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विश्व के 400 स्थानों पर आयोजित हुई डिजिटल ड्राइंग प्रतियोगिता, पर्यावरण पर बनाई पेटिंग
आगरा के दयालबाग एजुकेशनल इंस्टिट्यूट (डीम्ड यूनिवर्सिटी) सहित विश्व के 400 से अधिक स्थानों पर डिजिटल ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन स्फीहा ने किया.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः आगरा के दयालबाग एजुकेशनल इंस्टिट्यूट (डीम्ड यूनिवर्सिटी) सहित विश्व के 400 से अधिक स्थानों पर डिजिटल ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन स्फीहा ने किया, जिसमें 12 हजार से अधिक बच्चों ने डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पर्यावरण के मुद्दे पर पेटिंग बनाकर लोगों का दिल जीत लिया.
किसी भी तरह के डिजिटल माध्यम का कर सकते थे प्रयोग
दुनिया भर में 400 स्थानों में भाग लेने वाले 12000 से अधिक बच्चे जो सभी आयु वर्ग के थे, उन्होंने स्फीहा स्वयंसेवकों की देखरेख में डिजिटल ड्राइंग सहित किसी भी प्रकार के माध्यमों का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी. मुख्य कार्यक्रम शांति निकेतन की तर्ज पर बने डीईआई (डीम्ड यूनिवर्सिटी) के ओपन-एयर एम्फीथिएटर "अनुपम उपवन" के शांति स्थल पर आयोजित किया गया था. सैकड़ों बच्चों ने पेड़ों के नीचे बैठकर खुले आसमान में प्रकृति से प्रेरित होकर अपने चित्र बनाये हैं. डीईआई के निदेशक प्रो. पी के कालरा ने प्रतियोगिता का उद्घाटन किया और बच्चों की देखरेख स्पीहा के स्वयंसेवकों और डीईआई के स्टाफ द्वारा संयुक्त रूप से की गई.
नवंबर 2022 में घोषित होगा रिजल्ट
सभी प्रतिभागियों को भागीदारी को ई-सर्टिफिकेट दिया जाएगा और प्रत्येक श्रेणी में 1 प्रथम पुरस्कार विजेता, 5 द्वितीय पुरस्कार विजेता और 10 तृतीय पुरस्कार विजेता होंगे. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुल 64 पुरस्कार दिए जाएंगे और हर क्षेत्र में 64 पुरस्कार दिए जाएंगे. वैश्विक परिणाम नवंबर 2022 के अंत तक घोषित किए जाएंगे.
आयु के आधार पर बनाई गईं 5 कैटेगिरी
आयु का आधार पर 5 कैटेगिरी बनाई गईं थीं, जिनमें सुपरमैन ए (4 वर्ष तक), सुपरमैन बी (4 से 8 वर्ष), जूनियर (9 से 12 वर्ष), सीनियर (13 से 16 वर्ष) और सुपर सीनियर ( 17 वर्ष और उससे अधिक). कैटेगिरी के आधार पर क्लीन एनर्जी से लेकर पर्यावरणीय स्थिरता से लेकर जल प्रदूषण और कृषि-पारिस्थितिकी तक विविध विषय रखे गए थे.
स्फीहा 2006 से कर रही है लोगों को जागरुक
स्फीहा - जो भारत में एक पंजीकृत गैर सरकारी संस्थान है जो दुनिया भर के सहयोगियों के साथ पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता की दिशा में काम कर रहा है. इस एनजीओ को पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, कृषि विज्ञान और पारिस्थितिकी संरक्षण, ड्राइंग की अवधारणाओं सहित एसडीजी लक्ष्यों के बारे में भावी पीढ़ियों को शिक्षित और जागरूक करने की मान्यता दी गई है. इसलिए यह 2006 से बच्चों के लिए ड्राइंग और पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है.
स्फीहा की 17वीं ड्राइंग और पेंटिंग प्रतियोगिता के अवसर पर प्रो. प्रेम सरन सत्संगी साहब, शिक्षा सलाहकार समिति के अध्यक्ष (दयालबाग शैक्षिक संस्थानों के लिए आम सहमति निर्माण के लिए एक थिंक-टैंक के रूप में काम करने वाला एक गैर-सांविधिक निकाय) ने उल्लेखनीय सहयोग का उल्लेख किया. उन्हें यह देखकर भी प्रसन्नता हुई कि इंग्लैंड और वेल्स के चैरिटी आयोग ने दयालबाग राधास्वामी सत्संग एसोसिएशन ऑफ यूरोप (DRSAE) को एक धर्मार्थ निगमित संगठन (CIO) के रूप में शामिल किया है; जो दयालबाग राधास्वामी सत्संग एसोसिएशन ऑफ यूरोप द्वारा किए जा रहे वास्तविक धर्मार्थ कार्यों को मान्यता और विश्वसनीयता प्रदान करता है.
इस अवसर पर बोलते हुए स्फीहा अध्यक्ष श्री असद पठान ने बच्चों को बधाई दी और उल्लेख किया, "यह देखकर बहुत खुशी होती है कि स्फीहा की ड्राइंग और पेंटिंग प्रतियोगिता के माध्यम से छोटे बच्चों के बीच हरित शिक्षा की पहल वर्षों में बढ़ी है और वह दिन दूर नहीं है जब हम एक हरे और स्वस्थ वातावरण के निर्माण में जमीनी स्तर पर ठोस परिणाम देखेंगे."
कार्यक्रम में स्फीहा टीम के राजीव नारायण, अधिवक्ता दयाल सरन, संत सरन भनोट, कर्नल आर के सिंह, श्रुति सिन्हा, प्रो. पूर्णिमा भटनागर, राकेश नारंग, सुरेश कुमार, लखपति सिंह, नानक राम सहित अन्य गण्यमान सम्मलित थे.
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