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अब ये म्यूचुअल फंड कंपनी लेकर आई रिटायरमेंट फंड, इतने से शुरू कर सकते हैं निवेश
कंपनी की ओर से लाया गया ये एक ओपन एंडेड रिटायरमेंट सॉल्यूशन फंड है, जिसमें 5 साल या रिटायरमेंट की आयु तक (जो भी पहले हो) लॉक-इन है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
लगातार महंगे होते इलाज से लेकर दूसरी चुनौतियों का ध्यान रखते हुए अब ज्यादातर लोग अपने रिटायरमेंट को लेकर निवेश करना शुरू कर देते हैं. इसी कड़ी में पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड ने आज अपने ओपन-एंडेड फंड, पीजीआईएम इंडिया रिटायरमेंट फंड के लॉन्च की घोषणा की है. इस फंड में 5 साल या 60 साल की रिटायरमेंट की उम्र (जो भी पहले हो) तक लॉक-इन की सुविधा मौजूद है.
फंड में कितने से कर सकते हैं शुरू
इस फंड का एग्जिट लोड शून्य है. जबकि लॉक इन पीरियड की बात करें तो वो 5 साल या रिटायरमेंट की आयु (60 साल) तक, जो भी पहले हो वही माना जाएगा. (लॉक इन अवधि तब भी लागू होती है जब निवेशक 5 साल की अनिवार्य लॉक इन अवधि या रिटायरमेंट की आयु, जो भी पहले हो, से पहले पीजीआईएम इंडिया रिटायरमेंट फंड से फंड हाउस के भीतर किसी अन्य योजना में चला जाता है.
योजना से ट्रांसफर-आउट का अनुमति यूनिट के आवंटन की तारीख से 5 साल की लॉक-इन अवधि या 60 साल की रिटायरमेंट की उम्र प्राप्त करने, जो भी पहले हो दी जाएगी और यह अगर कोई एग्जिट लोड है तो उसके अधीन होगी. फंड 26 मार्च से खुल चुका है जबकि 9 अप्रैल को बंद होगा. इस फंड के लिए प्रारंभिक खरीद/स्विच-इन: न्यूनतम 5,000 रुपये/- और उसके बाद 1 रुपये/- के मल्टीपल में किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त न्यूनतम 1,000 रुपये/- और उसके बाद 1 रुपये/- के मल्टीपल में की जा सकती है. एसआईपी के लिए कम से कम 5 इंस्टॉलमेंट और प्रति किस्त कम से कम 1,000 रुपये/- का निवेश जरूरी होगा और उसके बाद 1 रुपये/- के मल्टीपल में कितना भी निवेश किया जा सकता है.
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इन क्षेत्रों में निवेश से मिलेगा बेहतर रिटर्न
फंड का लक्ष्य इक्विटी, इक्विटी संबंधित विकल्पों, आरईआईटी (REITs) और इनविट (InvITs) और फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज के मिक्स में निवेश करके निवेशकों को बेहतर रिटर्न देते हुए उनके रिटायरमेंट लक्ष्य को पूरा करना है और उसी के अनुसार आय प्रदान करना है. इस फंड के बारे में बताते हुए पीजीआईएम इंडिया एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ, अजीत मेनन ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद लंबे समय तक जीवित रहना एक ऐसा जोखिम है, जिस पर ज्यादा ध्यान नहीं रहता, लेकिन हर किसी को इसका समाधान खोजने के लिए जूझना पड़ता है.
हमारे जीवन के अधिकांश लक्ष्य जैसे घर बनाना, बच्चों की शिक्षा, पसंद की कार खरीदना ये सब लोन लेकर पूरे किए जा सकते हैं, लेकिन जब रिटायरमेंट की बात आती है तो हम इसे लोन से पूरा नहीं कर सकते. इस प्रकार लोगों के लिए अपने रिटायरमेंट फंड को प्राथमिकता देना जरूरी है.
क्या बोले कंपनी के सीईओ?
पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड के सीआईओ विनय पहाड़िया का कहना है कि अलग अलग ग्लोबल एजेंसियों के अनुमान के अनुसार, भारत अगले कुछ साल में सबसे तेजी से बढ़ती जी-20 अर्थव्यवस्था में से एक बनने की ओर आगे बढ़ रहा है. लंबी अवधि में, कॉर्पोरेट आय किसी देश की नॉमिनल जीडीपी में ग्रोथ को ट्रैक करती है और स्टॉक की कीमतें अर्निंग में ग्रोथ को ट्रैक करती हैं. हाई ग्रोथ और बेहत क्वालिटी वाली लार्ज और मिड कैप कंपनियों में निवेश करने का निरंतर अवसर है जो भारत की ग्रोथ स्टोरी का लाभ उठा सकते हैं. ऐसी कंपनियां लंबे समय तक कैपिटल-एफिशिएंट तरीके से तेज ग्रोथ से पूंजी का संयोजन (कंपाउंड कैपिटल) जारी रख सकती हैं. इस तरह से हाई ग्रोथ और अच्छे क्वालिटी वाले शेयरों का एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो एक मजबूत रिटायरमेंट फंड बनाने में मदद कर सकता है.
नोट: शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए किसी भी फंड में निवेश करने से पहले अपने सलाहकार से उसे लेकर सलाह जरूर ले लें. इस खबर को पब्लिश करना सिर्फ खबर के माध्यम से जानकारी देना है.
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