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आखिर झंझट वाले पुरानी कारों के बाजार में क्यों उतरी Kia? ये है इसका जवाब
मारुति और महिंद्रा के बाद अब Kia भी पुरानी कारों के बाजार में उतर गई है. कंपनी का दावा है कि वो ग्राहकों को बेस्ट अनुभव प्रदान करेगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
पुरानी कारों के बाजार (Used Car Market) में अब Kia India की भी एंट्री हो गई है. मारुति और महिंद्रा पहले से ही इस कारोबार में है. Kia ने कुछ ही वक्त में भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर पर अपनी एक अलग पहचान स्थापित की है. कंपनी की Sonet और Seltos लोगों की पसंदीदा कारों में शुमार हैं. Sonet ने ही एक तरह से बाकी कंपनियों को कम कीमत में बेहतरीन और अत्याधुनिक फीचर्स से लैस कार बनाने के लिए प्रेरित किया है. सीधे शब्दों में कहें तो Kia का कारोबार भारत में काफी अच्छा चल रहा है. ऐसे में यह सवाल लाजमी हो जाता है कि फिर आखिर कंपनी पुरानी कारों के झंझट वाले बाजार में क्यों उतर रही है?
बेस्ट सर्विस का वादा
पुरानी कारों को Kia सर्टिफाइड करके बेचेगी. कंपनी बिना किसी परेशानी के ऑनरशिप ट्रांसफर और फाइनेंस की सुविधा भी प्रदान करेगी. किआ इंडिया का कहना है कि वह भारत में सेकंड हैंड कारों पर बाकी कंपनियों के मुकाबले सबसे बेहतर वारंटी के साथ, बेस्ट मेंटेनेंस भी उपलब्ध कराएगी. कंपनी Kia CPO (Certified Pre Owned) के नाम से बेचीं जाने वाली पुरानी कारों पर 2 साल और 40,000 किमी तक का वारंटी कवरेज देगी. साथ ही कुछ सर्विस भी फ्री देगी.
ग्राहकों के पास विकल्प कम
Kia India का कहना है कि Kia CPO के साथ, वह प्री-ओन्ड कार बाजार में नई इबारत लिखना चाहती है. मौजदा समय में भारतीय ग्राहकों के पास बहुत विकल्प हैं. किआ ने उन्हें एक और बेहतरीन विकल्प उपलब्ध कराना चाहती है. कंपनी के अनुसार, नई Kia कारों के एक-तिहाई से अधिक ग्राहक रिल्पेसमेंट बायर हैं और हमारा उद्देश्य उन्हें अपने सर्टिफाइड प्री-ओन्ड कार कारोबार के माध्यम से सुविधा प्रदान करना है.
काफी बढ़ा है बाजार
अब बात करते हैं कि आखिर Kia इस बिजनेस में क्यों आई. दरअसल, भारत में यूज्ड कारों का बड़ा कारोबार है और यह लगातार बढ़ रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-2022 में यह कारोबार 23 बिलियन डॉलर का है और वर्ष 2026-2027 तक 19.5 प्रतिशत CAGR के साथ दोगुनी रफ़्तार से बढ़ सकता है. इसका सीधा मतलब है कि इस कारोबार से जुड़ी कंपनियों की कमाई में भी इजाफा होगा. सर्टिफाइड कार खरीदने का ट्रेंड पिछले कुछ सालों में बढ़ा है, क्योंकि लोग पुरानी कार खरीदने के बाद भी नई कार के मालिक की तरह फील करना चाहते हैं. वह अगले कुछ सालों तक निश्चिंत रहना चाहते हैं.
कितनी बिकीं पुरानी कारें
हालांकि, बाकी देशों के मुकाबले भारत में प्री-ओन्ड कारों का कारोबार कम है, लेकिन इसमें तेजी आ रही है. वित्त वर्ष 2021-2022 में भारत में अनुमानित 4.4 मिलियन पुरानी कारों की बिक्री हुई. जबकि USA, चीन, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस में 80 मिलियन पुरानी कारों की बिक्री हुई. पिछले पांच सालों के आंकड़े देखें तो भारत में इस कारोबार में तेजी आई है. इसी को ध्यान में रखते हुए मारुति और महिंद्रा के बाद अब Kia भी सेकंड-हैंड कारों के बाजार में उतर आई है.
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