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हाल ही में बदली है नौकरी? इस तरह भरें अपना ITR फॉर्म!
जब आप ITR फाइल कर रहे हों तो आपको दोनों ही फॉर्म्स में बतायी गई सैलरी को जोड़कर कुल सैलरी बतानी होगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
भारत में वित्त वर्ष की शुरुआत अप्रैल से होती है और यह अगले साल के मार्च तक चलता है. मान लीजिये की आपने वित्त वर्ष 23 के दौरान 6 महीने एक अलग कंपनी में काम किया और अगले 6 महीने आपने एक अलग कंपनी में काम किया. ऐसे मामले में आपको दोनों ही कंपनियों से फॉर्म 16 प्रदान किया जाता है. लेकिन सवाल ये है कि अगर आपने नौकरी बदली हो तो आप ITR यानी इनकम टैक्स रिटर्न कैसे फाइल करेंगे? खासकर तब जब आपके पास 2 या 2 से ज्यादा फॉर्म 16 उपलब्ध हों.
फॉर्म 12B है बहुत जरूरी
जब भी बात ITR फाइल करने की आती है तो फॉर्म 16 ही सबसे जरूरी कागजात माना जाता है. फॉर्म 16 एक तरह टैक्स सर्टिफिकेट होता है जिसे TDS सर्टिफिकेट के तौर पर भी जाना जाता है और यह कंपनी द्वारा आपको उपलब्ध करवाया जाता है. इसमें सैलरी से प्राप्त होने वाली कमाई, टैक्स की छूट, कटौती और TDS की कटौती के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई होती है. अगर आप वित्त वर्ष के दौरान अपनी नौकरी बदलते हैं तो आपको सबसे पहले अपनी नई कंपनी में फॉर्म 12B जमा करवाना चाहिए जिसमें पिछली कंपनी से प्राप्त होने वाली सैलरी, HRA, और सेक्शन 80C या फिर 80D के तहत प्राप्त होने वाली टैक्स माफी के बारे में जानकारी दी गई होती है. इतना ही नहीं, इस फॉर्म में TDS की कटौती के बारे में भी जानकारी दी गई होती है.
इस तरह से फाइल करें ITR
मान लीजिये आपने वित्त वर्ष 23 के दौरान नौकरी बदली है तो इस मामले में आपको नई और पुरानी दोनों ही कंपनियों से फॉर्म 16 मिलेगा. इसलिए जब आप ITR फाइल कर रहे हों तो आपको दोनों ही फॉर्म्स में बतायी गई सैलरी को जोड़कर कुल सैलरी बतानी होगी. इसी तरह आपको HRA (House Rent Allowance), LTA (Leave Travel Allowance), और अन्य सभी अलाउंस को भी जोड़कर उनकी कुल जानकारी देनी होगी. सैलरी के अलावा अगर आपको सेविंग्स अकाउंट, FD (Fixed Deposit), या अन्य किसी स्त्रोत से भी कमाई होती है तो वो भी आपको ‘अन्य माध्यमों से प्राप्त होने वाली सैलरी’ की श्रेणी में दिखाना होगा. उसके बाद इसे आपकी कुल कमाई में जोड़ा जाएगा.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
इनकम टैक्स फाइल करने का समय आ चुका है और लोगों को उनकी कंपनियों से फॉर्म-16 मिलने भी शुरू हो चुके हैं. ITR फाइलिंग के दौरान किसी प्रकार की समस्या से बचने के लिए आप अपनी पिछली कंपनी से फॉर्म-16 जरूर ले लें और उसे नई कंपनी में जमा कर दें. अगर आपको पिछली कंपनी द्वारा फॉर्म 16 नहीं दिया गया है तो अपनी कंपनी के फाइनेंस विभाग से अनुरोध कर यह जरूर ले लें. ज्यादातर कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को 15 जून तक फॉर्म-16 उपलब्ध करवा दिया जाता है. अगर आपको ITR की फाइलिंग के दौरान किसी प्रकार की परेशानी हो तो आप एक टैक्स कंसलटेंट या फिर CA यानी चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद ले सकते हैं.
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