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चुनावी मौसम के बावजूद सस्ते Petrol-Diesel की उम्मीद पर आशंका के बादल!
क्रूड ऑयल की कीमतों में इजाफा हो रहा है, इस बीच दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक के चीफ ने एक चेतावनी दी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
चुनावी मौसम में 'सस्ते' की आस स्वभाविक है. रसोई गैस सिलेंडर के दामों में 200 रुपए की कटौती के बाद जनता उम्मीद लगाए बैठी है कि उसे पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों में भी कुछ राहत मिले. 'अच्छे दिनों' की बात करने वाली मोदी सरकार (Modi Government) के कार्यकाल में पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर पहुंच चुके हैं. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पेट्रोल 108 रुपए प्रति लीटर के आसपास बिक रहा है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कुछ वक्त पहले संकेत भी दिए थे कि पेट्रोल-डीजल पर कोई अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और अब जो हालात बन रहे हैं उसे देखते हुए कहना मुश्किल है कि दाम में कोई कटौती होगी.
उत्पादन घटा और अब चेतावनी
तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक प्लस (OPEC+) के सदस्य सऊदी अरब और रूस ने जुलाई 2023 में कच्चे तेल (Crude Oil) के उत्पादन में कटौती की घोषणा की थी, जिसका असर अब दिखने लगा है. उत्पादन में कटौती के बाद से क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ रही हैं. इस बीच, दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक (OPEC) के चीफ की एक चेतावनी ने सबको हिला दिया है. ओपेक के महासचिव हैथम अल घैस का कहना है कि ऑयल इंडस्ट्री में इन्वेस्टमेंट की कमी आ रही है, जो ग्लोबल एनर्जी सिक्योरिटी के लिए बड़ा खतरा है. इससे कच्चे तेल की कीमतें जल्द ही 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं.
इस भाव पर मिल रहा क्रूड ऑयल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अबू धाबी में आयोजित एक कार्यक्रम में घैस ने कहा कि अब से 2045 के बीच ऑयल इंडस्ट्री में कम से कम 12 ट्रिलियन डॉलर का कुल निवेश आवश्यक है, ताकि ऊर्जा की कीमतों में उछाल को नियंत्रित किया जा सके. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि इस सेक्टर में निवेश की कमी खतरनाक है. कम निवेश से हम ऊर्जा सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं. बता दें कि वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ऑयल जून के मध्य के निचले स्तर से करीब 29% तक बढ़ गया है. यह पिछले साल नवंबर के बाद से अपने उच्चतम स्तर के करीब पहुंच रहा है. बुधवार यानी आज ब्रेंट क्रूड ऑयल 90 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर ट्रेड कर रहा था.
नहीं दिया जनता को फायदा
देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां कच्चे तेल की कीमतों में उछाल का हवाला देते हुए पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाती आईं हैं. हालांकि, पिछले एक साल से दाम स्थिर हैं. इस दौरान, कई बार कच्चे तेल में नरमी भी देखने को मिली, लेकिन कंपनियों ने पिछले घाटे का तर्क देकर जनता को राहत नहीं दी. अब कंपनियां अच्छा-खासा मुनाफा कमा रही हैं, इसके बावजूद पेट्रोल-डीजल सस्ता नहीं किया जा रहा. हालांकि, चुनावी मौसम में एक उम्मीद बन रही है कि भले ही थोड़े समय के लिए, लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम में कुछ कमी हो सकती है. लेकिन जिस तरह से क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल आ रहा है, उसके चलते इस उम्मीद पर आशंकाओं के बादल मंडरा रहे हैं. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यदि हालात ऐसे ही बने रहे, तो इस राहत की उम्मीद बेमानी हो जाएगी.
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