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SEBI की कार्रवाई पर Zee Entertainment Enterprises ने तोड़ी चुप्पी, कही ये बात
सेबी ने ZEEL के फंड को दूसरी कंपनियों में लगाए जाने के मामले में दोषी पाए जाने पर सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका पर कार्रवाई की है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 10 months ago
बाजार नियामक सेबी (SEBI) की कार्रवाई पर Zee Entertainment Enterprises Ltd- ZEEL की तरफ से बयान सामने आया है. ZEEL के चेयरमैन आर. गोपालन की तरफ से कहा गया है कि ZEEL का निदेशक मंडल डॉ. सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका के संबंध में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा जारी अंतरिम एकपक्षीय आदेश से अवगत है. बोर्ड विस्तृत आदेश की समीक्षा कर रहा है और आवश्यकतानुसार अगला कदम उठाने के लिए उचित कानूनी सलाह मांगी जा रही है.
क्या है सेबी की कार्रवाई?
SEBI ने एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ पुनीत गोयनका पर किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद (केएमपी) पर बने रहने पर रोक लगा दी है. यह कार्रवाई ZEEL के फंड को दूसरी कंपनियों में लगाए जाने के मामले में दोषी पाए जाने पर की गई है. सेबी के अनुसार, नियमों के कथित उल्लंघन के समय ZEEL के चेयरमैन चंद्रा और निदेशक गोयनका ने अहम प्रबंधकीय पद पर रहते हुए अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया और अपने निजी लाभ के लिए कंपनी के फंड दूसरी कंपनियों में लगा दिया.
बयान में कही ये बात
अब ZEEL ने सेबी की इस कार्रवाई पर चुप्पी तोड़ते हुए आधिकारिक बयान जारी किया है. आर. गोपालन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कंपनी आवश्यकतानुसार अगला कदम उठाने के लिए उचित कानूनी सलाह हासिल कर रही है. बयान में आगे कहा गया है कि साल-दर-साल शेयरधारक मूल्य बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ, कंपनी के बोर्ड ने भविष्य के लिए अपने रणनीतिक लक्ष्यों और प्राथमिकताओं के प्रति प्रबंधन का मार्गदर्शन करना जारी रखा है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि कंपनी और उसके सभी मूल्यवान शेयरधारकों के हितों को सबसे पहले रखा जाए, सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
13 कंपनियों में लगाया पैसा
कंपनी के आधिकारिक बयान में यह भी कहा गया है कि बोर्ड कंपनी के संस्थापक के रूप में डॉ. सुभाष चंद्रा द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान और पुनीत गोयनका द्वारा प्रदर्शित विकास और मूल्य सृजन केंद्रित नेतृत्व से भलीभांति परिचित है. बोर्ड को विश्वास है कि कंपनी निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करना जारी रखेगी. गौरतलब है कि सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि नियमों के कथित उल्लंघन के समय सुभाष चंद्रा और गोयनका ने अहम प्रबंधकीय पद पर रहते हुए अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया. निजी लाभ के लिए ZEEL के फंड को महज दो दिन में ही 13 कंपनियों में लगाया गया. ZEEL के शेयरों का मूल्य 2018-19 में 600 रुपए था. 2022-23 तक यह गिरकर 200 रुपए के करीब आ गया. कंपनी के लाभ में होने के बावजूद शेयर मूल्य में आई गिरावट से पता चलता है कि कंपनी में सब कुछ ठीक नहीं था.
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