जानिए Mutual Fund में क्‍या होता है Expense Ratio? इससे कैसे कम हो सकता है आपका मुनाफा

ज्‍यादातर लोग म्‍यूचुअल फंड खरीदने से पहले ये तो देखते हैं कि फंड ने पिछले कुछ सालों में कितना रिटर्न दिया है लेकिन वो ये नहीं देखते हैं कि उसका एक्‍सपेंस रेशियो कितना है. जबकि ये एक अहम हिस्‍सा है.

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Saturday, 05 August, 2023
Mutual Fund

क्‍या आप भी म्‍यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. जब आपके फंड में निवेश करने की शुरूआत की होगी तो फंड मैनेजर की हिस्‍ट्री से लेकर दूसरे प्‍वॉइंट पर काम किया होगा. लेकिन क्‍या आपने फंड का एक्‍सपेंस रेशियो देखा था. अगर नहीं तो हम आपको बस इतना बताना चाहते हैं कि ये एक्‍सपेंस रेशियो आपके मुनाफे को कम कर सकता है. जी हां आज हम अपनी इस स्‍टोरी में आपको यही बताने जा रहे हैं. 

 आखिर क्‍या होता है एक्‍सपेंस रेशियो?
एक्‍सपेंस रेशियो वो चार्ज होता है जिसे म्‍युचुअल फंड को चलाने वाली कंपनी अपनी ऑपरेटिंग फीस के तौर पर लेती है.  कोई फंड ऑपरेट करने वाली कंपनी इसे 1 प्रतिशत से ज्‍यादा लेती है तो कोई 2 प्रतिशत से भी ज्‍यादा लेती है. एक्‍सपेंस रेशियो को ऐसे भी समझा जा सकता है कि ये जितना ज्‍यादा होगा आपका रिटर्न उतना ही कम हो जाएगा.  इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि ये एक तरह से आपके फंड को चलाने की एनुवल मेंटीनेंस फीस होती है.  एक्‍सपेंस रेशियो के 3 जरूरी भाग होते हैं. मैनेजमेंट फीस, ADMINISTRATIVE फीस, 12-1b डिस्ट्रीब्यूशन फीस. 

सेबी के नियमों के तहत होता है एक्‍सपेंस रेशियो? 
एक्‍सपेंस रेशियो को लेकर सेबी के रेग्‍यूलेशन 52 के तहत बनाए हुए हैं. लेकिन कई जानकार ये भी कहते हैं कि जिन फंड का एक्‍सपेंस रेशियो ज्‍यादा होता है वो फंड रिटर्न भी ज्‍यादा कमाते हैं. एक्‍सपेंस रेशियो एक बार में नहीं वसूला जाता है. फंड हाउस अपने हर दिन के खर्चे को कैलकुलेट करते हैं उसके बाद इसे डेली बेसिस पर निकाला जाता है. 

कैसे आपके मुनाफे पर डालता है असर? 
मान लीजिए आपने एक्‍स नाम के फंड में निवेश किया है और उस फंड का एक्‍सपेंस रेशियो 1.75% है. आपको उस फंड में एक साल में 12 प्रतिशत का मुनाफा होता है तो ऐसे में आप जब आपका मुनाफा काउंट होगा तो उसमें 12 प्रतिशत में से 1.75% कम कर दिया जाएगा. ऐसे में आपका मुनाफा 10.25 प्रतिशत ही रह जाएगा. 
 


क्या बार-बार चेक करने से गिरता है Cibil Score, जानें कब-कब देखना चाहिए स्कोर?

आप अपना CIBIL Score स्कोर कितनी बार चेक कर सकते हैं? या फिर आपको अपना क्रेडिट स्कोर कितनी बार चेक करना चाहिए? आइए समझते हैं.

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Friday, 10 May, 2024
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CIBIL Score वो स्कोर है, जिसे देखकर बैंक आपको लोन देने के लिए तैयार रहते हैं. CIBIL Score का दायरा 300 से 900 के बीच में होता है. ऐसे में जितना आपका स्कोर 900 के पास रहेगा, उतना आपकी फाइनेंशियल कंडीशन के लिए अच्छा होता है. कोविड के बाद से लोन लेने की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है. इसलिए सभी लोग CIBIL Score से जुड़े हर सवाल को क्लियर करना चाहते हैं. बहुत में से एक सबसे बड़ा सवाल है कि अगर हम बार-बार CIBIL Score को चेक करते हैं, तो क्या वो डाउन हो जाएगा? हमारा इसके लिए जबाव है, हां भी और नहीं भी. चलिए बताते हैं आखिर ऐसा क्यों है.

कैसे चेक करे अपना सिबिल स्कोर?

दरअसल CIBIL Score ग्राहक की पास्ट हिस्ट्री की एक रिपोर्ट होती है, जो बैंक को बताती है कि कब लोन लिया गया है और कब लोन के बारे में पूछताछ की गई है. अगर आप खुद CIBIL Score को चेक कर रहे हैं, तो आपके CIBIL Score पर कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा. इसके अलावा अगर आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो लोन देने वाली कंपनी आपके CIBIL Score को चेक करेगी. जब कंपनी चेक करे तो आपका CIBIL Score डाउन हो सकता है. आइए इसके लिए आपको हार्ड इन्क्वायरी (Hard Enquiry) और सॉफ्ट इन्क्वायरी (Soft Enquiry) को समझना होगा.

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क्‍या है हार्ड इन्क्वायरी?

जब कोई बैंक या NBFCs आपका CIBIL Scoreचेक करते हैं तो इसे हार्ड इन्क्वायरी कहते हैं. अगर एक साथ कई लेंडर्स आपका CIBIL Scoreचेक करते हैं तो इससे आपके सिबिल स्कोर पर असर पड़ सकता है. दरअसल जब कोई व्‍यक्ति लोन लेने जाता है तो वो एक साथ कई बैंकों में संपर्क करता है. उस समय बैंक की ओर से उसका सिबिल स्कोर चेक किया जाता है. इस तरह अलग-अलग बैंक जब किसी का सिबिल स्कोर चेक करते हैं तो स्‍कोर में कुछ पॉइंट की गिरावट आ जाती है. आपके क्रेडिट रिपोर्ट में इसकी डीटेल दी जाती है कि आपके लिए कब–कब हार्ड-इन्क्वायरी की गई है.

क्‍या होती है सॉफ्ट इन्क्वायरी?

जब आप अपने स्कोर को किसी ऐप के जरिए चेक करते हैं तो इसे सॉफ्ट इन्क्वायरी कहा जाता है. आमतौर पर सॉफ्ट इन्क्वायरी से आपके CIBIL Score पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. बल्कि अगर आप समय-समय पर अपना CIBIL Score चेक करते हैं, तो आप अपने स्कोर को लेकर जागरुक रहते हैं. ऐसे में स्कोर गिरने पर आप उसे सुधारने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं. ब्लकि कई फाइनेंशियल एक्सपर्ट ये सलाह देते हैं कि CIBIL Score 3-6 महीनों के पीरियड में चेक करना चाहिए. इसके अलावा आप अगर किसी भी तरह के लोन या फिर क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं तो आपको खासकर एक बार अपना CIBIL Score जरूर चेक करना चाहिए.

ये भी हैं CIBIL Score गिरने की वजह

सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच निर्धारित किया जाता है. आमतौर पर 750 से ज्यादा सिबिल स्कोर को अच्छा माना जाता है. बता दें कि सिबिल स्कोर गिरने की मुख्य वजह बेशक तय समय में लोन रीपेमेंट न करना है, लेकिन इसके अलावा भी कई फैक्टर्स आपके स्कोर को प्रभावित करते हैं जैसे क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो गड़बड़ होना, कम समय में कई बार लोन के लिए अप्लाई करना, लोन सेटलमेंट करना, किसी ऐसे व्यक्ति का लोन गारंटर बनना जो समय से लोन न चुकाए, क्रेडिट कार्ड पेमेंट समय पर न करना आदि.
 


Gold Loan को लेकर RBI ने NBFC को दी नसीहत, लोन के बदले इतने से अधिक पैसा न दें

RBI ने इस हफ्ते की शुरुआत में गोल्‍ड के बदले लोन देने वाले फाइनेंसर और माइक्रो फाइनेंस कंपन‍ियों को सलाह दी क‍ि उन्हें इनकम टैक्‍स एक्‍ट के सेक्‍शन 269SS को फॉलो करने के लिए कहा है.

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Friday, 10 May, 2024
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अगर आप भी किसी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) से गोल्ड लोन उठाने की बात सोच रहे हैं तो रुक जाइए. रिजर्व बैंक (RBI) ने इस पर एनबीएफसी को सख्त दिशा निर्देश दिए हैं. आरबीआई ने एनबीएफसी से कहा कि वे इनकम टैक्स कानूनों के अनुसार गोल्ड लोन देते समय 20,000 रुपए से ज्यादा कैश का भुगतान न करें. रिजर्व बैंक ने इस सप्ताह की शुरुआत में गोल्ड देने वाले फाइनेंसर और माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस को दी गई एक सलाह में उन्हें इनकम टैक्स एक्ट की धारा 269SS का पालन करने को कहा है.

नकदी की स्वीकृत ल‍िम‍िट 20000 रुपये

आयकर अधिनियम के सेक्‍शन 269एसएस में प्रावधान है क‍ि कोई व्यक्ति भुगतान के न‍िर्द‍िष्‍ट तरीकों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति की तरफ से की गई जमा या ऋण स्वीकार नहीं कर सकता है. इस सेक्‍शन में नकदी की स्वीकृत ल‍िम‍िट 20,000 रुपये है. इस एडवाइजरी के कुछ हफ्ते पहले आरबीआई ने आईआईएफएल फाइनेंस के निरीक्षण के दौरान कुछ चिंताएं नजर आने के बाद उसे गोल्‍ड लोन मंजूर करने या वितरित करने से रोक दिया था.

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क्या कहते हैं जानकार?

इस धारा में नकदी की स्वीकृत सीमा 20,000 रुपये है. इस परामर्श के कुछ सप्ताह पहले केंद्रीय बैंक ने आईआईएफएल फाइनेंस के निरीक्षण के दौरान कुछ चिंताएं नजर आने के बाद उसे स्वर्ण ऋण स्वीकृत करने या वितरित करने से रोक दिया था. रिजर्व बैंक की इस सलाह पर टिप्पणी करते हुए मणप्पुरम फाइनेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वी पी नंदकुमार ने कहा कि इसमें नकद ऋण देने के लिए 20,000 रुपये की सीमा दोहराई गई है.

ट्रांसपेरेंसी में होगा इजाफा

इंडेल मनी के सीईओ उमेश मोहनन ने कहा कि इस निर्देश से पारदर्शिता और बेहतर अनुपालन लाने में मदद मिलेगी लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोगों के औपचारिक बैंकिंग प्रणाली का हिस्सा न होने से प्रभाव पड़ सकता है. मोहनन ने कहा कि यह निर्देश अनजाने में हाशिए पर मौजूद तबकों को आपात स्थिति में भी गोल्ड लोन तक पहुंच से बाधित कर सकता है जिससे वित्तीय पहुंच सीमित हो सकती है.
 


ये कंपनी लेकर आई रिटायरमेंट फंड, इतने पैसों से कर सकते हैं इसकी शुरूआत

म्‍युचुअल फंड बाजार में निवेशक की पसंद को देखते हुए हर तरह के फंड सामने आ रहे हैं. इनमें जहां रिटायरमेंट फंड शामिल हैं वहीं दूसरी ओर शॉर्ट टर्म फंड भी शामिल हैं. 

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Wednesday, 08 May, 2024
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बीते कुछ सालों में निवेश को लेकर तेजी से बढ़ी सक्रियता के बीच हर आदमी अपनी मौजूदा जरूरतों के साथ रिटायरमेंट को लेकर भी प्‍लानिंग करना पसंद करता है. इसी का नतीजा है कि कंपनियां एक के बाद एक रिटायरमेंट और दूसरी तरह के फंड लॉन्‍च कर रही हैं. इसी कड़ी में बड़ौदा बीएनपी पारिबा म्यूचुअल फंड ने अपने नए रिटायरमेंट फंड, की घोषणा की है. ये स्‍कीम लंबी अवधि में निवेश के जरिए बड़ा फंड तैयार करने का इच्छा रखने वाले निवेशकों के लिए रिटायरमेंट योजना में मदद करने के लिए डिजाइन की गई है. 

कैसे इस फंड में कर सकते हैं निवेश?
इस योजना में निवेश एकमुश्त और एसआईपी दोनों तरीकों से किया जा सकता है. निवेशक एसआईपी निवेश का विकल्प चुन सकते हैं जो उनकी उम्र और वित्तीय उद्देश्यों के अनुरूप हो. यह फंड सब्सक्रिप्शन के लिए 8 मई, 2024 को खुला है और 22 मई, 2024 को बंद हो जाएगा. यह फंड क्रिसिल (CRISIL) हाइब्रिड 35+65 - एग्रेसिव इंडेक्‍स के विरुद्ध बेंचमार्क है. इस फंड के इक्विटी मैनेजर प्रतीश कृष्णन हैं और डेट हिस्से का प्रबंधन मयंक प्रकाश द्वारा किया जाएगा. 

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क्‍या बोले कंपनी के सीईओ? 
इस फंड के लॉन्च पर बड़ौदा बीएनपी पारिबा म्यूचुअल फंड के सीईओ, सुरेश सोनी ने कहा कि हम बड़ौदा बीएनपी पारिबा रिटायरमेंट फंड के लॉन्च की घोषणा करते हुए बेहद रोमांचित हैं. ये फंड सभी के लिए वित्तीय भविष्य सुरक्षित करने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. हालिया इंडिया रिटायरमेंट इंडेक्स स्‍टडी इस तरह के निवेश विकल्पों के महत्व पर जोर देता है, जिसमें कहा गया है कि 53 फीसदी भारतीय अभी भी अपने रिटायरमेंट के लिए परिवार की संपत्ति और बच्चों पर निर्भर हैं. इसके अलावा, 50 साल से अधिक आयु के 90 फीसदी भारतीय अपनी रिटायरमेंट योजना पहले शुरू नहीं करने पर गहरा अफसोस जताते हैं. ये बातें रिटायरमेंट के स्थायी समाधानों की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर देती हैं.

इसमें इतने साल का होगा लॉक इन पीरियड 
बड़ौदा बीएनपी पारिबा रिटायरमेंट फंड एक ओपन-एंडेड रिटायरमेंट सॉल्यूशन-ओरिएंटेड स्कीम है, जिसमें 5 साल या रिटायरमेंट की उम्र (जो भी पहले हो) तक लॉक-इन है. कंपनी के सीईओ ने कहा कि बड़ौदा बीएनपी पारिबा रिटायरमेंट फंड का लक्ष्य इस जरूरत को पूरा करना है. उन्‍होंने कहा कि सामान्‍य तौर पर ये देखा जाता है कि अधिकांश निवेशक रिटायरमेंट के लिए बचत बहुत देर से शुरू करते हैं और वह भी पारंपरिक विकल्पों में निवेश करते हैं. उन्‍होंने कहा कि  हमारा मानना है कि निवेश की लॉन्ग टर्म ट्रेंड को देखते हुए, यह जरूरी है कि निवेशक म्यूचुअल फंड जैसे कैपिटल मार्केट विकल्पों में निवेश करने पर विचार करें, जिनमें उनकी बचत पर बेहतर दरों पर कंपाउंड करने यानी बेहतर रिटर्न देने की क्षमता है.


आपके लिए खुशखबरी, इन बैंकों ने FD पर फिर से बढ़ाया ब्याज, जानें अब कितना मिलेगा रिटर्न? 

देश के कई निजी और सरकारी बैंकों ने एफडी पर ब्याज दरें बढ़ा दी है. आपको एफडी में निवेश पर ये बैंक अच्छा रिटर्न दे रहे हैं.

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Tuesday, 07 May, 2024
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देश के कई बैंक ग्राहकों को एफडी पर अच्छा रिटर्न दे रहे हैं. अगर आप भी अपना पैसा किसी सुरक्षित जगह निवेश करना चाहते हैं, तो इन बैंकों में एफडी करा सकते हैं. आपको बता दें, एक्सिस (Axis) और आईसीआईसाई (ICICI) बैंक ने तो अपने ग्राहकों के लिए बल्क एफडी पर ब्याज को एक बार फिर से बढ़ा दिया है, तो चलिए जानते हैं अब ये बैंक आपको एफडी पर कितना पैसा रिटर्न देंगे?

एक्सिस दे रहा इतना रिटर्न
नए रिवीजन के बाद एक्सिस बैंक 3 प्रतिशत से लेकर 7.20 प्रतिशत का ब्याज ऑफर कर रहा है. वहीं, सीनियर सिटीजन को 3.50 फीसदी से लेकर 7.85 फीसदी का ब्याज दे रहा है. 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी पर बैंक 7 दिन से लेकर 10 साल तक की एफडी ऑफर कर रहा है. एक्सिस बैंक की नई ब्याज दरें आज 4 मई 2024 से लागू हो गई हैं. सबसे ज्यादा ब्याज आपको 17 महीने से लेकर 18 महीने से कम वाली एफडी पर मिल रहा है. अगर आप इसमें 1 लाख रुपये निवेश करेंगे तो आपको 7200 रुपये तक का रिटर्न मिलेगा. वहीं, सीनीयर सिटीजन को 7850 रुपये रिटर्न मिलेगा. 

ये है एक्सिस की नई ब्याज दरें
एक्सिस 30 से 45 दिन की एफडी पर आम जनता को 3.50 और सीनियर सिटीजन को 4 प्रतिशत ब्याज दे रहा है. 3 महीने से लेकर 6 महीने से कम तक की एफडी पर आम जनता को 4.75 और सीनियर सिटीजन को 5.25 प्रतिशत, महीने से लेकर 9 महीने से कम तक की एफडी पर आम जनता को 5.75 प्रतिशत और सीनियर सिटीजन को 6.25 प्रतिशत, 1 साल से लेकर 15 महीने से कम तक की एफडी पर आम जनता को 6.70 प्रतिशत और सीनियर सिटीजन को 7.20 प्रतिशत, 17 महीने से लेकर 18 महीने से कम तक की एफडी पर आम जनता को 7.20 प्रतिशत और सीनियर सिटीजन को 7.85 प्रतिशत, 5 साल से लेकर 10 साल तक की एफडी पर आम जनता को 7 और सीनिर सिटीजन को 7.75 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. 

आईसीआईसीआई दे रहा इतना रिटर्न
ICICI बैंक ने भी बल्क FD पर ब्याज को एक बार फिर रिवाइज कर दिया है. ये बढ़ी हुई ब्याडज दरें 6 मई से लागू हो गई हैं. इस बार बैंक ने 2 करोड़ रुपये से लेकर 5 करोड़ रुपये तक की कुछ पीरियड की एफडी पर ब्याज को बढ़ा दिया है. बैंक 7 दिन से लेकर 10 साल तक की बल्क एफडी ऑफर कर रहा है. इसमें 30 से 45 दिन की एफडी पर आम जनता के लिए 5.50 प्रतिशत और सीनियर सिटीजन के लिए भी 5.50 ब्याज है. 61 से 90 दिन की एफडी पर आम जनता और सीनियर सिटीजन दोनों के लिए 6 प्रतिशत ब्याज, 1 साल से लेकर 15 महीने से कम तक की एफडी पर 7.25 ब्याज मिलेगा. वहीं, 3 साल से लेकर 5 साल तक की एफडी पर 7 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. 

ये बैंक भी दे रहे अच्छा रिटर्न
अगर आप भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) या एचडीएफसी (HDFC) बैंक में3 साल के लिए 1 लाख रुपये की एफडी कराते हैं, तो आपको 7 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ 1,23,144 रुपये मिलेंगे. वहीं, आईडीएफसी (IDFC) बैंक में 7.25 प्रतिशत की ब्‍याज दर के साथ 1 लाख रुपये की एफडी 3 साल के लिए करवाने पर 1,24,055 रुपये मिलेंगे. आरबीएल (RBL) बैंक में 7.70 प्रतिशत की ब्‍याज दर के साथ 3 साल की एफडी पर 1 लाख रुपये निवेश करने पर 1,25,710 रुपये मिलेंगे
 


Health Insurance कंपनियों ने रुलाया, क्या आपका भी क्लेम फंसा?

हेल्‍थ इंश्‍योरेंस की डिमांड बढ़ गई है, लेकिन इसके साथ ही इंश्‍योरेंस क्‍लेम की परेशानियां भी बढ़ रही हैं. सर्वे में पता चला है कि करीब आधे मामलों में कंपनियां क्‍लेम देने में परेशानी खड़ी करती हैं.

Last Modified:
Saturday, 04 May, 2024
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आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस जरूरत हो गई है. अस्पताल में बढ़ते इलाज खर्च के कारण हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि हेल्थ इंश्योरेंस लेने से उनकी परेशानी खत्म हो जा रही है. बीमा कंपनियां क्लेम देने में काफी परेशान कर रही हैं एक सर्वे में यह जानकारी मिली है. सर्वे के अनुसार, पिछले तीन साल में लगभग 43 प्रतिशत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों को अपने दावों का निपटारा कराने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है.

हेल्थ इंश्योरेंस बना आफत

39,000 लोगों के बीच लोकल सर्किल के सर्वे में खुलासा हुआ कि 43% लोगों को इंश्योरेंस क्लेम लेने में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा. अक्सर कंपनियां पहले से बीमार होने का हवाला देकर क्लेम को खारिज कर दे रही हैं. कंपनियां पूरा देने की बजाय आधा अधूरा क्लेम ही दे रही हैं. इसके अलावा सर्वे में सामने आया है कि हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम पाने की प्रक्रिया में लंबा समय लगता है.

15-17% लोगों का रिंबर्समेंट ही नहीं हुआ 

ऑनलाइन सर्वे में 43% लोगों ने पिछले तीन साल के दौरान हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम में आई परेशानी का खुलासा किया है. देश के 20 से ज़्यादा राज्यों के 302 जिलों के 39 हजार लोगों पर यह सर्वे किया गया था. इसमें करीब 5% लोगों ने बताया कि उनके क्लेम को इंश्योरेंस कंपनी ने खारिज कर दिया. वहीं 15-17% लोगों ने कहा कि इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम की रकम से कम का भुगतान किया.  वहीं 20-25% लोगों ने कहा कि उनको सेटलमेंट में काफी लंबा समय लगा और उस दौरान उनको काफी परेशानी झेलनी पड़ी.

मरीज भी हो रहे परेशान

इस सर्वे में सामने आया कि परिवार के साथ, मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को डिसचार्ज होने के लिए 10-12 घंटे इंतजार करना पड़ता है. सरकार के पास जिन सेक्टर्स को लेकर शिकायतें पहुंचती हैं, उनमें से एक तिहाई इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़ी हैं.

93 प्रतिशत नियम में बदलाव के पक्ष में 

सर्वेक्षण में शामिल 93 प्रतिशत प्रतिभागियों में से अधिकांश ने इस स्थिति से बचने के लिए नियामकीय मोर्चे पर बदलाव की वकालत की. बीमा कंपनियों को हर महीने अपनी वेबसाइट पर विस्तृत दावों और पॉलिसी कैंसिलेशन डेटा का खुलासा अनिवार्य करने की मांग भी शामिल है. भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के कुछ हस्तक्षेपों के बावजूद उपभोक्ताओं को अपने स्वास्थ्य दावे प्राप्त करने के लिए बीमा कंपनियों से जूझना पड़ रहा है. 
 


नौकरीपेशा लोग ध्यान दें, EPFO देगा इतने हजार का बोनस, जानिए कैसे?

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारियों को एक शर्त पूरी करने पर बोनस देने की घोषणा की है. 

Last Modified:
Friday, 03 May, 2024
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नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सब्सक्राइबर्स को बोनस देने की घोषणा की है, लेकिन इसके लिए एक शर्त पूरी करनी पड़ेगी, तो चलिए जानते हैं आप कैसे इस बोनस को हासिल कर सकते हैं?
 
कितना मिलेगा बोनस?

ईपीएफओ (EPFO) की ओर से ग्राहकों को एक व्यवस्थित रिटायरमेंट सेविंग स्कीम प्रदान की जाती है, जो नौकरी के बाद वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करता है, लेकिन ईपीएफओ के कुछ नियम ऐसे हैं जिनके बारे में सब्सक्राइबर्स को शायद ही पता हो. इन नियमों में से एक लोयालिटी कम लाइफ बेनिफिट्स है. इसमें कर्मचारी को 50,000 रुपये तक का सीधा फायदा मिलता है. 

कैसे और कब मिलेगा बोनस?
जानकारी के अनुसार सभी पीएफ खाताधारकों को नौकरी बदलने के बाद भी उसी ईपीएफ खाते में योगदान जारी रखना है. इससे उन्हें लगातार 20 वर्षों तक एक ही खाते में योगदान करने के बाद लॉयल्टी-कम-लाइफ बेनिफिट्स लाभ प्राप्त करने का मौका मिलेगा. कुछ ही समय पहले सीबीडीटी ने उन खाताधारकों को लॉयल्टी-कम-लाइफ लाभ देने की सिफारिश की थी, जिन्होंने 20 वर्षों तक अपने ईपीएफ खाते में लगातार योगदान दिया है. केंद्र सरकार ने इस कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है. ऐसे में अब जिन सब्सक्राइबर्स ने 20 साल तक नियमित योगदान किया है उन्हें 50,000 रुपये का अतिरिक्त फायदा मिलेगा.

इस बात का रखें ध्यान
ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स को केवल इस बात का ध्यान रखना है कि नौकरी बदलते समय वह अपना पहले वाला ईपीएफ खाता जारी रखें. इसके लिए आपको अपने पुराने नियोक्ता और वर्तमान नियोक्ता को जानकारी देनी होगी.

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ऑनलाइन बेचिए पेट्रोल-डीजल, सरकार करेगी मदद, सालभर में बन सकते हैं 100 करोड़ के मालिक

अगर आपके कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन पेट्रोल-डीजल बेचकर करोड़ों में कमाई कर सकते हैं.

Last Modified:
Thursday, 02 May, 2024
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देश में पेट्रोल डीजल की मांग लगातार बढ़ रही है और अगर आप भी ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह अपना कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो पेट्रोल डीजल की ऑनलाइन बिक्री शुरू कर इसकी होम डिलीवरी शुरू कर सकते हैं. आप ऑनलाइन फ्यूल यानी पेट्रोल-डीजल बेचकर करोड़ों में कमाई कर सकते हैं. इसके लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (BPCL), पेट्रोलियम प्रोसेस इंजीनियरिंग सर्विस (PESCO) जैसी तेल कंपनियां मदद करेगी. इसके अलावा आप सरकार से भी मदद ले सकते हैं. 

ऐसे शुरू करें ऑनलाइन बिजनेस 

साल 2016 के पहले पेट्रोल-डीजल की ऑनलाइन ब्रिकी की अनुमित नहीं थी. इसके बाद सरकार ने ऑनलाइन पेट्रोल-डीजल की ब्रिकी की इजाजत दे दी. इस बिजनेस को शुरू करने के लिए तेल कंपनियों के पास प्रोजेक्ट की डिटेल रिपोर्ट जमा करनी होगी. आइए जानते हैं कैसे शुरू कर सकते हैं बिजनेस

• यदि आप डीजल की डिलीवरी का बिजनेस शुरु करना चाहते हैं तो सबसे पहले तेल कंपनियों से संपर्क करें. इनमें IOC, BPCL और HPCL शामिल हैं.
• उनके पास आपको एक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा करनी होगी.
• प्रोजेक्ट पसंद आने पर तेल कंपनियां आपको ऑनलाइन बिक्री की इजाजत देंगी.
• प्रोजेक्ट रिपोर्ट की एक कॉपी PMO को भी भेजें, ताकि आपको सरकार की तरफ से भी मंजूरी मिल जाए. इससे आपको बिजनेस के लिए लोन लेने में आसानी होगी

वेबसाइट और ऐप से होगी डिलीवरी

लोग आपसे पेट्रोल-डीजल खरीदने के लिए वेबसाइट और ऐप के जरिए संपर्क करेंगे. इसलिए आपको वेबसाइट और ऐप डेवलप करानी होगी, जिस पर आपको ऑनलाइन ऑर्डर मिलेंगे. दूसरी चीज आपको तय करना होगा कि किन इलाकों या शहरों में फ्यूल की डिलिवरी की जाएगी. उसी हिसाब से डिलीवरी का नेटवर्क तैयार करना होगा. लेकिन ध्यान रहे फ्यूल डिलिवरी की एक मिनिमम लिमिट तय है, आप उस लिमिट से कम फ्यूल के लिए ऑर्डर नहीं ले सकते हैं.

कितना करना होगा निवेश

अगर आप Petrol-Diesel Home Delivery Business शुरू करते हैं, तो इसके लिए आपको करीब 12 लाख रूपये का निवेश करना होगा. अगर आपके पास इतनी राशि नहीं है, तो आप इसके लिए किसी भी बैंक से PM Mudra Loan के जरिए 10 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं. कुल मिलाकर इस बिजनेस से मोटी कमाई कर सकते हैं.

सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप

पेपफ्यूल डॉट कॉम (Pepfuel.com) सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप है. पेपफ्यूल्स का इंडियन ऑयल के साथ थर्ड पार्टी एग्रीमेंट है. यह डोर-टू-डोर डिलीवरी (online diesel delivery) के लिए है. इस ऐप पर ग्राहक ऑनलाइन या मैसेज के जरिए ऑर्डर कर सकते हैं. नोएडा के टिकेन्द्र, प्रतीक और संदीप तीनों ने मिलकर इसे स्टार्ट किया है. कारोबार शुरू के कुछ सालों बाद की इनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 100 करोड़ के आसपास पहुंच गया.
 


देश की हर महिला बनेगी धनवान, ये योजना देगी 2 साल में इतना पैसा

केंद्र सरकार महिलाओं को आर्थिक लाभ देने के लिए महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट योजना लाई है इसमें केवल 2 साल तक ही निवेश करना होता है. 

Last Modified:
Thursday, 02 May, 2024
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केंद्र सरकार महिलाओं के लिए कई ऐसी योजनाएं लेकर आई है, जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का काम कर रही हैं. ऐसी ही एक योजना ‘महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट’ (Mahila Samman Saving Certificate) को प्रमोट करने के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी आगे आई हैं. महिला सम्मान सर्टिफिकेट योजना लॉन्च होने के बाद स्मृति ईरानी ने भी नई दिल्ली के संसद मार्ग स्थित पोस्ट ऑफिस में अपना महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र अकाउंट खोला है. पोस्ट ऑफिस की यह स्कीम महिलाओं को पैसे कमाने के साथ भविष्य को सुरक्षित बनाने में भी मदद करती है. तो चलिए जानते हैं इसमें आप कैसे और कितना निवेश कर सकते हैं?

इतना मिलेगा गारंटी लाभ
पोस्‍ट ऑफिस की महिला सम्‍मान सेविंग सर्टिफिकेट योजना (Mahila Samman Savings Certificate) महिलाओं को आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए काफी जरूरी है. इस योजना में महिलाओं को गारंटी रिटर्न का लाभ मिलता है. ये योजना सरकार ने बजट 2023 में लॉन्च की थी. ये योजना मार्च 2025 तक निवेश के लिए खुली है. इस योजना पर सालाना 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलता है, जो हर तिमाही पर अकाउंट में आता है, लेकिन ब्याज और पूरा मूल मैच्योरिटी पर ही मिलता है. 

2 लाख तक कर सकते हैं निवेश
अगर आप इस स्कीम में 2 साल में 2 लाख रुरये का निवेश करती हैं, तो उसे मैच्योरिटी में 2.32 लाख रुपये मिलेंगे. दरअसल, यह स्कीम एफडी (FD) की तरह ही काम करता है. इस स्कीम में कम से कम 1,000 रुपये का निवेश कर सकते हैं. इसकी अधिकतम लिमिट 2 लाख रुपये है.

2 खातों में भी कर सकते हैं निवेश
निवेशक चाहे तो 2 खाते खुलवाकर भी निवेश कर सकते हैं. हालांकि, दोनों खातों के बीच कम से कम 3 महीने का गैप होना चाहिए. अकाउंट ओपन होने के 1 साल के बाद इसमें से 40 फीसदी तक की राशि निकाली जा सकती है.

ऐसे पाएं योजना का लाभ
इस योजना का लाभ पाने के लिए आप अपने नजदीक के पोस्ट ऑफिस में जाकर अकाउंट ओपन कर सकते हैं. अकाउंट ओपन करने के लिए आपको फॉर्म सबमिट करना होगा. इसके अलावा आपको केवाईसी अपडेट करने के लिए आधार कार्ड (Aadhaar Card) और पैन कार्ड (Pan Card) भी देना होगा. आपको चेक के साथ पे-इन-स्लिप भी अटैच करनी होगी. इस स्कीम का लाभ देश के कई बैंकों में मिल रहा है. इसका मतलब है कि आप बैंक में भी जाकर इसके लिए अकाउंट ओपन कर सकते हैं.

नाबालिग बच्ची के लिए भी कर सकते हैं निवेश
इस योजना में कोई भी महिला अपने लिए या फिर अपनी नाबालिग बेटी के लिए अकाउंट खुलवाकर निवेश कर सकती हैं. माइनकर अकाउंट में राशि अभिभावक के जरिये निवेश की जाएगी. इसके अलावा पति अपनी पत्नी के लिए भी इसमें निवेश कर सकते हैं.

टैक्स बेनिफिट का लाभ मिलेगा या नहीं?
महिला सम्‍मान सेविंग सर्टिफिकेट योजना में इनकम टैक्स एक्ट के 80C के तहत टैक्स बेनिफिट का लाभ मिलता है. हालांकि, योजना में कमाए ब्याज पर टैक्स का भुगतान करना होता है. इन्टरेस्ट पर टीडीएस (TDS) काटा जाता है.

 


1 मई से बदल जाएंगे ये नियम, जानें आपकी जेब पर क्या पड़ेगा इसका असर?

इस नए महीने में एलपीजी सिलेंडर की कीमत, एचजीएफसी (HDFC), आईसीआईसीआई (ICICI) और यस (Yes) बैंक में कई नियम बदल रहे हैं. बैंकों ने कई सर्विसेज पर चार्ज बढ़ा दिया है.

Last Modified:
Saturday, 20 April, 2024
Banks

हर महीने की शुरुआत में कुछ न कुछ वित्तीय बदलाव होते हैं, जिनका आपकी जेब पर असर होता है. इस नए महीने में एलपीजी सिलेंडर की कीमत, एचजीएफसी (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और यस बैंक (Yes Bank) से जुड़े नियम सहित कई नियम बदल रहे हैं. अगर आपका भी इन बैंकों में अकाउंट है, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. आपको बता दें, इन दोनों बैंकों ने अपने बचत खातें के सर्विस चार्जिस में बदलाव करने की घोषणा की है. ये बदले हुए नियम (Financial Rules) 1 मई 2024 से लागू होंगे. तो चलिए हम आपको बताते हैं इन बैंकों ने क्या बदलाव किए हैं?  

बढ़ सकते हैं सिलेंडर के दाम 
कुछ ही दिनों में अप्रैल महीना खत्म हो जाएगा और मई महीने की शुरुआत होगी. इस नए महीने में एलपीजी सिलेंडर की कीमत में भी बढ़ोतरी हो सकती है. तेल कंपनियां घरेलू और कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में हर महीने की पहली तारीख को बदलाव करती हैं. ऐसे में मई की एक तारीख को भी सिलेंडर के दाम बदल सकते हैं.

HDFC बैंक करने जा रहा ये बदलाव

इस बैंक ने सीनियर सिटीजन की स्पेशल एफडी स्कीम सीनियर सिटीजन केयर की डेडलाइन को 10 मई तक बढ़ा दिया है. इस स्कीम में सीनियर सिटिजन को 0.75 प्रतिशत ज्यादा ब्याज दिया जा रहा है. यदि कोई सीनियर सिटिजन 5 से 10 साल तक की एफडी कराते हैं तो उन्हें 7.75 प्रतिशत ब्याज दर का मुनाफ़ा दिया जाएगा. 

मिनिमल एवरेज बैलेंस और बदले हुए चार्जिस
यस बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार बैंक ने सेविंग्स अकाउंट्स के अलग-अलग वैरिएंट्स के मिनिमम एवरेज बैलेंस में बदलाव किया गया है. जिन लोगों का अकाउंट प्रो मैक्स है, उनके लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस 50,000 रुपये का हो जाएगा. वहीं, मैक्सिमम चार्ज के लिए 1,000 रुपये की लिमिट तय की गई है. वहीं, जिन ग्राहकों के पास सेविंग अकाउंट प्रो प्लस, Yes Essence SA और YES Respect SA है, उनके लिए मिनिमम बैलेंस अब से 25,000 रुपये हो जाएगा. अगर किसी ग्राहक के पास Saving Account PRo  है, तो उनके लिए मिनिमम बैलेंस 10,000 रुपये होगा. इन अकाउंट्स के चार्जिस के लिए अधिकतम लिमिट 750 रुपये कर दी गई है. इसी के साथ यस बैंक ने अपने कुछ अकाउंट्स को बंद करने का फैसला भी लिया है. जानकारी के अनुसार यस बैंक सेविंग एक्सक्यूजिव (Saving Exclusive), यस सेविंग सेलेक्ट (Yes Saving Select) सहित कुछ ऐसे अकाउंट्स बंद किए जाएंगे. 

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ICICI Bank ने किए ये बदलाव
आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक ने भी अपनी कई तरह की सर्विस की फीस में बदलाव किया है. इनमें मिनिमम एवरेज बैलेंस, कैश ट्रांजेक्शन चार्ज, एटीएम इंटरचेंज फीस आदि शामिल हैं.  इसी के साथ बैंक ने कुछ अकाउंट्स को बंद करने का ऐलान किया है. जिनमें एडवांटेज वुमन सेविंग अकाउंट (Advantage Woman Savings Account), प्रीविलेज अकाउंट्स एडवांटेज वुमन सेविंग अकाउंट, (Privilege Accounts Advantage Woman Saving Account), अस्सेट लिंक्ड सेविंग अकाउंट ( Asset Linked Saving Account) और ऑरा सेविंग अकाउंट (Aura Savings Account) शामिल हैं. बैंक ने डेबिट कार्ड की एनुअल फीस 2,000 रुपये कर दी है. ग्रामीण इलाकों में यह फीस 1000 रुपये ली जाएगी. एक साल में 25 पन्ने वाली चेक बुक पर कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा, जबकि इसके बाद हर पन्ने के लिए 4 रुपये चुकाने होंगे. आईएमपीएस के ट्रांजेक्शन अमाउंट पर चार्ज लगेगा, यह 2.50 से 15 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन के बीच होगा, जो ट्रांजेक्शन की वैल्यू पर निर्भर होगा.


ये 7 ट्रिक अपनाइए, घटेगी आपके होम लोन की EMI

होम लोन लेना आसान होता है लेकिन चुकान मुश्किल क्योंकि यह लंबी अवधि का लोन होता है. हालांकि, कुछ बातों का ख्याल रखकर आसानी से होम लोन को समय से पहले चुकाया जा सकता है.

Last Modified:
Friday, 19 April, 2024
Home Loan

हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना घर हो. कुछ लोग इसके लिए फ्लैट खरीदते हैं तो कुछ लोग प्लॉट लेकर उस पर अपना घर बनाते हैं. अधिकतर लोग घर बनाने के लिए होम लोन लेते हैं और फिर घर बनाते हैं. नौकरी लगने के बाद शुरुआती दिनों में तो होम लोन की ईएमआई चुकाने में कोई दिक्कत नहीं होती है, लेकिन धीरे-धीरे जिम्मेदारियां बढ़ने लगती हैं. जैसे-जैसे जिम्मेदारियां बढ़ती हैं, वैसे-वैसे आपकी सैलरी कम पड़ने लगती है. होम लोन की EMI बोझ लगने लगती है. कुछ लोग तो यहां तक सोचने लगते हैं कि घर बेचकर होम लोन से छुटकारा पा लिया जाए. अगर आप भी होम-लोन की EMI से परेशान हो गए हैं तो आइए जानते हैं इसके बोझ को कैसे कम करें.

1. महीने की किस्त का अमाउंट बढ़ा दें

आपके लोन के टाइप को देखते हुए आप ये पता कर सकते हैं कि आप अपने महीने की किस्त बढ़ा सकते हैं या नहीं. अगर आपका फिक्स्ड रेट लोन है तो इससे आपको मदद मिलेगी. रीफाइनेंस न करा पाने की स्थिति में आप मंथली पेमेंट को बढ़ाकर लोन जल्दी जमा कर सकते हैं. इससे आप ब्याज को बढ़ने का मौका ही नहीं देते हैं और प्रिंसिपल अमाउंट भी घटता रहता है. आप हर महीने एक किस्त बढ़ाकर भी दे सकते हैं.

2. बैलेंस ट्रांसफर करवाने का विकल्प

आप अपने बैंक से इसपर चर्चा कर सकते हैं कि आपका बैंक, लोन की अवधि के बीच आपकी ब्याज दर कम करके राहत दे सकता है या नहीं. अगर ऐसा नहीं हो सकता है तो आप अपना लोन किसी दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं, जहां आपको कम ब्याज पर लोन चुकाना होगा.

3. लोन की अवधि को छोटा कराना

आप एक लमसम अमाउंट भरकर अपना होम लोन टर्म छोटा करा सकते हैं. अगर आपके पास एक्स्ट्रा कैश है जिसकी आपको लंबे समय तक जरूरत नहीं पड़ने वाली है तो आप अपने बैंक से बात करके एडिशनल पेमेंट कर सकते हैं. लोन टर्म शॉर्ट कराने के लिए आप अपना लोन रीफाइनेंस करा सकते हैं. ये ऑप्शन तब ही लेना चाहिए, जब आप बिल्कुल श्योर हों कि आप हर महीने बढ़ा हुआ पेमेंट कर सकते हैं या नहीं.

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4. एक्स्ट्रा लमसम पेमेंट करना

आप एक्स्ट्रा लमसम पेमेंट भरकर भी अपना लोन जल्दी बंद करवा सकते हैं. लमसम पेमेंट मतलब वन टाइम पेमेंट, जिसमें आप बड़ा अमाउंट बैंक को दे देते हैं, इससे आपका ब्याज और प्रिंसिपल अमाउंट कवर हो जाता है. इस तरीके का इस्तेमाल अधिकतर लोग करते हैं.

5. लोन कंसॉलिडेट कराना

अगर आप होम लोन के अलावा, कुछ दूसरे छोटे लोन का खर्च भी वहन कर रहे हैं तो आप अपने लोन कंसॉलिडेट करा सकते हैं. यानी कई सारे लोन को एक में मिलाकर एक ही लोन की तरह भर सकते हैं. इससे आपके ऊपर ज्यादा ब्याज भरने का बोझ भी कम होगा.

6. होम लोने के लिए SIP की मदद लें

होम लोन की लागत काफी अधिक होती है और यह आप पर भारी पड़ सकता है. कई मामलों में ब्याज पर किया जाने वाला भुगतान मूलधन से ज्यादा होता है. ऐसे में हाई रिटर्न वाले निवेश आपके होम लोन को चुकाने में आपकी मदद कर सकते हैं. लंबी अवधि के निवेश से होम लोन की ब्याज दर को काफी हद तक कवर करने में मदद मिलती है. सरल शब्दों में, इन निवेशों पर मिलने वाला रिटर्न अंततः होम लोन पर चुकाए गए ब्याज की भरपाई करेगा.

7. लोन प्रीपेमेंट की ले सकते हैं मदद

अच्छी बात है कि आपके अपना होम लोन जल्दी चुकाकर खत्म करने का विकल्प रहता है. अगर आपका लोन टेन्योर 20 सालों का है, तब भी आप इससे कम टाइम में लोन चुकाकर लाखों रुपये बचा लेंगे. होम लोन ही नहीं, अधिकतर लोन के प्रीपेमेंट के साथ पेनाल्टी की शर्त आती ही है. अगर आप होम लोन टेन्योर खत्म होने से पहले चुकाना चाह रहे हैं, तो पहले आपको अपने बैंक से इसकी जानकारी लेनी चाहिए कि वो प्रीपेमेंट पर किस तरह की पेनाल्टी लेता है. अगर आपको लगता है कि पेनाल्टी चुकाकर लोन भरने में आप फायदे में रहेंगे, तो आप बिल्कुल प्रीपेमेंट का रास्ता अपना सकते हैं.