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आखिर क्यों सीज हुए कांग्रेस पार्टी के खाते? इनकम टैक्स विभाग ने उठाया बड़ा कदम
उन्होंने बताया कि 4 खातों को सीज कर दिया गया है जिसके कारण पार्टी के रोजना खर्च से लेकर कर्मचारियों की सैलरी देने का संकट आ गया है. उन्होंने इस कदम को डेमोक्रेसी के खिलाफ बताया.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 months ago
कांग्रेस पार्टी की ओर से आरोप लगाया गया है कि इनकम टैक्स विभाग की ओर से उसके खातों को सीज कर दिया गया है. इसे लेकर कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा है आयकर विभाग ने उनके 4 खातों को सीज कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस कदम के बाद अब ना तो उनके पास कर्मचारियों को देने के लिए पैसे हैं और ना ही पार्टी के रोजाना खर्च के लिए पैसे हैं. अब ऐसे में सवाल खड़ा ये हो रहा है कि आखिर आयकर विभाग की ओर से इन खातों को क्यों सीज किया गया है.
अजय माकन ने खाते फ्रीज होने पर क्या कहा?
अजय माकन ने कहा कि हमें इसकी जानकारी गुरुवार को मिली थी कि बैंक हमारे चेक को कैश नहीं कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि इनकम टैक्स विभाग की ओर से यूथ कांग्रेस का भी खाता सीज कर दिया गया है. इनकम टैक्स विभाग ने 210 करोड़ की रिकवरी की मांग की है. उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी ने जो क्राउडफंडिंग से पैसा जमा किया था उसे भी सीज कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इनकम टैक्स विभाग से इसे डीफ्रीज करने की गुहार लगाई है. लेकिन उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावों से पहले उठाया गया ये कदम डेमोक्रेसी को फ्रीज करने जैसा है. उन्होंने कहा कि इसके कारण अब उनके पास रोजना खर्च से लेकर सैलरी देने के तक पैसे नहीं हैं.
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— Congress (@INCIndia) February 16, 2024
देश के लोगों ने ऑनलाइन दिया है चंदा
अजय माकन ने आरोप लगाया कि ये पैसा देश के लोगों ने यूपीआई के जरिए ऑनलाइन तरीके से दिया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब चुनाव की घोषणा में महज कुछ समय रह गया हो ऐसे समय में उठाया गए इस कदम के जरिए सरकार क्या दिखाना चाहती है. उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खातों पर तालाबंदी कर दी गई है. उन्होंने ये भी कहा कि ये सिर्फ कांग्रेस पार्टी के खातों पर तालाबंदी नहीं की गई है बल्कि लोकतंत्र पर तालाबंदी की गई है.
कल ही इलेक्टोरल बॉन्ड पर आया है फैसला
इनकम टैक्स विभाग के इस कदम से पहले गुरुवार को ही इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर फैसला आया था. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड की वैधता पर सवाल उठाते हुए उसे असंवैधानिक बता दिया था. कोर्ट ने इस पर टिप्प्ड़ी करते हुए कहा कि था इससे सूचना के अधिकार का उल्लंघन होता है. कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी एसबीआई से लेकर ईसीआई को इसे वेबसाइट पर पब्लिश करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने टिपपड़ी करते हुए ये भी कहा था कि एक वोटर को पता होना चाहिए कि राजनीतिक दल कहां से चंदा ले रहे हैं.
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