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सुप्रीम कोर्ट ने OROP के भुगतान का दिया आदेश, सरकार को सुनाई खरी-खरी
सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को आदेश देते हुए कहा, 70 साल और उससे अधिक उम्र के पेंशनर्स की बकाया राशि का 30 जून 2023 तक भुगतान किया जाए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
2022 में OROP (वैन रैंक वैन पेंशन) स्कीम को लेकर दिए गए जजमेंट के तहत भारत सरकार को अपनी ड्यूटी पूरी करने का आदेश देते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 28 फरवरी 2024 तक सरकार तीन बराबर किश्तों के द्वारा 11-12 लाख पेंशनर्स की बकाया राशी को जारी करे. अपने आदेश में कोर्ट ने कहा – कोर्ट द्वारा OROP स्कीम के सम्बन्ध में दिए गए आदेश को पूरा करना केंद्र सरकार की ड्यूटी है.
OROP की बकाया राशि का जल्द हो भुगतान
सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को आदेश देते हुए कहा है कि 70 साल और उससे अधिक उम्र के पेंशनर्स की बकाया राशि का एक या एक से ज्यादा किश्तों में 30 जून 2023 तक भुगतान किया जाए. 30 अप्रैल तक 6 लाख फैमिली पेंशनर्स और गैलेंट्री पुरस्कार विजेताओं के रुके हुए OROP बकाया का भुगतान किया जाए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि बकाया राशि के भुगतान से 2024 में पूर्व कर्मचारियों की पेंशन की बराबरी होने पर भी किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा.
कोर्ट में होनी चाहिए पारदर्शिता
एपेक्स कोर्ट ने यह सभी बातें IESM (भारतीय पूर्व कर्मचारियों की मूवमेंट) द्वारा पूर्व कर्मचारियों को OROP की बकाया राशि के भुगतान के लिए दर्ज की गयी दलील की सुनवाई के दौरान कहीं थीं. OROP बकाया मामले में केंद्र सरकार द्वारा दर्ज किये गए एक सील पैक नोट को अस्वीकार करते हुए CJI (चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया) डी वाय चन्द्रचूड़ ने आज कहा – व्यक्तिगत तौर पर मैं सील पैक कवर्स के विरुद्ध हूं. कोर्ट में पारदर्शिता होनी चाहिए. यह आदेशों को लागू करने के बारे में है यहां क्या सीक्रेट हो सकता है?
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी सूचना पर जताई आपत्ति
सुप्रीम कोर्ट ने 13 मार्च को रक्षा मंत्रालय द्वारा 20 जनवरी को जारी की गयी एक सूचना पर आपत्ति जताई थी. इस सूचना में कहा गया था कि, रुके हुए OROP बकाया का भुगतान 6 महीनों की 4 किश्तों में किया जाएगा. CJI डी वाय चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने एटोर्नी जनरल R Venkataramani से कहा – रक्षा मंत्रालय कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता. 20 जनवरी को जारी की गयी सूचना को फ़ौरन वापस लें क्योंकि यह कोर्ट के आदेश के विरुद्ध है या फिर रक्षा सचिव से कहें कि वह खुदको कोर्ट में पेश करें.
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