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जैसी आशंका थी, वही हुआ; धड़ाम से नीचे आ गई इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स की सेल
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री जून के पहले 15 दिनों में मई के मुकाबले एकदम से नीचे आ गई है. इसकी वजह सरकार का एक फैसला है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 10 months ago
एक तरफ सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के इस्तेमाल पर जोर दे रही है. वहीं, दूसरी तरफ उसने इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स पर दी जाने वाली सब्सिडी को कम कर दिया है. सरकार के इस फैसले का असर अब इलेक्ट्रिक दोपहिया गाड़ियों की बिक्री पर नजर आने लगा है. पिछले महीने जब सरकार ने सब्सिडी में कटौती की घोषणा की थी, तभी ये अंदेशा जताया जा रहा था कि इससे बिक्री प्रभावित होगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के वाहन पोर्टल के के अनुसार, मई में प्रतिदिन 3,395 इलेक्ट्रिक दोपहिया गाड़ियों की बिक्री हुई थी, जो जून में घटकर 1,271 यूनिट रह गई.
इतनी घटी बिक्री
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि जून के पहले पखवाड़े यानी 1 से 15 जून तक केवल 11,862 इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है, जबकि मई की इसी अवधि में यह संख्या 44,700 थी. मई में कुल 14,97,956 दोपहिया बेचे गए थे, जिसमें से 7.73% इलेक्ट्रिक दोपहिया थे. वहीं, जून में यह हिस्सेदारी घटकर 2.65% रह गई. सीधे शब्दों में कहें तो जून में अब तक जितने 2-व्हीलर्स बेचे गए उनमें से महज 2.65% ही EV हैं. इस तरह, 1 से 15 जून के दौरान औसत दैनिक बिक्री में मई के मुकाबले 62% से ज्यादा की गिरावट आई है.
ये है आशंका
वैसे अभी ये महीना खत्म होने में कुछ दिन बाकी हैं, लेकिन बिक्री का आंकड़ा किसी भी सूरत में मई के आंकड़े को पार नहीं कर पाएगा. इलेक्ट्रिक दोपहिया बनाने वालीं कंपनियों को लगता है कि जून में 30 हजार यूनिट की बिक्री की मुश्किल है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहित करना है, तो सरकार को सब्सिडी में कटौती का फैसला वापस लेना चाहिए. अन्यथा इन वाहनों की कीमतें और बढ़ेंगी, जिसकी वजह से लोग इन्हें खरीदने से कतराएंगे. उनके मुताबिक, पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना जेब पर भारी पड़ता है, ऐसे में कीमतों में इजाफा लोगों का अपना मन बदलने के लिए विवश कर सकता है.
क्यों घटाई सब्सिडी?
सरकार ने इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स पर लागू फेम-2 योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी को 60,000 रुपए से घटाकर 22,500 रुपए कर दिया है. यह फैसला एक जून 2023 या उसके बाद पंजीकृत सभी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर लागू होगा. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार ने FAME-II योजना के तहत मानकों को न पूरा करने पर सब्सिडी में कटौती का फैसला लिया है. कहा ये भी जा रहा है कि कुछ कंपनियों ने विदेश से कलपुर्जे मंगाकर वाहनों का निर्माण किया और सरकार से सब्सिडी ले ली, जबकि इस योजना के तहत 50 प्रतिशत से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग स्थानीय स्तर पर ही होनी थी.
इस तरह पड़ेगा असर
सब्सिडी कम होने से इलेक्ट्रिक दोपहिया बनाने वाली कंपनियों की लागत बढ़ेगी, जिसका बोझ वह ग्राहकों पर डाल रही हैं. जून के पहले सप्ताह में ही अधिकांश कंपनियों ने अपने EV की कीमतों में 6 से 22 हजार रुपए तक की बढ़ोत्तरी कर दी है. इस कारण इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के दाम कम से कम 20% बढ़ गए हैं. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कीमतों में इजाफा आगे भी जारी रह सकता है. वहीं, इसके अलावा, कंपनियां इन स्कूटरों में कई तरह के बदलाव कर सकती हैं. वो फीचर घटा सकती हैं और बैटरी का साइज कम कर सकती हैं. यानी ज्यादा दाम चुकाने के बावजूद ग्राहकों को पहले से कम फीचर और रेंज मिलेगी.
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