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क्या पारबॉइल्ड राइस के बाद अब शुगर पर लगने वाला है बैन? जानिए क्या है सरकार की तैयारी?
केन्द्र सरकार अब तक टूटे बासमती चावल के बाद अब तक गेहूं और पारबॉइल्ड राइस पर अतिरिक्त शुल्क लगा चुकी है. लेकिन सवाल ये पैदा हो रहा है कि क्या सरकार अब सुगर पर भी बैन लगा सकती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
भारत के द्वारा पैदा किया जाने वाले अन्न के कारण आज हम ऐसी स्थिति में है जिसमें अगर हम इसकी सप्लाई रोक दें तो कई देशों में संकट पैदा हो सकता है. लेकिन देश में बढ़ती कीमतों को स्थिर करने के लिए सरकार अभी तक कई खाद्य पदार्थों पर प्रतिबंध लगा चुकी है. इसी कड़ी में अब सवाल पैदा ये हो रहा है कि क्या सरकार अब गेहूं, चावल के बाद अब शुगर पर भी बैन लगाने वाली है. आखिर क्या है देश में मौजूदा समय में सुगर की स्थिति आज हम आपको यही बताने वाले हैं.
सरकार ने अभी नहीं लिया है इस पर कोई फैसला
शुगर के निर्यात पर बैन लगाने की संभावना को लेकर सरकार का कहना है कि न तो अभी तक उसने ऐसा कोई कदम उठाया है और न ही सरकार के पास ऐसा कोई विचार विचाराधीन है. सरकार का कहना है कि अभी तक उसके पास वर्ष 2023-24 में पैदा होने वाले गन्ने का ठोस अनुमान सामने नहीं आ जाता है तब तक मौजूदा सीजन के लिए शुगर के निर्यात पर पाबंदी का कोई विचार नहीं है.
हाल ही में मीडिया रिपोर्ट में कही गई थी ये बात
कुछ दिन पहले आई मीडिया रिपोर्ट में ये कहा गया था कि भारत सरकार शुगर पर बैन लगाने को लेकर विचार कर रही है. मीडिया रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि सरकार अक्टूबर में शुरू होने वाले सीजन से पहले चीनी मिलों को निर्यात करने से रोक सकती है. अगर ऐसा हुआ तो ये पिछले कई सालों में सरकार के दवारा शुगर को लेकर उठाया गया एक बड़ा कदम होगा. सबसे दिलचस्प बात ये है कि अगर ये बैन लगा तो 7 साल बाद कोई ऐसा कदम उठाया जाएगा. वहीं दूसरी ओर मीडिया रिपोर्ट में इस बैन के पीछे जो कारण बताया गया है उसके अनुसार बारिश के कारण गन्ने की कम पैदावार होने को इसका कारण बताया गया है.
इतनी चीनी का सरकार कर सकती है भंडारण
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने जो जानकारी दी है उसके बाद निर्यात की आशंकाए कम हो गई है. इस बारे में सरकार के संबंधित मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि प्राथमिक घरेलू खपत, इथेनॉल के उत्पादन के लिए 60 लाख टन शुगर का सुरक्षित भंडार बना सकती है. इससे पहले 22-23 में सरकार चीनी के निर्यात पर सीमित पाबंदी लगा चुकी है. इस सीजन के लिए सरकार ने मिलों को 61 लाख टन चीनी के निर्यात की मंजूरी दी थी. जो वर्ष 2021-22 में 1.11 करोड़ टन था.
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