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भारी पड़ेगा Bharat से बैर: महिंद्रा की राह चलीं ये कंपनियां, तो क्या करेगा Canada?
खालिस्तान के मुद्दे पर भारत और कनाडा के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. इस तनाव का असर दोनों देशों के व्यापार पर भी पड़ रहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
भारत से बैर लेकर कनाडा (India-Canada Tension) मुश्किल में पड़ गया है. एक तरफ जहां भारत सरकार कनाडा के खिलाफ कड़े कदम उठा रही है. वहीं, भारतीय कंपनियां भी कनाडा को झटका दे रही हैं. आनंद महिंद्रा के नेतृत्व वाले महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह ने कनाडा से अपना कारोबार समेट लिया है. इसी तरह, JSW स्टील ने भी कनाडा की टेक रिसोर्सेज के साथ होने वाली एक डील की रफ्तार धीमी कर दी है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में कुछ और कंपनियां भी कनाडा को लेकर कठोर फैसले ले सकती हैं.
इन कंपनियों का बड़ा निवेश
भारत और कनाडा के रिश्ते अच्छे रहे हैं. इस वजह से भारतीय कंपनियों ने कनाडा में बड़े पैमाने पर निवेश किया हुआ है. हमारी दिग्गज IT कंपनियां Wipro, TCS और Infosys कनाडा की इकॉनमी में अच्छा-खासा योगदान देती हैं. यदि आगे दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ता है और ये कंपनियां कनाडा को गुडबाय बोलती हैं, तो उत्तरी अमेरिका के इस देश के सामने गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा. हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे. इन भारतीय कंपनियों ने टोरंटो सहित कनाडा के कई शहरों में सेंटर खोले हुए हैं.
लगाए हैं 6.6 अरब डॉलर
Confederation of Indian Industry (CII) की एक रिपोर्ट बताती है कि करीब 30 भारतीय कंपनियों ने कनाडा में 6.6 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया हुआ है. ये कंपनियां हजारों लोगों को नौकरी भी दे रही हैं. ऐसे में यदि बढ़ते तनाव के मद्देनजर भारतीय कंपनियां कनाडा से कारोबार समेटती हैं, तो कनाडा की मुश्किलों में भारी इजाफा हो जाएगा. बता दें कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध काफी अच्छे रहे हैं. दोनों देश एक-दूसरे के यहां से कुछ न कुछ मंगवाते रहे हैं और अपनी जरूरतों को पूरा करते रहे हैं. फाइनेंशियल ईयर 2023 में भारत ने कनाडा 4.11 अरब डॉलर (करीब 34 हजार करोड़ रुपए) का सामान निर्यात किया था. जबकि उसका आयात 4.17 अरब डॉलर (करीब 35 हजार करोड़ रुपए) का था. वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान दोनों देशों के बीच 7 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था. वित्त वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा बढ़कर 8.16 अरब डॉलर पहुंच गया.
कनाडा की भी हिस्सेदारी
कनाडा ने भी भारतीय बाजार में पैसा लगा रखा है. एक रिपोर्ट बताती है कि कनाडा के बड़े पेंशन फंड्स का भारत में अगस्त तक 1.77 लाख करोड़ रुपए का निवेश था. इसमें से 1.5 लाख करोड़ इक्विटी मार्केट्स में इन्वेस्ट किए हुए हैं. कनाडा के पेंशन फंड CPPIB का भारत की कई कंपनियों में पैसा लगा है. इस लिस्ट में लॉजिस्टिक्स कंपनी डेल्हीवरी, कोटक महिंद्रा बैंक, जोमैटो, ब्लिंकिट, पेटीएम, इंडस टावर, नायका, विप्रो, इन्फोसिस और ICICI बैंक शामिल हैं. इसके अलावा, CPPIB ने देश की कई अनलिस्टेड कंपनियों में भी निवेश किया हुआ है.
इनका होता है आयात-निर्यात
भारत द्वारा कनाडा से मंगाए जाने वाले सामान की बात करें, तो उसमें न्यूजप्रिंट, कोयला, फर्टिलाइजर, वुड पल्प और एल्युमीनियम जैसे सामान शामिल हैं. इसके अलावा, भारत में कनाडा की दाल की काफी खपत है. साथ ही, भारत कनाडा से कृषि-बागबानी से जुड़े उत्पाद भी खरीदता है. विवाद बढ़ने की सूरत में भारत इन आइटम्स की खरीदारी के लिए किसी दूसरे देश का रुख कर सकता है, जिसका सीधा असर कनाडा की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. इसी तरह, कनाडा मेडिसिन, रेडीमेड कपड़े, अनस्टिच कपड़े, लोहा- स्टील, हीरे-जवाहरात आदि भारत से आयात करता है.
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