होम / यूटिलिटी / अब नहीं महंगी होगी ये दाल, सरकार ने उठाया ये कदम
अब नहीं महंगी होगी ये दाल, सरकार ने उठाया ये कदम
हम दालों का उत्पादन करते तो हैं लेकिन हमारी खपत उत्पादन से भी ज्यादा है. ऐसे में लगभग 25 से 30 टन दाल हमें कनाडा और म्यांमार जैसे देशों से भी मंगानी पड़ती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
महंगाई एक ऐसा मसला है जिसे लेकर सभी लोग परेशान रहते हैं. खाने पीने से लेकर दूसरी चीजों की महंगाई हमेशा ही आम आदमी को परेशान करती रहती है. इसी महंगाई को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. खाने के तेल के साथ-साथ मसूर की दाल पर नहीं लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को सरकार ने 2025 तक बढ़ा दिया है. अब 2025 तक इस दाल पर कोई इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लगेगी. गौरतलब बात है कि सरकार ने खाने के तेल पर कम की गई इंपोर्ट ड्यूटी को भी 2025 तक आगे बढ़ा दिया था.
केन्द्र सरकार ने उठाया है ये कदम
खाने के तेल के साथ अगर कोई महंगी चीज आम आदमी को परेशान करती है तो वो दाल. इसी दाल को लेकर केन्द्र सरकार ने ये कदम उठाया है. मसूर की दाल की महंगाई को देखते हुए केन्द्र सरकार ने इस पर इंपोर्ट ड्यूटी को शून्य किया हुआ है. सरकार के इस कदम के बाद दालों की महंगाई पर नियंत्रण बना हुआ है. सरकार का पिछला आदेश मार्च 2024 में खत्म हो रहा था, लेकिन अब सरकार ने इसे अगले साल मार्च तक बढ़ा दिया है.
खपत से काफी कम दालें पैदा करते हैं हम
भारत में पिछले कुछ सालों में दालों के उत्पादन पर जोर दिए जाने के बाद इसमें इजाफा तो हुआ है लेकिन बावजूद उसके अभी भी हम इतनी दालें पैदा नहीं कर पाते हैं जितनी हमारी खपत है. 2022-23 में हम 278.10 लाख टन दाल पैदा करने में करने में कामयाब रहे थे, जबकि हमारी खपत पर ध्यान दें तो वो 300 लाख टन से ज्यादा है. लगभग 25 से 30 टन दालें हमें हर साल इंपोर्ट करनी पड़ती है. भारत अपनी खपत के लिए जिन देशों से दाल मंगाता है उनमें म्यांमार और कनाडा शामिल हैं. इनसे हम कोई अपनी जरूरत की 50 प्रतिशत दालों को इंपोर्ट करते हैं.
सरकार ने तेलों को लेकर भी किया फैसला
केन्द्र सरकार ने जहां मसूर की दाल को लेकर फैसला लिया वहीं खाने के तेल पर अपना फैसला 2025 तक आगे बढ़ा दिया है. सरकार ने खाने के तेल की महंगाई को कम करने के लिए पिछले साल इस पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को 17 प्रतिशत से 12 प्रतिशत कर दिया था. सरकार ने पांच प्रतिशत की इस छूट को मार्च 2025 तक आगे बढ़ा दिया है.
ये भी पढें: अब और सटीक होगी मौसम विभाग की भविष्यवाणी, इस तकनीक की मदद लेगा विभाग
टैग्स