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गेहूं के चढ़ते दाम थामने के लिए क्या रूस से होगा आयात? सरकार ने खुद किया स्पष्ट
भारत में मौजूदा दौर में गेहूं हो या चावल हो या सब्जियां हों सभी के दामों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
मानसून के सीजन में हर साल देश में सब्जियों के दामों में इजाफा हो जाता है, वैसा ही इस बार भी देखने को मिल रहा है. टमाटर जहां 250 रुपये तक किलो तक बिक चुका है वहीं दूसरी ओर गेहूं और चावल के दामों में भी बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है. इसी को लेकर सरकार गेहूं और चावल दोनों के निर्यात पर रोक लगा चुकी है. लेकिन अब खबर ये आ रही है कि सरकार गेहूं के दामों को कम करने के लिए रूस से आयात नहीं करने जा रही है. वहीं सरकार की ओर से ये भी साफ कर दिया गया है कि वो पारबॉइल्ड चावल के निर्यात पर बैन नहीं लगाने जा रही है.
फूड सेक्रेट्री ने कही ये अहम बात
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फूड सेक्रेट्री संजीव मेहता ने कहा कि भारत का रसिया से डिप्लोमेटिक माध्यम से गेहूं आयात करने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने उबले चावल के निर्यात पर पाबंदी को लेकर भी अपनी बात कहते हुए कहा कि भारत का इसपर कोई प्रतिबंध लगाने का कोई विचार नहीं कर रहा है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस साल बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाले गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. वर्तमान में भारत से उबले चावल के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है. उबला चावल भारत से निर्यात किया जाने वाला तीसरा सबसे ज्यादा निर्यात किए जाने वाला चावल है.
रूस से आयात नहीं होगा गेहूं
देश में इस साल के आखिरी में तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये खबर सामने आई थी कि सरकार उससे पहले कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए रूस से गेहूं आयात कर सकती है. लेकिन फूड सेक्रेट्री ने कहा है कि सरकार का कोई ऐसा इरादा नहीं है. गेहूं के बढ़ते दामों के कारण सरकार ने गेहूं और चावल दोनों को खुले बाजार में बेचने का निर्णय लिया है. सरकार गेहूं के दामों पर नियंत्रण पाने के लिए लंबे समय से प्रयास कर रही है. सरकार इस दिशा में कई बार खुले बाजार में गेहूं बेच चुकी है.
निर्यात पर बैन इसी वजह से लगा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कहा है कि वर्ष 2022-23 के लिए अग्रिम अनुमानों के अनुसार कुल खाद्यान उत्पादन 3305.34 लाख टन होने का अनुमान है. ये संख्या पिछले साल 21-22 की तुलना में 149.18 लाख टन अधिक है. वहीं अगर चावल के अनुमानित उत्पान की बात करें तो इसका कुल उत्पादन 1355.42 लाख टन अनुमानित है. यह पिछले वर्ष की तुलना में 60.71 लाख टन ज्यादा है. जबकि गेहूं का प्रोडक्शन 1127.43 लाख टन अनुमानित है, जो पिछले साल के मुकाबले 50.01 लाख टन अधिक है.
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