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भारत में गेहूं के दामों में हुआ इजाफा, जानते हैं क्या है इसकी वजह?
त्योहारी सीजन से पहले दामों में हुए इस इजाफे को लेकर जहां कुछ व्यापारी सरकार से खुले बाजार में गेहूं बेचने की मांग कर रहे हैं तो वहीं कुछ इंपोर्ट करने की मांग कर रहे हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
अभी अगस्त का महीना चल रहा है और अगले कुछ महीनों में त्योहारी सीजन की शुरुआत होने जा रही है. लेकिन त्योहारी सीजन से पहले देश में गेहूं की मांग में जबर्दस्त इजाफा देखने को मिल रहा है. उसका नतीजा ये हुआ है कि अब गेहूं के दामों में इजाफा हो गया है. कीमतें पिछले 6 महीने के उच्चतम स्तर तक जा पहुंची हैं. इससे एक बार फिर मुद्रास्फीती में इजाफे की आशंका बढ़ गई है. मंगलवार को गेहूं के दामों में इजाफा देखने को मिला जिससे ये आशंका पैदा हो रही है.
इस समस्या को लेकर क्या कह रहे हैं डीलर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डीलरों का कहना है कि सीमित आपूर्ति और त्योहारी सीजन से पहले मजबूत मांग के कारण मंगलवार को भारतीय गेहूं की कीमत में बड़ा इजाफा देखने को मिला. ये इजाफा इतना ज्यादा था कि इसने पिछले 6 महीनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. गेहूं की कीमतों में इजाफा ऐसे समय में हुआ है जब इस साल पांच राज्यों में चुनाव होने हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इन बढ़ते दामों ने आयात शुल्क खत्म करने के लिए एक प्रकार से दबाव बना दिया है.
रिजर्व बैंक की भी बढ़ी चुनौती
गेहूं के दामों में हुई बढ़ोतरी ने केन्द्र सरकार से लेकर रिजर्व बैंक तक चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि दोनों संस्थाएं महंगाई को कम करने को लेकर प्रयास कर रही हैं. गेहूं के दामों में इजाफा ऐसे समय में हुआ है जब 10 अगस्त तारीख को रिजर्व बैंक एक बार फिर रेपो रेट का ऐलान करने जा रहा है. दिल्ली के एक कारोबारी का कहना है कि सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में, किसानों की आपूर्ति लगभग रुक गई है. आटा मिलों से बाजार को पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है. मध्य प्रदेश के इंदौर में गेहूं की कीमतें मंगलवार को 1.5% बढ़कर 25,446 रुपये ($307.33) प्रति मीट्रिक टन हो गईं, जो 10 फरवरी के बाद सबसे अधिक है. पिछले चार महीनों में कीमतें लगभग 18% बढ़ी हैं.
सरकार को जारी करना चाहिए स्टॉक
मुंबई के एक कारोबारी का कहना है कि सरकार को तुरंत खुले बाजार में गेहूं जारी करना चाहिए.इससे त्योहारी सीजन से पहले बाजार में पैदा हो रही शार्टेज को खत्म किया जा सकेगा. वहीं अगर सरकार के स्टॉक की स्थिति को देखें तो मौजूदा समय में सरकार के पास 28.3 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक मौजूद है, जबकि पिछले साल की अगर स्थिति देखें तो ये स्टॉक 26.6 मिलियन टन था. एक अन्य डीलर का कहना है कि सरकार को इंपोर्ट करना चाहिए उसके बिना दामों में कमी नहीं आ पाएगी.
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