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आलू-टमाटर की महंगाई से मिली थोड़ी राहत, सोयाबीन के भाव बिगाड़ेंगे घर का बजट
राहत की बात ये है कि आलू-टमाटर की कीमतों में देशव्यापी स्तर पर कमी आ गई है. हालांकि बड़े महानगरों में इसका असर अभी नहीं देखने को मिला है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः कमोडिटी मार्केट में आम आदमी के लिए महंगाई के मोर्चे पर थोड़ी राहत भरी खबर है, वहीं सोयाबीन की फसल पर एक चिंताजनक रिपोर्ट आई है. इसका सीधा सा असर आम आदमी पर अगले कुछ महीनों में दिखने को मिल सकता है. राहत की बात ये है कि आलू-टमाटर की कीमतों में देशव्यापी स्तर पर कमी आ गई है. हालांकि बड़े महानगरों में इसका असर अभी नहीं देखने को मिला है, लेकिन छोटे शहरों व गांव-कस्बों में यह असर दिखने लगा है.
आलू-टमाटर 30 फीसदी सस्ते हुए
देश की विभिन्न मंडियों में सब्जियों में इन दो सब्जियों की कीमतों में क्रमशः 30 और 20 फीसदी की कमी आई है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि एक तरफ आलू के व्यापारी और बेहतर कीमत मिलने की आशा में स्टॉक को रोके हुए थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और मजबूरी में व्यापारियों को स्टॉक निकालना पड़ रहा है. आलू और प्याज व्यापारी संघ के अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने कहा, "एक पखवाड़े पहले, थोक बाजार में एक किलोग्राम आलू की कीमत ₹20 थी. अब यह घटकर ₹14-16 प्रति किलोग्राम हो गई है."
खुदरा बाजार में भी गिरे रेट
इसका असर खुदरा बाजार में भी महसूस किया जा रहा है जहां कीमतों में 25-30% की गिरावट आई है. पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के सदस्य पतित पाबन डे ने कहा, "व्यापारी स्टॉक को रोक रहे थे क्योंकि उन्हें लगा कि कीमतें और बढ़ेंगी."
लेकिन हाल के महीनों में आलू की कीमतें स्थिर रहीं. डे ने कहा, "अब जब वे समझ गए हैं कि कीमतों में और सख्ती नहीं होगी, उन्होंने बाजार में स्टॉक बेचना शुरू कर दिया है."
कम हुई है इस बार आलू की फसल
आलू के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक पश्चिम बंगाल में शीतगृहों ने सीजन की शुरुआत में छह मिलियन टन आलू लोड किया था. अभी तक इस स्टॉक का केवल 40% ही ऑफलोड किया गया है. कीमतों में और सख्ती नहीं होगी, उन्होंने बाजार में स्टॉक बेचना शुरू कर दिया है." देश में आलू की फसल का आकार इस साल घटकर 53.58 मिलियन टन रह गया है, जो पिछले साल की तुलना में 30 लाख टन कम है.
टमाटर की कीमतों में कमी
टमाटर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कौशिक के अनुसार, टमाटर की कीमतें एक पखवाड़े पहले के ₹20 प्रति किलोग्राम से गिरकर ₹15 प्रति किलोग्राम हो गई हैं. 'किसानों को टमाटर बेचने के लिए खरीदार नहीं मिल रहे हैं. केचप निर्माण उद्योग को हाइब्रिड टमाटर की आवश्यकता होती है, न कि 'देसी' की. इसके अलावा, भारी आपूर्ति और कम भंडारण सुविधाओं के कारण टमाटर के अंदर काले धब्बे विकसित हो रहे हैं, जिन्हें केचप उद्योग द्वारा त्याग दिया जा रहा है."
विश्व के कुल टमाटर उत्पादन में भारत का योगदान 10% है। FY22 में, भारत ने 20 मिलियन मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन किया था. हालांकि, मुख्य सब्जियों की कीमतों में गिरावट से देश की खाद्य मुद्रास्फीति को कुछ राहत मिल सकती है , जो जुलाई में घटकर 6.75% हो गई, जो जून में 7.75% थी.
सोयाबीन का रकबा घटा, रोग ने की फसल बर्बाद
सोयाबीन की फसल जो कि मुख्यतः मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में होती है उसका रकबा घटने के साथ ही फसल को बारिश और सूखे के बाद अब एक रोग ने बर्बाद कर दिया है. वहीं येलो मोजाइक रोग भी फसल पर लग गया है. सोयाबीन के सबसे बड़े उत्पादक मध्य प्रदेश के किसान फसल में पीले रंग की बीमारी से परेशान हैं. उनका लाखों का खर्च बर्बाद हो जाता है. धार जिले में किसानों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. यहां बारिश नहीं होने से फसलों को नुकसान हो रहा है. वहीं, उपरोक्त कीमतों में गिरावट के कारण किसान भी अपनी फसल को फेंकने को मजबूर हैं. तब से फसलों में महामारी का प्रकोप है जिसके कारण कुछ किसान अपनी बोई गई फसलों को नष्ट करने को मजबूर हो गए हैं.
ऐसे बिगड़ सकता है आम आदमी की रसोई का बजट
मध्य प्रदेश सोयाबीन का सबसे बड़ा उत्पादक है. यहां के लाखों किसान इसकी खेती पर निर्भर हैं. ऐसे में अगर इस बीमारी पर नियंत्रण नहीं किया गया तो यह काफी नुकसान पहुंचा सकती है. किसानों ने हजारों रुपये का निवेश कर बीमारी को मिटाने की कोशिश की, लेकिन बीमारी फैलने से दवा काम नहीं आई. इसलिए किसान पीत मोजेक रोग को नियंत्रित करने में सफल नहीं हो पाए हैं. इस साल किसानों को सोयाबीन के पिछले साल के समान भाव नहीं मिल रहे हैं. इस वजह से एमपी में सोयाबीन की फसल चौपट हो गई है. इससे किसानों को तो नुकसान हुआ ही है, ये घर का बजट भी बिगाड़ेगा क्योंकि रिफाइंड के नाम पर घरोंं में ज्यादातर सोयाबीन का तेल ही चलता है. उत्पादन कम होने से सोयाबीन की कीमतें बढ़ेंगी तो कंपनियों को एक बार फिर से दाम बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ेगा और खाद्य तेल फिर से महंगे होने की आशंका फेस्टिव सीजन में देखी जा सकती है.
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