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Rahul Gandhi ने नहीं खोयी सिर्फ सदस्यता, ये सुविधाएं भी हो जाएंगी लापता
24 मार्च की सुबह राहुल गांधी लोकसभा पहुंच चुके थे जिसके कई घंटों बाद उनकी सदस्यता रद्द होने की सूचना की खबर सामने आई.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
साल 2019 में ‘मोदी सरनेम’ पर की गयी टिप्पणी के लिए दर्ज किये गए मानहानि के मामले में सूरत कोर्ट द्वारा 2 साल की सजा सुनाये जाने के बाद 24 मार्च को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गयी. 24 मार्च की सुबह राहुल गांधी लोकसभा पहुंच चुके थे जिसके कई घंटों बाद उनकी सदस्यता रद्द होने की सूचना सामने आई.
इन नेताओं ने जताई आपत्ति
कांग्रेस नेता शशि थरूर, मलिक्कार्जुन खड़गे, जयराम रमेश समेत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, शिव सेना (उद्धव भाई ठाकरे) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल समेत विरोधी पार्टियों के बहुत से नेताओं ने सदस्यता रद्द होने की सूचना की आलोचना की है. राहुल गांधी ने लोकसभा की सदस्यता रद्द होने के साथ ही बहुत सी अन्य सुविधाओं को भी खो दिया है. इनमें से कुछ प्रमुख सुविधाएं और फायदे इस प्रकार हैं:
सैलरी और ड्यूटी के दौरान रहने की सुविधा
एक लोकसभा सदस्य को 1 लाख रुपये प्रतिमाह की सैलरी के साथ-साथ ड्यूटी के दौरान कहीं भी रहने के लिए 2000 रुपये प्रतिदिन का खर्चा भी दिया जाता है. आपको बता दें, यहां ड्यूटी का मतलब संसद सत्र में भाग लेना, किसी कमेटी की बैठक का हिस्सा होना, या फिर अपने क्षेत्र के किसी काम के लिए बाहर किसी स्थान पर रुकना है और जब तक कोई सांसद इनमें से किसी भी काम के लिए बाहर कहीं रुकता है उसे 2000 रुपये प्रतिदिन का भत्ता दिया जाता है. एक सांसद की सैलरी और रोजाना के खर्चों को हर पांच सालों में कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स के आधार पर बढ़ाया जाता है.
यात्रा का खर्चा और मुफ्त रेल यात्रा की सुविधा
सांसद अपनी ड्यूटी के लिए अगर किसी प्रकार की कोई यात्रा करता है तो उसे उसके लिए भी खर्च दिया जाता है. साथ ही, अगर अपनी ड्यूटी को पूरा करने के लिए वह किसी प्रकार की हवाई यात्रा करता है तो उसे उस यात्रा के लिए भी खर्च दिया जाता है. अगर सांसद सड़क के माध्यम से अपनी यात्रा को पूरा करता है तो उसे 16 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से माइलेज फी भी दी जाती है. पहले अगर सांसद रेल यात्रा करते थे तो उन्हें उसके लिए भी खर्च दिया जाता था लेकिन अब उन्हें एक पास दिया जाता है जिसके माध्यम से वह मुफ्त में रेल यात्रा कर सकते हैं. आपको बता दें यह पास ट्रांस्फारेबल नहीं होता मतलब, सांसद के अलावा इसे कोई और इस्तेमाल नहीं कर सकता. यह पास केवल तब तक ही मान्य होता है जबतक सांसद लोकसभा का सदस्य होता है.
चुनाव क्षेत्र के लिए भी मिलता है पैसा
एक लोकसभा सदस्य को अपने चुनाव क्षेत्र के लिए 75000 रुपये प्रतिमाह का खर्चा भी दिया जाता है.
ऑफिस के खर्च के लिए भी मिलते हैं पैसे
अपने ऑफिस के खर्चों का ध्यान रखने के लिए हर महीने एक सांसद को 60,000 रुपयों का भत्ता भी दिया जाता है. इस 60,000 रुपये में से 20,000 रुपये स्टेशनरी और पोस्टेज सम्बंधित आइटम्स के लिए, और ऑफिस में किसी भी प्रकार की सहायता के लिए 40,000 रुपये दिए जाते हैं.
घर और घर से सम्बंधित अन्य खर्चे
हर लोकसभा सदस्य को घर की सुविधा देने के लिए उसके कार्यकाल के दौरान या तो उसे फ़्लैट दिया जाता है और अगर सांसद को बंगला दिया जाता है तो उसे केवल लाइसेंस फीस ही देनी होती है. इतना ही नहीं एक सांसद को 50,000 यूनिट्स तक की फ्री बिजली मिलती है और हर महीने 4,000 लीटर का मुफ्त पानी भी मिलता है.
टेलीफोन के लिए भी मिलता है खर्चा
सांसदों को दिल्ली स्थित उनके घरों और ऑफिसों में मुफ्त टेलीफोन की सुविधा भी दी जाती है. इतना ही नहीं वह जिस राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं उस राज्य में स्थित उनके घर और ऑफिस में भी यह सुविधा मुफ्त में दी जाती है. एक साल में टेलीफोन द्वारा की गयी पहली 50,000 लोकल कॉल्स के लिए उन्हें किसी प्रकार का कोई पैसा नहीं देना होता. साथ ही, सांसदों को MTNL का एक मुफ्त फोन कनेक्शन मिलता है जिस पर नेशनल रोमिंग की सुविधा भी मिलती है.
मेडिकल सुविधाओं के लिए मिलने वाला खर्चा
500 रुपये प्रतिमाह की पेमेंट करने के बाद सांसद और उसके परिवार को मुफ्त मेडिकल सुविधा दी जाती है. आपको बता दें यह 500 रुपये सांसद कि सैलरी में से काटे जाते हैं.
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