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राष्ट्रीय रामायण महोत्सव: तीन दिनों तक राममय रहा छत्तीसगढ़, बने World Record
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के समापन के मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने नदियों के संरक्षण के लिए अलग से प्राधिकरण गठित करने का ऐलान किया.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 10 months ago
छत्तीसगढ़ में चल रहे तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ का समापन हो गया है. रायगढ़ में 1 से 3 जून तक चले इस महोत्सव के आखिरी दिन बोलते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रभु श्रीराम हमारे दिलों में हैं, हमारे जीवन में हैं. राम नाम का रस ही ऐसा है, जितना सुनिएगा, राम रस की प्यास उतनी बढ़ती जाती है. CM ने कहा कि इस महोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के रूप में किया गया, लेकिन कंबोडिया, इंडोनेशिया के रामायण दलों के आने से इसका स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय हो गया. उन्होंने जूरी सदस्यों के विचारों को साझा करते हुए कहा कि हमने देश के विभिन्न हिस्सों में केवल भगवान श्रीराम के बाल्य-काल, रामलीला जैसे अध्यायों का मंचन देखा है. यह पहली बार है कि भगवान राम के अरण्यकाण्ड का मंचन देखने को मिला. बघेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पहली बार राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया गया, जो सफल रहा.
नदियों के संरक्षण पर जोर
मुख्यमंत्री बघेल ने समापन समारोह में कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ वनों से अच्छादित है. भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान इन्हीं जंगलों, नदियों और पहाड़ों के बीच से वन गमन किया. भगवान राम छत्तीसगढ़ के वनों, नदियों, पर्वतों को पार करते हुए आगे बढ़े. हमने अपनी नदियों और प्रकृति को बचाने का संकल्प लिया है. इन्द्रावती और अरपा नदी के संरक्षण के लिए प्राधिकरण गठित किए गए हैं. महानदी, शिवनाथ नदियों के साथ आज केलो की महाआरती की गई. उन्होंने कहा कि प्रकृति हमें सब कुछ देती है, इसे बचाएं. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश की सभी नदियों के संरक्षण के लिए अलग से प्राधिकरण गठित किया जाएगा.
हमारा युगों-युगों से संबंध
संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. रायगढ़ इस दौरान राममय रहा, ऐसा लगा हम अयोध्या में आ गए हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या का मायका और भगवान राम का ननिहाल है. उनके वनवास का सबसे लम्बा समय छत्तीसगढ़ में गुजारा, भगवान राम का हमारा युगों-युगों से संबंध है.
इनके नाम रहा रिकॉर्ड
राज्य के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में पहला वर्ल्ड रिकॉर्ड अरण्य कांड पर सबसे ज्यादा समय तक, तीन दिनों तक लगातार 765 मिनट तक अरण्य कांड का मंचन करने पर बना. छत्तीसगढ़ सहित 13 राज्यों और दो विदेशी इस तरह 17 दलों के 375 कलाकरों ने इसमें हिस्सा लिया. राज्य के संस्कृति विभाग ने ‘मोस्ट स्टेज आर्टिस्ट परफार्मिंग ऑन अरण्यकाण्ड’ का रिकॉर्ड अर्जित किया. सबसे ज्यादा कलाकार और सबसे देर तक चलने वाले अरण्य कांड पर कार्यक्रम के लिए यह रिकॉर्ड बना. रायगढ़ जिला प्रशासन के नाम भी 10 हजार से अधिक लोगों द्वारा सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड बना. छत्तीसगढ़ के संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन रायगढ़ को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया.
इन्हें किया गया सम्मानित
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दौरान अरण्यकाण्ड पर आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कर्नाटक के दल को प्राप्त हुआ. दल प्रमुख को स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति और 5 लाख रुपए की राशि का चेक प्रदान कर सम्मानित किया गया. प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार असम के दल को मिला, उसे तीन लाख की पुरस्कार राशि का चेक तथा स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति और तृतीय पुरस्कार झारखंड के दल को प्रदान किया गया. उसे दो लाख की राशि के चेक के साथ स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति प्रदान की गई. इस दौरान, रायगढ़ नगर निगम महापौर जानकी काटजू ने मुख्यमंत्री को गदा भेंट किया.
इन्होंने दर्ज कराई मौजूदगी
समापन समारोह में कंबोडिया, इंडोनेशिया सहित सभी राज्यों तथा जूरी सदस्यों को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, संसदीय सचिव चन्द्रदेव राय, विधायक प्रकाश नायक, विधायक लालजीत सिंह राठिया, विधायक राम कुमार यादव, विधायक चक्रधर सिंह, विधायक लालजीत सिंह राठिया सहित कई विधायक, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, पूर्व सांसद नंदकुमार साय, पूर्व विधायक बोधराम कंवर, रायगढ़ नगर निगम महापौर जानकी काटजू तथा जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल, संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य, कलेक्टर रायगढ़ तारन प्रकाश सिन्हा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे.
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