होम / पर्सनल फाइनेंस / तय तरीख से पहले नहीं चुका पाए लोन की EMI, तो घबराएं नहीं करें ये काम
तय तरीख से पहले नहीं चुका पाए लोन की EMI, तो घबराएं नहीं करें ये काम
अगर कोई व्यक्ति लोन की ईएमआई चुकाने में मुश्किलों का सामना कर रहा है तो यहां हम उन तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे उसे राहत मिल सकती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
अगर आपने होम लोन लिया है तो तय तारीख पर EMI जमा करना जरूरी है. लेकिन कई बार ऐसा हो सकता है कि तय तारीख को आपके खाते में पर्याप्त पैसा न बचा हो. यह भी हो सकता है कि आप EMI की किस्त अपने बैंक में डालना भूल गए हों. किसी भी वजह से EMI जमा करने में चूक होने पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है, आइए एक उदाहरण से इसे समझते हैं.
एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले अमित मिश्रा के होम लोन की मासिक किस्त बाउंस हो गयी. उन्हें सैलरी समय से नहीं मिली, जिससे वे घर की मासिक किस्त नहीं भर पाए. आम तौर पर लोन की मासिक किस्त समय पर जमा नहीं होने पर कई तरह के चार्ज लग जाते है. जिस बैंक में आपका अकाउंट है, वह चार्ज लगाता है, वहीं लोन देने वाला वित्तीय संस्थान भी जुर्माना लगाता है. तो यहां जानिए वो तरीके, जिससे आप अपनी समस्या को पूरी तरह से दूर कर सकते हैं.
एरियर EMI को चुनें
आप लोन की मासिक किस्त में हर महीने दिक्कत महसूस कर रहे हैं तो आप मैनेजर से एडवांस EMI की जगह एरियर EMI चुकाने की बात करें. एरियर EMI के तहत पैसा महीने के आखिर में काटा जाता है. इस कारण एरियर EMI में आपको पैसा एकत्रित करने के लिए अधिक समय मिलता है, इससे आपको राहत मिलेगी.
बैंक के नोटिस से न हों परेशान
अगर आपको लोन नहीं चुकाने या मासिक किस्त बाउंस होने को लेकर बैंक से कोई नोटिस मिला है तो परेशान न हों. क्योंकि बैंक अधिकारी आपकी नीयत समझना चाहते हैं. अगर आप किसी वास्तविक दिक्कत की वजह से लोन की मासिक किस्त नहीं चुका पाए तो बैंक से नोटिस मिलने के बाद आपके पास लोन चुकाने के लिए 60 दिन का समय होता है.' अगर इस अवधि के अंदर भी आप लोन नहीं चुकाते तो बैंक आपको एक नया नोटिस भेजेगा. इस फाइनल नोटिस की समय सीमा 30 दिन की होगी.
बैंक अधिकारी को बताएं अपनी दिक्कत
बैंक लोन देने से पहले ग्राहक की कर्ज चुकाने की क्षमता का आंकलन करते हैं. इसके बाद भी अगर आप किसी वित्तीय दिक्कत की वजह से लोन की किस्त नहीं चुका पा रहे हैं, तो आप किस्त बाउंस होते ही लोन देने वाले बैंक में जाएं. उसके मैनेजर से अपनी दिक्कत शेयर करें. आम तौर पर मैनेजर अगली किस्त ध्यान से चुकाने की सलाह देता है. अगर आपकी दिक्कत बड़ी है तो आप कुछ महीने के लिए मासिक किस्त होल्ड करने की बात करें. अगर पैसे की व्यवस्था हो गयी है तो बाउंस हुई किस्त की रकम चुका दें और बैंक के मैनेजर को भरोसा दें कि आगे से ऐसा नहीं होगा.
टैग्स