होम / यूटिलिटी / नजरें टमाटर की कीमतों पर टिकी थीं, इधर SBI ने काट डाली जेब; जानें क्या हुआ ऐसा
नजरें टमाटर की कीमतों पर टिकी थीं, इधर SBI ने काट डाली जेब; जानें क्या हुआ ऐसा
यदि आपने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लोन लिया है, तो आपको अब पहले से ज्यादा EMI का भुगतान करना होगा. क्योंकि बैंक ने कर्ज महंगा कर दिया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 10 months ago
इधर, टमाटर के 'लाल' होने की खबर सबको परेशान किए हुई थी. उधर, देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने लोन धारकों की जेब काट डाली. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने कर्ज महंगा कर दिया है. बैंक के इस फैसले का असर केवल नया लोन लेने वालों पर ही नहीं पड़ेगा, बल्कि पुराने कर्जदारों पर भी EMI का बोझ बढ़ जाएगा. यानी अगर आपने SBI से लोन लिया है, तो फिर महंगे टमाटर खरीदने के साथ ज्यादा EMI भरने के लिए भी तैयार हो जाइए.
आज से लागू हुईं दरें
एसबीआई ने मार्जिनल कॉस्ट आधारित ब्याज दर MCLR में 0.05% की बढ़ोत्तरी की है. बैक के अनुसार, MCLR में बढ़ोत्तरी सभी अवधि के कर्ज के लिए की गई है. SBI के इस कदम से लोन महंगा हो जाएगा और आपकी ईएमआई भी बढ़ जाएगी. ये नई दरें 15 जुलाई, 2023 यानी आज से लागू हो गई हैं. MCLR में 0.05% की बढ़ोत्तरी के बाद ओवरनाइट MCLR 7.95% से 8% हो गई है. वहीं एक महीने के लिए 8.15%, 3 महीने के लिए 8.15%, 6 महीने के लिए 8.45 प्रतिशत, 1 साल के लिए 8.55%, 2 साल के लिए 8.65% और 3 साल के लिए इसे 8.75% कर दिया गया है.
इन पर पड़ी है मार
हालांकि, SBI के इस निर्णय का असर फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर लोन लेने वाले ग्राहकों पर होगा न कि फिक्स्ड इंटरेस्टर रेट पर. MCLR बढ़ने के बाद EMI में रीसेट डेट पर ही बढ़ोत्तरी होगी. MCLR रेट बढ़ने से होम लोन की EMI के साथ-साथ व्हीकल लोन भी महंगे हो जाएंगे. यानी आपने स्टेट बैंक से चाहे घर के लिए कर्ज लिया हो या कार के लिए, आपकी जेब पहले से ज्यादा ढीली होना तय है. ऐसे समय में जब महंगाई ने पहले से ही जनता का बजट बिगाड़ रखा है, SBI से आई ये खबर उनके लिए दोहरे झटके के समान है.
क्या होता है MCLR?
MCLR या Marginal Cost of Funds Based Landing Rate वो न्यूनतम दर है, जिस पर बैंक ग्राहकों को कर्ज ऑफर करते हैं. बैंक इस दर से कम पर लोन नहीं दे सकते. MCLR को 2016 में MCLR ने लागू किया था. बैंकों के लिए हर महीने अपना ओवरनाइट, एक महीने, तीन महीने और इसी तरह आगे की अवधि का MCLR घोषित करना अनिवार्य होता है.
टैग्स