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बड़े, गैर -सूचीबद्ध स्टार्टअप की होगी निगरानी, जानें कैसे और कौन करेगा इनकी निगरानी?
byju’s, paytm पेमेंट्स बैंक और Bharatpay में हालिया नियामक चिंताओं के बाद बड़े, गैर-सूचीबद्ध स्टार्टअप की जांच के लिए एक सरकारी समिति का गठन किया गया है, जो इन स्टार्टअप्स की निगरानी करेगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
मिनिस्ट्री आफ कार्पोरेट अफेयर्स byju’s, paytm पेमेंट्स बैंक और Bharatpay में हालिया नियामक चिंताओं के बाद बड़े, गैर-सूचीबद्ध स्टार्टअप की जांच पर विचार कर रहा है. सरकार द्वारा नियुक्त पैनल कंपनी कानून समिति द्वारा बड़े गैर-सूचीबद्ध स्टार्टअप के लिए एक नियामक ढांचे को अंतिम रूप देने के लिए पिछले महीने बैठक बुलाई गई थी और जल्द ही फिर से बैठक होने की उम्मीद है. जिसमें इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा.
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार यह पहल paytm पेमेंट्स बैंक और byju’s जैसे प्रमुख स्टार्टअप के सामने आने वाली नियामक और कार्पोरेट प्रशासन चुनौतियों के बीच स्टार्टअप विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार के लक्ष्य के अनुरूप है. इसका उद्देश्य उन कंपनियों की निगरानी करना है, जो सीधे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और द सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया (सेबी) के अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार byju’s की निगरानी की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट जल्द सामने आएगी. वहीं, paytm पेमेंट्स बैंक के संबंध में अगर RBI से संपर्क किया जाता है, तो उसकी भी जांच होगी. हाल ही में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा जारी की गई एक स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर Bharatpay को भी एक नया नोटिस भेजा गया है.
ऐसे काम करेगी समिति
सूत्रों के अनुसार समिति अनुचित नियामक बोझ डाले बिना नियंत्रण बढ़ाने के लिए निवेशकों और बोर्ड निदेशकों के लिए मानदंडों और प्रावधानों का भी आकलन कर रही है. कार्पोरेट अफेयर्स के सचिव की अध्यक्षता वाली समिति में सरकारी अधिकारी, उद्योगपति और विशेषज्ञ शामिल हैं, जो व्यवसाय करने में आसानी की सुविधा प्रदान करते हुए कंपनी अधिनियम 2013 और लिमिटिड लायबिलिटी पार्टरनरशिप (एलएलपी) एक्ट 2008 के प्रभावी कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
कंपनी कानून के अनुसार एक स्टार्टअप को इसके तहत एक निजी कंपनी के रूप में परिभाषित किया गया है और उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की अधिसूचना के अनुसार इसे स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई है.
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