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खुशखबरी! EPFO ब्याज दर में हुआ इजाफा, इतना होगा आपको फायदा
मौजूदा ब्याज दर पिछले कई सालों की सबसे न्यूनतम दर 8.1 प्रतिशत पर चल रही थी. लेकिन अब ब्याज दर में इजाफा हो गया है और ये 8.15 प्रतिशत तक जा पहुंची है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
केन्द्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने ईपीएफओ (Employee Provident Fund) वर्ष 2023 के लिए ब्याज दर में इजाफा कर दिया है. केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने पहले से चली आ रही ब्याज दर 8.1 प्रतिशत को बढ़ाते हुए 8.15 प्रतिशत कर दिया है. इससे ईपीएफओ में अंशदान कर रहे कर्मचारियों को अब ज्यादा फायदा मिल सकेगा. भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने ईपीएफ योजना के प्रत्येक सदस्य के खाते में वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज जमा करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 के पैरा 60 (1) के तहत केंद्र सरकार की मंजूरी दे दी है.
केन्द्रीय श्रम मंत्री ने की थी सिफारिश
EPFO के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव करते हैं. भूपेन्द्र यादव ने वर्ष 2023 के लिए 8.15% ब्याज दर की सिफारिश की थी. ये सिफारिश उन्होंने 28 मार्च को वित्त वर्ष 2023 के लिए की थी. आमतौर पर, ब्याज दर वित्त मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में अधिसूचित की जाती है और ग्राहक FY23 की अधिसूचना का इंतजार कर रहे थे.लेकिन अब वित्त मंत्रालय की अनुमति मिलने के बाद जल्द ही इसका फायदा कर्मचारियो को मिल सकेगा.
मौजूदा ब्याज दर से होगा फायदा
वित्त वर्ष 2013 के लिए ईपीएफ योगदान के लिए 8.15% ब्याज दर वित्त वर्ष 2012 से लेकर अब तक के सबसे निचले स्तर 8.1% से ज्यादा है. इससे पहले EPF जमा पर सबसे कम ब्याज दर 1977-78 में 8% थी. EPF में अपना अंशदान करने वाले कर्मचारी पिछले लंबे समय से EPFO योगदान पर उच्च ब्याज दर की उम्मीद कर रहे थे. FY23 के लिए, EPFO को 90,497.57 करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है. EPFO 70.2 मिलियन यानी 7.2 करोड़ योगदान करने वाले सदस्यों और 0.75 मिलियन योगदान करने वाले प्रतिष्ठानों के साथ देश का सबसे बड़ा सेवानिवृत्ति निधि प्रबंधक है. सॉफ्टवेयर मुद्दों के कारण ग्राहकों के लिए FY22 के लिए ब्याज क्रेडिट में देरी हुई क्योंकि ग्राहकों की पासबुक को कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान में विभाजित करना पड़ा. यह ईपीएफओ बचत आय पर आयकर के कारण था जो 2021-22 में 2.5 लाख रुपये से अधिक के योगदान पर लागू किया गया था.
पहले काफी ज्यादा रही है ब्याज दर
मौजूदा समय में जो ब्याज दर चल रही है वो पिछले कई सालों में सबसे कम ब्याज दर रही है. 2020 के पहले की ब्याज दरों को देखें तो समझ में आता है कि सरकार इससे पहले कितना ज्यादा फायदा कर्मचारियों को दे रही थी. 2020 में कोरोना आने के बाद इसे 8.1 प्रतिशत कर दिया गया था. लेकिन उससे पहले की ब्याज दरों पर नजर डालें तो ये 2020-21, 2019-20 में ये 8.50% थी, 2018-19 में ये 8.65 प्रतिशत तक रही है. इसी तरह 2013 से 15 तो ये 8.75% तक रही है. लेकिन कोरोना के बाद सरकार ने इसे काफी कम कर दिया था.
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