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सही दिशा में बढ़ रहा है भारत, 75% भारतीयों ने किया स्वीकार!
सर्वे में कुल 29 देशों को शामिल किया गया था और भारत लगातार विश्व की तीसरी सबसे आशावादी मार्केट के रूप में सामने आया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
IPSOS Global के सर्वे, 'What Worries The World', के दिसंबर का संस्करण सामने आ चुका है और इस सर्वे में काफी चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है. सर्वे में इस बात का खुलासा किया गया है कि हर 4 में 3 यानी लगभग 75% भारतीयों को लगता है कि भारत सही दिशा में आगे बढ़ रहा है.
वैश्विक नागरिकों का भरोसा हुआ कम
IPSOS ग्लोबल के सर्वे के दिसंबर संस्करण में नवंबर के मुकाबले आशावाद में 4% की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. इस सर्वे में कुल 29 देशों की मार्केटों को शामिल किया गया था और एक बार फिर भारत लगातार विश्व की तीसरी सबसे आशावादी मार्केट के रूप में सामने आया है. IPSOS ग्लोबल द्वारा किए गए इस सर्वे में भारत से ऊपर सिंगापुर और इंडोनेशिया जैसे देशों के नाम शामिल हैं. जहां सिंगापुर की मार्केट को लेकर 82% लोग आशावादी हैं, वहीं इंडोनेशिया की मार्केट को लेकर लगभग 81% लोग आशावादी नजर आए हैं. इस सर्वे में सामने आई एक अन्य प्रमुख बात यह भी है कि अपने देशों के भविष्य को लेकर ज्यादातर वैश्विक नागरिकों में कम उम्मीद नजर आ आ रही है और केवल 39% नागरिकों को ही लगता है कि उनका देश सही रास्ते पर है और सही दिशा में आगे बढ़ रहा है.
क्या है What Worries The World सर्वे?
What Worries The World सर्वे IPSOS ग्लोबल के द्वारा आयोजित किया जाता है और इस सर्वे में सबसे प्रमुख सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर जनता की राय जानने की कोशिश की जाती है. इसके साथ ही इस सर्वे के माध्यम से यह जानने की कोशिश भी की जाती है कि किसी देश के नागरिकों के अनुसार, उनका देश क्या सही दिशा में आगे बढ़ रहा है या फिर नहीं? यह सर्वे कुल 29 देशों में आयोजित किया गया था और इस सर्वे में विश्व भर के 20,570 नागरिकों को शामिल किया गया था. IPSOS इंडिया के CEO अमित अदरकर ने इस मौके पर कहा कि यूक्रेन और रूस युद्ध और विश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी भारतीय मार्केट ने काफी सहज रूप से वृद्धि की है. इसके साथ ही वैश्विक नागरिकों को परेशान करने वाले मुद्दों के बारे में बात करते हुए अमित कहते हैं कि वैश्विक नागरिकों के साथ-साथ शहरी भारतीयों के लिए भी महंगाई यानी इंफ्लेशन, चिंता का सबसे बड़ा विषय बना हुआ है. हालांकि भारतीय नागरिकों को महंगाई के साथ-साथ बेरोजगारी का भी काफी डर सता रहा है. इसके साथ ही जुर्म और हिंसा का मुद्दा वैश्विक नागरिकों को डराने के मामले में दूसरे स्थान पर मौजूद है.
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