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जिस NITI Aayog की बैठक को लेकर मचा है सियासी घमासान, उसके बारे में कितना जानते हैं आप?
NITI Aayog का पूरा नाम 'राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान' (National Institute for Transforming India – NITI) है. ये सरकार के लिए थिंक टैंक के रूम में काम करता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
नीति आयोग (NITI Aayog) इस समय खबरों में है. वजह है आज यानी 27 मई को दिल्ली में होने वाली इसकी बैठक. दरअसल, इस बैठक को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर विपक्ष और केंद्र सरकार में ठनी हुई है और इसी के चलते पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, पंजाब के CM भगवंत मान ने नीति आयोग की बैठक से दूरी बनाने का फैसला लिया है. चलिए जानते हैं कि आखिर नीति आयोग क्या है और इसका क्या कामकाज है.
कौन होता है आयोग का अध्यक्ष?
नीति आयोग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री के हाथों होती है. प्रधानमंत्री आयोग की बैठक की अध्यक्षता करते हैं और उसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के CMs शामिल होते हैं. नीति आयोग का जन्म मोदी सरकार के कार्यकाल में हुआ, इससे पहले इसे योजना आयोग कहा जाता था. आजादी के बाद योजनाओं के निर्माण के उद्देश्य के लिए 1950 में योजना आयोग का गठन हुआ था. 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तो उसने योजना आयोग को भंग कर. इसके बाद 1 जनवरी 2015 को नीति आयोग का गठन किया गया.
क्या है आयोग का कामकाज?
NITI Aayog का पूरा नाम 'राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान' (National Institute for Transforming India – NITI) है. ये सरकार के लिए थिंक टैंक के रूम में काम करता है. नीति आयोग में अध्यक्ष के साथ-साथ एक उपाध्यक्ष और एक कार्यकारी अधिकारी होता है, जिनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है. नीति आयोग के मकसद की बात करें, तो यह राष्ट्रीय उद्देश्यों को पूरा करना है. आयोग का काम देश के अलग-अलग राज्यों के साथ सहकारी संवाद को बढ़ावा देना और नीति निर्माण में सरकार की मदद करना है. सरकारी योजनाओं की निगरानी और उन्हें क्रियान्वित करने में मदद करना भी निति आयोग का काम है. सीधे शब्दों में कहें तो इसका काम नीति और कार्यक्रमों का फ्रेमवर्क बनाना है.
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कौन हैं उपाध्यक्ष और CEO?
इस समय सुमन बेरी (Suman Bery) नीति आयोग के उपाध्यक्ष और बीवीआर सुब्रमण्यम सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं. राजीव कुमार के इस्तीफे के बाद सुमन बेरी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. बेरी 2001 से 2011 तक नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च या NCAER के डायरेक्ट जनरल रहे हैं. साथ ही वह वॉशिंगटन DC में वुडरो विल्सन इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्कॉलर्स के एशिया प्रोग्राम में ग्लोबल फेलो भी हैं. वहीं, सुब्रमण्यम प्रशासनिक पदों पर काम कर चुके हैं. वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पर्सनल सेक्रेटरी भी रहे हैं. उन्होंने लंदन बिजनस स्कूल से मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की है. 2018 में सुब्रमण्यम को जम्मू-कश्मीर का चीफ सेक्रेटरी बनाया गया था और उनके कार्यकाल में ही जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया गया था.
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