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Term Insurance लेते समय इन बातों का रखें ध्यान, कभी नहीं होगी परेशानी
कई ऐसी बातें हैं जिनका ध्यान टर्म इंश्योरेंस प्लान लेते समय रखे जाना चाहिए. यहां आपको वही बता रहे हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
आजकल लोग फाइनेंशियल प्लानिंग काफी सोच-समझकर करते हैं. अपना फ्यूचर सिक्योर करने के साथ-साथ इस बात का भी ख्याल रखते हैं कि उनके जाने के बाद परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना पड़े. यही वजह है कि टर्म इंश्योरेंस प्लान लेने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. टर्म इंश्योरेंस लेने का फैसला जितनी कम उम्र में आप लेते हैं, उतना ही अच्छा रहता है. क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ-साथ प्रीमियम भी बढ़ता जाता है. चूंकि टर्म इंश्योरेंस किसी व्यक्ति के परिवार की आर्थिक मदद तब करता है, जब वह दुनिया में नहीं रहता. इसलिए इसे लेते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है.
कितना होना चाहिए कवर?
पॉलिसी बेचने के लिए कई बार एजेंट ऐसे दावे कर जाते हैं, जिसका जिक्र पॉलिसी दस्तावेज में नहीं होता. इसलिए हर दावे-वादे की अच्छे से जांच-पड़ताल करें. पॉलिसी डॉक्यूमेंट को पढ़े बिना किसी बात पर भरोसा न करें. टर्म इंश्योरेंस लेते समय आमतौर पर लोग यह सही फैसला नहीं ले पाते कि टर्म इंश्योरेंस की राशि कितनी होनी चाहिए. ऐसे में उनके जाने के बाद टर्म इंश्योरेंस परिवार को उतनी आर्थिक मदद नहीं कर पाता, जितनी उन्हें जरूरत होती है. टर्म इंश्योरेंस कितनी राशि लेनी है, इसके लिए एक सर्वमान्य नियम है. आपको अपनी मौजूदा वार्षिक आय से 20 गुना ज्यादा टर्म इंश्योरेंस कवर लेना चाहिए.
राइडर्स की न करें अनदेखी
यदि आपने कोई इंश्योरेंस पॉलिसी ली है, तो आप एड-ऑन्स या राइडर्स जैसी टर्म से परिचित होंगे. टर्म टर्म इंश्योरेंस में भी राइडर्स महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. लेकिन कई बार लोग इनकी अनदेखी कर देते हैं. राइडर्स कुछ विशिष्ट घटनाओं पर अतिरिक्त राशि बीमाधारक को क्लेम के रूप में देते हैं. बीमा कंपनियां एक्सिडेंटल डिस्एबिलिटी राइडर, क्रिटिक्ल इलनेस राइडर और एक्सिडेंटल डेथ बेनेफिट जैसे एड ऑन्स या राइडर्स उपलब्ध कराती हैं. इनमें से आप अपनी जरूरत अनुसार राइडर का चुनाव जरूर कर सकते हैं.
कैसे करें कंपनी का चयन?
सही बीमा कंपनी का चुनाव सबसे महत्वपूर्ण है. आमतौर पर लोग किसी पहचान वाले के कहे अनुसार या इस आधार पर बीमा कंपनी का चयन करते हैं कि उसका क्लेम सेटलमेंट रेश्यो को कैसा है. जबकि बीमा कंपनी चुनने का यह तरीका सही नहीं है. यह जरूरी नहीं है कि जिस कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो अच्छा है, उसकी सेवा भी अच्छी ही हो. दरअसल, कई बार कंपनियां छोटे क्लेम तेजी से निपटा देती हैं. इससे उनका क्लेम सेटलमेंट रेश्यो अच्छा हो जाता है, लेकिन जब बात बड़े सेटलमेंट की आती है, तो वे उतना अच्छा नहीं कर पातीं.
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