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BW Class: आखिर क्या होता है मल्टीबैगर स्टॉक, क्या आप जानते हैं?
'मल्टीबैगर' का सबसे पहले प्रयोग पीटर लिंच की पुस्तक 'वन अप ऑन वॉलस्ट्रीट' में देखने को मिला.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: इन दिनों भारतीय निवेशकों के बीच एक टर्म बहुत तेजी से फैल रहा है. वो टर्म है- मल्टीबैगर स्टॉक (Multibagger Stock), पर ये होता क्या है? किसे कहते हैं मल्टीबैगर स्टॉक, क्या आप जानते हैं? आइए, BW Class में आज हम आपको बताते हैं कि क्या होता है 'मल्टीबैगर स्टॉक'....
मल्टीबैगर स्टॉक
'मल्टीबैगर' का सबसे पहले प्रयोग पीटर लिंच की पुस्तक 'वन अप ऑन वॉलस्ट्रीट' में देखने को मिला. उन्होंने उन शेयर्स को मल्टीबैगर कहा, जो मूल निवेश पर कई बार रिटर्न देते हैं. यानी ऐसे शेयर जो मूल निवेश पर कम समय में कई बार 100 प्रतिशत से अधिक रिटर्न देते हैं. इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि वैसा शेयर जो कुछ ही साल में दस, बीस या सौ गुना रिटर्न दे जाए.
दो बैगर स्टॉक भी होता है
पीटर लिंच ने अपनी किताब में उदाहरण के साथ समझाते हुए यह लिखा है कि यदि कोई स्टॉक आपको दो बार रिटर्न देता है, तो उसे दो बैगर स्टॉक कहते हैं, तीन बार रिटर्न देने वाले स्टॉक को तीन बैगर स्टॉक कहते हैं और कई बार रिटर्न देने वाले स्टॉक को मल्टीबैगर स्टॉक कहा जाता है.
मल्टीबैगर शेयर का एक उदाहरण
हैवेल्स इंडिया लिमिटेड (HAVELLS India Limited) ने पिछले कुछ सालों में अपने निवेशकों को अच्छा-खासा रिटर्न दिया है. NSE पर 23 मार्च 2001 को जब हैवेल्स इंडिया के शेयरों में पहली बार कारोबार शुरू हुआ था, तब इसकी कीमत सिर्फ 1.89 रुपए थी. इस तरह साल 2001 से अब तक यह शेयर अपने निवेशकों को करीब 72,926.46 फीसदी का रिटर्न दे चुका है. इसका मतलब ये है कि अगर उस समय किसी ने हैवेल्स इंडिया के शेयरों में 1 लाख रुपए का निवेश किया होगा, तो आज वो लखपति से करोड़पति बन गया होगा.
पिछले 5 साल में भी शानदार रिटर्न
पिछले 5 साल में भी इसने निवेशकों को 179.10% का रिटर्न दिया है. यानी इस अवधि में HAVELLS में इन्वेस्ट करने वालों ने भी अच्छा-खासा मुनाफा कमाया है. निवेशकों के लिए अच्छी बात ये है कि कंपनी की आर्थिक स्थिति बेहतर है. हैवेल्स इंडिया लिमिटेड का मुनाफा मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 3.47% बढ़कर 242.43 करोड़ रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष इसी अवधि में 234.3 करोड़ रुपए था. इसके अलावा, कंपनी का रिवेन्यू सालाना आधार पर 62.8% बढ़कर 4,230.1 करोड़ रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 2,598.2 करोड़ रुपए था.
क्या करती है कंपनी?
हैवेल्स इंडिया के मार्केट कैपिटलाइजेशन की बात करें, तो यह 86.35 हजार करोड़ रुपए. भारतीय मल्टीनेशनल कंपनी हैवेल्स इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट बनाने के कारोबार में है. 1958 में शुरू हुई यह कंपनी होम अप्लायंस, लाइटिंग उपकरण, LED लाइटिंग, फैन, वॉर हीटर, सर्किट प्रोटेक्शन स्विचगियर, केबल्स-वायर, इंडक्शन मोटर सहित घरेलू और उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले कई उत्पाद बनाती है. कंपनी के पास लॉयड, क्रैबट्री, स्टैंडर्ड इलेक्ट्रिक, रियो और प्रॉम्टेक जैसे कई ब्रांड हैं.
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