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विधवा महिलाओं की जिंदगी के लिए सुलभ इंटरनेशनल किसी फरिश्ते से कम नहीं
सुलभ इंटरनेशनल ने वृंदावन के मां शारदा आश्रम और कृष्णा कुटीर में इस कार्यक्रम को आयोजित किया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
वृंदावनः पिछले कई दशकों से विधवा महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और उनकी जिंदगी में बदलाव लाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी प्रयास हो रहे हैं, हालांकि उनमें उतनी सफलता अभी तक नहीं मिल रही थी, जितनी अपेक्षित की जा रही थी. लेकिन अब सरकार के द्वारा एनजीओ और कानून की मदद से विगत वर्षों से ऐसे कई सुधार देखने को मिल रहे हैं, जिनकी वजह से अब विधवा महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है. इस काम में सरकार की मदद कर रहा है सुलभ इंटरनेशनल जो हजारों विधवाओं के लिए आशा की एक मिसाल बनकर आया है.
वृक्षारोपण में लिया हिस्सा
विधवा महिलाओं ने विगत 23 जून को अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस पर सुलभ इंटरनेशनल की तरफ से आयोजित वृहद वृक्षारोपण अभियान में हिस्सा लिया और 75 अलग-अलग प्रजाति के पौधों का रोपण किया. सुलभ इंटरनेशनल ने वृंदावन के मां शारदा आश्रम और कृष्णा कुटीर में इस कार्यक्रम को आयोजित किया था. यह पहली बार था जब विधवाओं से पौधारोपण कराया गया.
2012 से कर है विधवाओं की देखभाल
पद्म भूषण डां बिंदेशवर पाठक के सानिध्य में सुलभ इंटरनेशनल 2012 से वृंदावन और वाराणसी में रह रहीं हजारों विधावओं के जीवन में नई खुशियां लेकर के आ रहे हैं. अब विधवा महिलाओं के साथ एनजीओ दिवाली, होली व अन्य त्योहार भी मनाता है. सालभर एनजीओ के जरिए विधवा महिलाएं भी मुख्यधारा में वापस आ रही हैं, जिसमें पहले उनको शामिल भी नहीं होने दिया जाता था. सुलभ इंटरनेशनल से जुड़े एक पदाधिकारी मदन झा ने बताया कि पूरे विश्व में सबसे ज्यादा विधवा महिलाओं की आबादी भारत में है.
मिलती है चिकित्सा सुविधा
त्योहारों के अलावा सुलभ इंटरनेशनल इन महिलाओं की चिकित्सा और वोकेशनल ट्रेनिंग भी कराता है. इसके साथ ही इनकी रोजाना की जरूरतों को पूरा करने भी संस्था ध्यान देती है. वृंदावन की पहचान विधवाओं के शहर के तौर पर भी की जाती है. ज्यादातर महिलाएं पूर्वी भारत से यहां पर रहने को आती है. यह महिलाएं अपने जीवन के अंतिम वर्ष भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन होकर के बिताना चाहती हैं. हालांकि जहां पहले इनको नारकीय जीवन बिताने पर मजबूर होना पड़ता था, वहीं अब इनकी दशा में सुलभ जैसी संस्थाएं एक नई दिशा देने का प्रयास कर रही हैं.
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