कर देती है और अपने शेयरहोल्डर्स में बांट देती है. इन शेयरों को ही बोनस शेयर कहा जाता है.
इसको उदाहरण से समझते हैं-
मान लीजिए कि कोई कंपनी XYZ है, जिसने 2:1 का बोनस शेयर जारी किया है. 2:1 के रेश्यो में 2 बोनस शेयर हैं 1 ओरिजिनल शेयर है, मतलब 1 ओरिजनल शेयर पर शेयरधारक को 2 एक्सट्रा शेयर मिलेंगे. अब आपको लग रहा होगा कि वाह ये तो बढ़िया है, बैठे बिठाए 2 शेयर मुफ्त में मिल गए, आप तो मालामाल हो जाएंगे. लेकिन थोड़ा ठहरिए. जरा नीचे की कैलकुलेशन को समझिए,
बोनस के पहले शेयरों की संख्या शेयर प्राइस निवेश वैल्यू
100 ₹300 ₹30,000
2:1 बोनस शेयर के बाद - 300 ₹100 ₹30,000
मान लीजिए कि आपके पास 100 शेयर हैं, जिसका शेयर प्राइस 300 रुपये है और कुल निवेश की वैल्यू हो गई 30,000 रुपये. अब 2:1 का बोनस मिलने के बाद हर 1 शेयर पर आपको 2 शेयर मिलेंगे यानी 2+1 = 3, यानी शेयरों की संख्या 100 से बढ़कर 300 हो जाएगी. लेकिन इससे आपके शेयर प्राइस की वैल्यू एक तिहाई हो जाएगी, और कुल निवेश पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. यानी शेयर प्राइस 100 रुपये हो जाएगा और निवेश वैल्यू 30,000 ही रहेगी.
कंपनियां बोनस शेयर क्यों देती हैं
अब सवाल उठता है कि कंपनियां ऐसा करती क्यों हैं? दरअसल, जब किसी कंपनी का शेयर प्राइस बहुत ज्यादा हो जाता है और आम निवेशकों की पहुंच से बाहर होने लगता है तो कंपनियां या तो शेयर स्प्लिट करती हैं या बोनस शेयर देती है. शेयर स्प्लिट और बोनस शेयर में अंतर ये होता है शेयर स्प्लिट में कंपनी एक ही शेयर को दो या कई हिस्सों में बांट देती है, लेकिन बोनस शेयर में कंपनी एक्स्ट्रा शेयर शेयरधारकों को देती है, ये एक्स्ट्रा शेयर कंपनी अपने मुनाफे में से निकालती है. बोनस शेयर में भी कंपनी का शेयर प्राइस कम हो जाता है और कई निवेशकों की रेंज में आ जाता है. इससे कंपनी को कई निवेशक मिल जाते हैं और शेयर का भाव बढ़ने पर फायदा होता है. जैसे ऊपर वाले उदाहरण में 300 रुपये का शेयर प्राइस 100 रुपये का हो गया, अब अगर ये बढ़कर 110 या 120 रुपये होता है तो कंपनी को तो फायदा होगा ही, निवेशकों को भी होगा. बोनस शेयर के ऐलान से निवेशकों के बीच एक संकेत ये भी जाता है कि कंपनी को भविष्य में अच्छी ग्रोथ की उम्मीद है, इसलिए वो बोनस दे रही है.
बोनस की एक्स डेट, रिकॉर्ड डेट और अनाउंस डेट
आपको बोनस मिलेगा या नहीं ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपके डीमैट खाते में उस कंपनी के शेयर कब आए. इसको जरा ऐसे समझते हैं
जब कंपनी इस बात का ऐलान करती है कि वो बोनस शेयरों का ऐलान करने वाली है तो उस तारीख को अनाउंस डेट कहते हैं. इसके बाद कंपनी बोनस शेयर के रिकॉर्ड डेट का ऐलान करती है. रिकॉर्ड डेट का मतलब ये हुआ कि इस तारीख तक शेयर आपके अकाउंट में होने चाहिए तभी आपको बोनस शेयर मिलेंगे. लेकिन अगर आपके अकाउंट में इस कंपनी के शेयर नहीं हैं, तो आप उसको खरीदने की सोचेंगे ताकि आपको भी बोनस शेयर का फायदा मिल सके.
मान लीजिए किसी कंपनी ने 1 अगस्त को बोनस शेयर का ऐलान किया, 25 अगस्त को इसकी रिकॉर्ड डेट रखी.
मतलब ये कि आपके डीमैट खाते में 25 अगस्त तक उस कंपनी के शेयर मौजूद रहने चाहिए
लेकिन भारत में T+2 सेटलमेंट चलता है, मतलब 25 अगस्त को खाते में शेयर आएं
इसके लिए आपको 23 तारीख तक ही शेयर खरीदने होंगे, तभी शेयर 25 अगस्त को आपके डीमैट खाते में आएंगे
अगर आप 24 अगस्त को शेयर खरीदेंगे तो आप बोनस शेयर के हकदार नहीं होंगे, इसे एक्स डेट कहते हैं
क्योंकि 24 अगस्त को शेयर खरीदने पर डीमैट खाते में ये T+2 यानी 27 अगस्त को आएंगे
मतलब अगर आपको बोनस चाहिए तो आपके खाते में शेयर 1 अगस्त से 23 अगस्त के बीच आ जाने चाहिए
VIDEO: Venue N Line SUV की बुकिंग शुरू, देने होंगे सिर्फ इतने ही रुपये
टैग्स