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टमाटर की तरह चावल न बिगाड़े आपका बजट, इसलिए सरकार ने उठाया ये कदम
चावल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 20% निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया है
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
टमाटर सहित कई खाद्य वस्तुओं की चढ़ती कीमतों से परेशान सरकार अलर्ट मोड में आ गई है. सरकार ने पक्के चावल (Parboiled Rice) के निर्यात पर 20% का निर्यात शुल्क लगा दिया है. सरकार की इस कवायद का मकसद घरेलू स्तर पर पर्याप्त स्टॉक रखने और कीमतों को काबू में रखना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में इस संबंध में जानकारी दी गई है. बता दें कि टमाटर की कीमतों में पिछले कुछ वक्त से आग लगी हुई है. अब भले ही कीमतों में नरमी आई हो, लेकिन हाल के दिनों में टमाटर 200 रुपए किलो से ज्यादा के भाव पर बिके हैं.
केवल इन्हें मिलेगी छूट
वित्त मंत्रालय के नोटिफिकेशन में बताया गया है कि Parboiled Rice पर 20% एक्सपोर्ट ड्यूटी 25 अगस्त से 16 अक्टूबर, 2023 तक प्रभावी रहेगी. इस निर्यात शुल्क से उन पक्के चावलों को राहत मिलेगी, जिन्हें LEO (Let Export Order) नहीं मिला है और पोर्ट्स पर पहुंच चुके हैं. साथ ही ऐसे चावल भी जिन्हें 25 अगस्त से पहले के लेटर ऑफ क्रेडिट मिले हुए हैं, वो भी नई व्यवस्था के दायरे से बाहर रहेंगे. इससे पहले, सरकार द्वारा सभी तरह के गैर-बासमती चावलों के निर्यात पर रोक लगाई गई थी. भारत द्वारा निर्यात किया जाने वाले कुल चावल का 25% गैर-बासमती होता है.
इतना चावल होता है निर्यात
भारत से बड़े पैमाने पर गैर-बासमती सफेल चावल का निर्यात होता है. चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जून के बीच 15.54 लाख टन चावल का निर्यात किया गया था, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 11.55 लाख टन था. सरकार ने खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमत के मद्देनजर गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर बैन लगाया था और अब पक्के चावल के एक्सपोर्ट पर 20% ड्यूटी लगाई है. गौरतलब है कि खाद्य वस्तुओं की कीमत बढ़ने से जुलाई में खुदरा महंगाई दर 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, जो जून में 4.87 प्रतिशत थी.
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