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TATA की होगी Bisleri, ये है इस डील की पूरी कहानी
इससे पहले रमेश चौहान ने थम्स अप, गोल्ड स्पॉट और लिम्का जैसे सॉफ्ट ड्रिंक ब्रैंड्स को कोका-कोला को बेचा था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः देश में बोतलबंद पानी बेचने वाली सबसे बड़ी कंपनी बिसलेरी अब बिकने जा रही है. इसके नए मालिक टाटा संस होंगे, जिनकी ग्रुप कंपनी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स इसको रमेश चौहान से खरीदेंगे. इस डील को पूरा होने में करीब दो साल लगेंगे. इससे पहले रमेश चौहान ने थम्स अप, गोल्ड स्पॉट और लिम्का जैसे सॉफ्ट ड्रिंक ब्रैंड्स को कोका-कोला को बेचा था. 82 साल के चौहान बेमन से बिसलेरी को बेचने जा रहे हैं, क्योंकि उनका स्वास्थ्य सही नहीं रहता है और बेटी जयंती को भी इस कारोबार में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रह गई है.
इतने की होगी डील
पूरी डील 6000 से 7000 करोड़ रुपये की होगी. बिसलेरी को विस्तार के अगले स्तर पर ले जाने के लिए चौहान के पास उत्तराधिकारी नहीं है. बिसलेरी भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड वाटर कंपनी है. टाटा के अलावा रिलायंस, नेस्ले और डेनोन सहित कई सारी कंपनियां थीं जो चौहान से बिसलेरी को खरीदने के लिए तैयार थीं. टाटा ग्रुप ने 12 सितंबर को बिसलेरी के लिए ऑफर दिया था.
दो साल से चल रही थी बातचीत
टाटा के साथ बातचीत दो साल से चल रही थी और उन्होंने कुछ महीने पहले टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और टाटा कंज्यूमर के सीईओ सुनील डिसूजा से मुलाकात के बाद अपना मन बना लिया था.चौहान ने कहा, " टाटा समूह इसका पालन-पोषण और बेहतर तरीके से करेंगे. हालांकि बिसलेरी को बेचना अभी भी एक "दर्दनाक" फैसला था. मुझे मूल्यों और अखंडता की संस्कृति पसंद है और इसलिए अन्य इच्छुक खरीदारों द्वारा दिखाए गए आक्रामकता के बावजूद मैंने अपना मन इस कंपनी को टाटा को बेचने का मन बना लिया है."
कंपनी में नहीं रखेंगे शेयर, करेंगे पर्यावरण के लिए काम
कारोबार बेचने के बाद चौहान को अल्पसंख्यक हिस्सेदारी रखने का कोई मतलब नजर नहीं आता. "जब मैं शो नहीं चला रहा हूं तो मैं इसका क्या करूंगा?" बोतलबंद पानी के कारोबार से बाहर निकलने के बाद, चौहान का इरादा पर्यावरण और धर्मार्थ कारणों जैसे जल संचयन, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग और गरीबों को चिकित्सा उपचार प्राप्त करने में मदद करने पर फिर से ध्यान केंद्रित करना और निवेश करना है.
टाटा हो जाएगी इस सेगमेंट में नंबर एक
टाटा कंज्यूमर फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) स्पेस में आक्रामक है और इस क्षेत्र में शीर्ष तीन में शामिल होने का लक्ष्य है. यह हिमालयन ब्रांड के तहत पैकेज्ड मिनरल वाटर के साथ-साथ टाटा कॉपर प्लस वॉटर और टाटा ग्लूको+ भी बेचती है. बिसलेरी को हासिल करने से यह इस सेगमेंट में नंबर 1 पर पहुंच जाएगी. कोका-कोला ने 1993 में चौहान और उनके भाई प्रकाश से शीतल पेय का पूरा पोर्टफोलियो खरीदा था, जिसमें सिट्रा, रिमझिम और माजा जैसे ब्रैंड्स भी शामिल थे.
कंपनी की इतनी है नेटवर्थ
चौहान ने सीईओ एंजेलो जॉर्ज की अध्यक्षता वाली एक पेशेवर टीम को दिन-प्रतिदिन का प्रबंधन सौंप दिया है. चौहान ने कहा कि वित्त वर्ष 23 के लिए बिसलेरी ब्रांड का कारोबार 220 करोड़ रुपये के लाभ के साथ 2,500 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. मार्च 2021 को समाप्त वर्ष में कंपनी ने 1,181.7 करोड़ रुपये की बिक्री से आय और 95 करोड़ रुपये का लाभ दिखाया था. बिजनेस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म टॉफलर के अनुसार, मार्च 2020 को समाप्त वर्ष में कंपनी को 1,472 करोड़ रुपये का राजस्व और 100 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था.
बिसलेरी मूल रूप से एक इटैलियन ब्रांड है जिसने 1965 में मुंबई में अपनी पहली शॉप खोली थी. चौहान भाईयों ने इसे 1969 में अधिग्रहित किया था. फिलहाल कंपनी के 122 परिचालन संयंत्र हैं (उनमें से 13 स्वामित्व वाले हैं) और 4,500 का नेटवर्क भारत और पड़ोसी देशों में वितरक और 5,000 ट्रक हैं जो पूरे देश में पैकेज्ड वाटर की सप्लाई करते हैं.
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