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Ex RBI गवर्नर रघुराम राजन ने क्यों कहा कि मैं शिक्षाविद हूं राजनीतिज्ञ नहीं…
रघुराम राजन ने कहा था कि राजनेताओं से उनकी मुलाकात देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति और भविष्य को लेकर विचारों के आदान प्रदान की रहती है. उन्होंने राजनीति को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 months ago
राज्यसभा चुनावों का ऐलान होते ही उन सीटों पर काबित होने वालों को लेकर कयास लगाए जाने लगते हैं. इसी कड़ी में जब देश में राज्यसभा चुनावों के लिए कयास लगाए जा रहे हों तो उस दौरान रघुराम राजन की शिव सेना नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात ने नई चर्चा को जन्म दे दिया. चर्चाओं का बाजार इतना गर्म हुआ कि रघुराम राजन को कहना पड़ा कि मैं शिक्षाविद हूं राजनीतिज्ञ नहीं.
आखिर क्या है ये पूरा मामला?
दरअसल इस हफ्ते की शुरुआत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की शिव सेना (UBT) उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और उनके परिवार से हुई थी. इसी मुलाकात के बाद ये कयास लगाए जाने लगे थे कि क्या रघुराम राजन राज्यसभा के लिए जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर चर्चाओं के बीच रघुराम राजन ने लिंक्डइन पर इसे लेकर कहा कि, मेरी हालिया बैठकों और राज्यसभा सीट के बारे में प्रेस में कुछ अटकलें लगाई गई हैं. मैंने किसी भी पार्टी से राज्यसभा सीट को लेकर चर्चा नहीं की है.' मैं एक शिक्षाविद् हूं, राजनीतिज्ञ नहीं. विभिन्न दलों के राजनेताओं के साथ मेरी बैठकों में आम तौर पर भारत की वर्तमान आर्थिक स्थिति और भविष्य के लिए उनकी आशाओं के बारे में विचारों का आदान-प्रदान शामिल होता है.
31 जनवरी को हुई थी मुलाकात
उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे से पूर्व गवर्नर की मुलाकात 31 जनवरी को हुई थी. इस मुलाकात के बाद उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने ट्वीट भी किया था. इसमें उन्होंने कहा था कि हमारे घर, मातोश्री में रघु राजन जी की मेजबानी करना वास्तव में खुशी की बात है. आरबीआई के गवर्नर सहित विभिन्न भूमिकाओं में हमारी अर्थव्यवस्था में उनके पहले से ही व्यापक योगदान के अलावा, हमारा दृढ़ विश्वास है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य को ऐसे व्यक्तियों द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए जिनके पास भविष्य की दृष्टि है.
मोदी सरकार की नीतियों की करते हैं आलोचना
पूर्व गवर्नर रघुराम राजन अक्सर मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हैं. हाल ही में उन्होंने ED के द्वारा की जा रही गिरफ्तारियों को लेकर अपनी बात कही थी. उन्होंने कहा था कि चुनावों से पहले इस तरह की गिरफ्तारी सही नहीं है. उन्होंने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर ये बात कही थी. उन्होंने ED के नोटिस को लेकर भी सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि, यदि विपक्षी दलों के नेताओं को सलाखों के पीछे डाल दिया जाए तो आपके पास क्या विकल्प है? यदि यह आपके पास कोई विकल्प नहीं छोड़ता है तो यह केवल राजनेताओं का मुद्दा नहीं है. यह हर किसी के लिए मुद्दा है. इसलिए चुनाव से पहले ईडी को तैनात करना गलत और अलोकतांत्रिक है.
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