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203 करोड़ रुपये बांटेगी मोदी सरकार, इन आम लोगों को होगा सीधा फायदा
इस स्कीम के तहत प्रत्येक स्वयं सहायता समूह को 40 हजार रुपये का वर्किंग कैपिटल और छोटे उपकरण खरीदने के लिए पैसा दिया गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने Pradhan Mantri Formalisation of Micro Food Processing Enterprises (PMFME) स्कीम के तहत देश भर के फूड सेक्टर में कार्यरत 1 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह को 203 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का आवंटन किया है. फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत यह राशि उन स्वंय सहायता समूह को दी गई है, जिन्होंने कोरोना काल में भी इकोनॉमी को सपोर्ट किया, जिसके चलते इस सेक्टर में अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं.
प्रत्येक सहायता समूह को मिला ये सब
इस स्कीम के तहत प्रत्येक स्वयं सहायता समूह को 40 हजार रुपये का वर्किंग कैपिटल और छोटे उपकरण खरीदने के लिए पैसा दिया गया है. यह स्कीम देश के 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रही है.
50 हजार आवदेकों ने किया रजिस्ट्रेशन
फिलहाल अब तक 50 हजार से अधिक आवेदक इस स्कीम के तहत रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं, जिनमें से 25 हजार आवदेन पूरी तरह से स्वीकार कर लिए गए हैं. स्कीम के तहत नैफेड और ट्राईबल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (TRIFED) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं, जो कि इन सहायता समूह में तैयार उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग एक्टिविटी को तैयार करने में मदद करेगें. इस स्कीम के तहत राज्य स्तर के ब्रांड्स की भी मार्केटिंग की जा रही है.
इन दो राज्यों के ब्रांड्स की मार्केटिंग
फिलहाल महाराष्ट्र और पंजाब राज्य के दो ब्रांड्स की मार्केटिंग की जा रही है. पंजाब के ब्रांड AASNAA और महाराष्ट्र के ब्रांड BHIMTHADI को इसमें शामिल किया गया है. वहीं कुछ और राज्यों के ब्रांड्स भी जल्द ही इस स्कीम के तहत लाए जाएंगे.
सेल्फ ग्रुप होता क्या है
सेल्फ हेल्प ग्रुप छोटे लेवल पर काम कर रही महिलाओं का एक समूह है. ये अपने संसाधनों और सेविंग्स फंड का इस्तेमाल करके अपना कारोबार बढ़ाता हैं. किसी सूक्ष्म कारोबार से जुड़े इस ग्रुप में 10-25 महिलाएं शामिल हो सकती हैं. एसएचजी यानी सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाने के लिए समूह को रजिस्टर करना होता है. साथ ही बैंक खाता खुलवाना होता है. वहीं तय सीमा में बेहतर प्रदर्शन पर बैंक की तरफ से उसे आसान कर्ज मिलने लगता है. साथ ही कई सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलता है.
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